सरकार का देश में सूरजमुखी के क्षेत्र व उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर
तिलहन और आयल पाम मिशन की तरह सूरजमुखी को बढ़ावा दिया जाएगा : कृषि मंत्री श्री तोमर
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार का देश में सूरजमुखी (सनफ्लावर) के क्षेत्र और उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर है। इस संबंध में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्य सरकारों तथा संबंधित विशेषज्ञों के साथ एक बैठक में विस्तृत विचार-विमर्श किया। बैठक में श्री तोमर ने कहा कि जिस तरह से प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश में दलहन-तिलहन और राष्ट्रीय आयल पाम मिशन प्रारंभ किया गया है, उसी तरह सूरजमुखी को भी योजनाबद्ध ढंग से बढ़ावा दिया जाएगा। राज्यों व विशेषज्ञों के सुझावों का अध्ययन कर उसके आधार पर इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना बनाई जाएगी। उन्होंने घोषणा की कि सभी प्रमुख राज्य सरकारों और उद्योग, बीज संघों आदि जैसे हितधारकों तथा कृषि आयुक्त व अन्य संबंधित अधिकारियों की एक उप-समिति आगे की रूपरेखा बनाएगी। उन्होंने राज्यों से सूरजमुखी के उत्पादन को बढ़ाने का आग्रह करते हुए राज्य सरकारों को बीज, उद्योगों को सूक्ष्म सिंचाई सहायता आदि जैसे के समर्थन का आश्वासन भी दिया।
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर की अध्यक्षता में, नई दिल्ली स्थित कृषि भवन हुई इस उच्चस्तरीय बैठक में उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु सहित अन्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया, वहीं तिलहन क्षेत्र के विभिन्न महत्वपूर्ण हितधारकों, जैसे राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, नेशनल सीड्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया सहित निजी क्षेत्र के उद्यमियों आदि के साथ भी केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने बातचीत की। बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी व सुश्री शोभा करंदलाजे तथा कृषि सचिव श्री संजय अग्रवाल भी उपस्थित थे। संयुक्त सचिव श्रीमती शुभा ठाकुर ने बैठक का संचालन करते हुए सूरजमुखी के क्षेत्र और उत्पादन पर प्रकाश डाला। सूरजमुखी महत्वपूर्ण तिलहन फसलों में से एक है, जिसे प्रमुख रूप से कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा में उगाया जाता है। सूरजमुखी के क्षेत्र की गुंजाइश अन्य राज्यों में भी है, जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़ आदि।
बैठक में, उ.प्र. सरकार ने सूक्ष्म सिंचाई के समर्थन से सूरजमुखी क्षेत्र विस्तार में रुचि दिखाते हुए कहा कि सरसों की सफलता के मॉडल को सूरजमुखी के लिए दोहराने की जरूरत है। कर्नाटक, किसानों की आय बढ़ाने के लिए सुनिश्चित सिंचाई सुविधा के साथ सीमांत भूमि में, विशेषकर रबी मौसम में क्षेत्र विस्तार कार्यक्रम जारी रखने के लिए तैयार है। कर्नाटक सरकार ने राज्य के पश्चिमी घाट क्षेत्र में प्रमुख फसलों जैसे अरहर, सोयाबीन, मक्का की इंटरक्रॉपिंग के साथ सोयाबीन की खेती की भी वकालत की तथा बाजरा कार्यक्रम के पैटर्न पर सूरजमुखी क्षेत्र के विस्तार में रुचि दिखाई। आंध्र प्रदेश ने धान क्षेत्र में टीआरएफए भूमि के विस्तार द्वारा सूरजमुखी की खेती में रुचि दिखाई, विशेष रूप से जहां बोरवेल स्थापित हैं। वहीं, पंजाब धान के रकबे को डायवर्जन कर क्षेत्रविस्तार के लिए तैयार है। हरियाणा ने लगभग 30000 एकड़ के आलू परती क्षेत्र में क्षेत्र विस्तार की योजना बनाई है। तिलहन क्षेत्र के महत्वपूर्ण हितधारकों ने सूरजमुखी के लिए अलग मिनी-मिशन, बीज उपलब्धता, रोग-कीट नियंत्रण, बाजार समर्थन एवं बीमा सहायता के लिए अनुरोध किया है।