केंद्र ने खाद्य तेल की कीमतों में कमी सुनिश्चित करने के लिए फिर से राज्यों को पत्र लिखा

केंद्र ने खाद्य तेल की कीमतों में कमी सुनिश्चित करने के लिए फिर से राज्यों को पत्र लिखा

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) खाद्य तेलों पर भंडारण सीमा आदेश पर की गई कार्यवाही की समीक्षा के लिए कल सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक करेगा

त्यौहार सीजन के मद्देनजर खाद्य तेल की कीमतों को कम करने के लिए केंद्र द्वारा उठाए जा रहे हैं कड़े कदम

हितधारकों ने भंडारण क्षमता के दो महीने से अधिक के स्टॉक को न रखने की सलाह दी

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) खाद्य मूल्यों पर भंडारण सीमा आदेश पर की गई कार्यवाही की समीक्षा के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सोमवार, 25 अक्टूबर, 2021 को सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक करेगा।

डीएफपीडी सचिव श्री सुधांशु पांडे द्वारा सभी राज्यों को लिखे गए पत्र में विभाग ने जानकारी देते हुए कहा है कि उपभोक्ताओं की राहत के लिए और त्यौहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए खाद्य तेलों के मूल्य को कम करने के लिए केंद्र द्वारा उठाए गए कदमों की रूपरेखा तैयार की है।

डीएफपीडी खाद्य तेलों के मूल्यों और उपभोक्ताओं को इनकी उपलब्धता की निगरानी कर रहा है। यह आगामी त्यौहारी सीजन के संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जिसमें खाद्य तेलों की मांग बढ़ेगी। सरकार द्वारा इससे पूर्व ही विभिन्न कदम उठाए जा चुके हैं जैसे सभी राज्यों और खाद्य तेल उद्योग संघों के साथ वार्तालाप के आधार पर भंडारण की जानकारी देने के लिए अधिसूचना जारी की गई है और डीएफपीडी ने देश में साप्ताहिक आधार पर खाद्य तेलों/तिलहन के भंडारण की निगरानी के लिए एक वेब पोर्टल बनाया है।

उपभोक्ताओं की पसंद के अनुसार विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए खाद्य पदार्थों की मांग और खपत अलग-अलग होती है। हालांकि, खाद्य तेलों और तिलहनों की भंडारण सीमा की मात्रा को अंतिम रूप देने के लिए राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश खाद्य तेलों और तिलहनों के लिए तय की गई पिछली भंडारण सीमा पर विचार/जानकारी ले सकते हैं। यह विचार किया जा सकता है कि किसी भी हितधारक (रिफाइनर, मिलर, थोक व्यापारी आदि) को भंडारण क्षमता का दो महीने से अधिक स्टॉक नहीं रखना चाहिए।

मार्गदर्शन के लिए राज्य पूर्व में निर्धारित की गई सांकेतिक सीमाओं को प्राथमिकता दे सकते हैं और यह विचार के लिए पत्र के साथ संलग्न हैं। हालांकि, अन्य श्रेणियों के लिए राज्य के लिए उपयुक्त समान मात्रा निर्धारित की जा सकती है। उदाहरण के लिए रिफाइनर के लिए पिछले छह महीनों के औसत पैमाने के अधिकतम 2 महीने के स्टॉक का उपयोग किया जा सकता है। इसी तरह, एक्सट्रैक्टर्स/मिलर्स के लिए मात्रा निर्धारित की जा सकती है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS