12 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियों ने खराब मौसम और चक्रवात का सामना करते हुए पूर्वी राज्यों से 969 मीट्रिक टन एलएमओ के साथ देश को सहायता पहुंचाई
इन 12 ऑक्सीजन एक्सप्रेस में तमिलनाडु के लिए 3 ट्रेनें, आंध्र प्रदेश के लिए 4 और दिल्ली क्षेत्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम और केरल के लिए 1-1 ट्रेन शामिल है
ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा देश में 17,945 एमटी से अधिक एलएमओ पहुंचाई गई
झारखंड में पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस पहुंची और यह ऑक्सीजन प्राप्त करने वाली 15वां राज्य बना
अब तक 1080 टैंकरों के साथ 272 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियों ने 15 राज्यों को सहायता पहुंचाई
ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 15 राज्यों- उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और असम को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई
महाराष्ट्र में 614 एमटी ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3731 एमटी, मध्य प्रदेश में 633 एमटी, दिल्ली में 4910 एमटी, हरियाणा में 1911 एमटी, राजस्थान में 98 एमटी, कर्नाटक में 1653 एमटी, उत्तराखंड में 320 एमटी, तमिलनाडु में 1158एमटी, आंध्र प्रदेश में 929 एमटी, पंजाब में 225 एमटी, केरल में 246 एमटी, तेलंगाना में 1312 एमटी, झारखंड में 38 एमटी और असम में 160 एमटी ऑक्सीजन पहुंचाई गई
भारतीय रेलवे सभी बाधाओं को पार करते हुए तथा नए समाधान निकाल कर देश के विभिन्न राज्यों में तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाना जारी रखे हुए है। भारतीय रेलवे द्वारा अभी तक देश के विभिन्न राज्यों में 1080 से अधिक टैंकरों में 17,945 मीट्रिक टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) पहुंचाई गई है।
ज्ञात हो कि लगभग 272 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियों ने अब तक अपनी यात्राएं पूरी कर ली हैं और विभिन्न राज्यों को सहायता पहुंचाई है।
सहायता पहुंचाने का काम कल देर तक जारी रहा और 969 एमटी तरल मेडिकल ऑक्सीजन के साथ 12 ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां पूर्वी राज्यों से खराब मौसम और चक्रवात का सामना करती हुई चलीं।
इन 12 ऑक्सीजन एक्सप्रेस में तमिलनाडु के लिए 3 ट्रेनें, आंध्र प्रदेश के लिए 4 और दिल्ली क्षेत्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम और केरल के लिए 1-1 ट्रेन शामिल हैं।
दक्षिणी राज्यों में तमिलनाडु, कर्नाटक और तेलंगाना प्रत्येक में एलएमओ की डिलीवरी 1000 एमटी को पार गई।
झारखंड ने पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस की अगवानी की और यह रेल से ऑक्सीजन प्राप्त करने वाला देश का 15वां राज्य बन गया ।
भारतीय रेलवे का यह प्रयास रहा है कि ऑक्सीजन का अनुरोध करने वाले राज्यों को कम से कम संभव समय में अधिक से अधिक संभव ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस द्वारा 15 राज्यों- उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड और असम को ऑक्सीजन सहायता पहुंचाई गई है।
अब तक महाराष्ट्र में 614 एमटी ऑक्सीजन, उत्तर प्रदेश में लगभग 3731, मध्य प्रदेश में 633 एमटी, दिल्ली में 4910 एमटी, हरियाणा में 1911 एमटी, राजस्थान में 98 एमटी, कर्नाटक में 1653 एमटी , उत्तराखंड में 320 एमटी, तमिलनाडु में 1158 एमटी, आंध्र प्रदेश में 929 एमटी, पंजाब में 225 एमटी, केरल में 246 एमटी, तेलंगाना में 1312 एमटी, झारखंड में 38 एमटी और असम में 160 एमटी ऑक्सीजन पहुंचाई गई है।
रेलवे ने ऑक्सीजन सप्लाई स्थानों के साथ विभिन्न मार्गों की मैपिंग की है और राज्यों की बढ़ती हुई आवश्यकता के अनुसार अपने को तैयार कर ऱखा है। भारतीय रेलवे को एलएमओ लाने के लिए टैंकर राज्य प्रदान करते हैं।
ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने 32 दिन पहले 24 अप्रैल को महाराष्ट्र में 126 एमटी तरल मेडिकल ऑक्सीजन डिलीवर करने के साथ अपना काम शुरू किया था।
पूरे देश से जटिल परिचालन मार्ग नियोजन परिदृश्य में भारतीय रेलवे ने पश्चिम में हापा, बड़ौदा, मुंद्रा, पूर्व में राउरकेला, दुर्गापुर, टाटा नगर, अंगुल से ऑक्सीजन लेकर उत्तराखंड, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, हरियाणा, तेलंगाना, पंजाब, केरल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश तथा असम को ऑक्सीजन की डिलीवरी की है।
ऑक्सीजन सहायता तेज गति से पहुंचाना सुनिश्चित करने के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस माल गाड़ी चलाने में नए और बेमिसाल मानक स्थापित कर रहा है। लंबी दूरी के अधिकतर मामलों में माल गाड़ी की औसत गति 55 किलोमीटर से अधिक रही है। उच्च प्रथमिकता के ग्रीन कॉरिडोर में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए विभिन्न मंडलों के परिचालन दल अत्यधिक चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में काम कर रहे हैं ताकि तेज संभव समय में ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। विभिन्न सेक्शनों में कर्मियों के बदलाव के लिए तकनीकी ठहराव (स्टॉपेज) को घटाकर 1 मिनट कर दिया गया है।
रेल मार्गों को खुला रखा गया है और उच्च सतर्कता बरती जा रही है ताकि ऑक्सीजन एक्सप्रेस समय पर पहुंच सकें।
यह सभी काम इस तरह किया जा रहा है कि अन्य माल ढ़ुलाई परिचालन में कमी नहीं आए।
नई ऑक्सीजन लेकर जाना बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है और आंकड़े हर समय बदलते रहते हैं। देर रात ऑक्सीजन से भरी और अधिक ऑक्सीजन एक्सप्रेस गाड़ियां यात्रा प्रारंभ करेंगी।
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