विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग द्वारा "एक दिन एक घंटा एक साथ: राष्ट्रव्यापी स्वैच्छिक श्रमदान" पहल
स्वच्छता ही सेवा -2025 अभियान के दौरान आयोजित विविध गतिविधियों के साथ न्याय विभाग ने एक और उपलब्धि हासिल की
विधि एवं न्याय मंत्रालय के न्याय विभाग ने स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस) 2025 -स्वच्छोत्सव अभियान के अंतर्गत 25.09.2025 को जैसलमेर हाउस में राष्ट्रव्यापी स्वैच्छिक श्रमदान - "एक दिन एक घंटा एक साथ" क्रियाकलाप में भाग लिया।
न्याय विभाग के सचिव ने कार्यस्थल पर स्वच्छता, सफाई और अनुशासन की संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इस अभियान का नेतृत्व किया और इस वर्ष के "स्वच्छोत्सव" की थीम के अनुरूप सामूहिक प्रयासों की शक्ति पर प्रकाश डाला। उन्होंने राष्ट्र के उत्सव की भावना को जोड़ते हुए, स्वच्छ भारत के दृष्टिकोण को सुदृढ़ किया। श्रमदान का मुख्य उद्देश्य स्थायी पर्यावरण और सभी के कल्याण पर केंद्रित था।
विभाग की ओर से आईपीसीए की उप निदेशक डॉ. राधा गोयल द्वारा तीन 'आर' - रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकल पर एक संक्षिप्त सत्र भी अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आयोजित किया गया था। इस सत्र में अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़ी गतिविधियों को पुनर्व्यवस्थित करने और पर्यावरणीय प्राथमिकताओं को महत्व देने के लिए इन सिद्धांतों को अपने दैनिक जीवन में इस्तेमाल करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। इस सत्र का उद्देश्य स्थायी प्रणालियों को अपनाना था।
एसएचएस-2025 के फोकस क्षेत्रों में से एक, स्वच्छ हरित उत्सव के अंतर्गत, जैसलमेर हाउस के सामने वाले लॉन में वृक्षारोपण अभियान भी आयोजित किया गया है।