होमस्टे सुविधाओं को प्रोत्साहन
पर्यटन मंत्रालय अतुल्य भारत बैड एंड ब्रेकफास्ट प्रतिष्ठानों के वर्गीकरण की अपनी स्वैच्छिक योजना के तहत उत्तराखंड राज्य सहित देश में होमस्टे सुविधाओं के पूरी तरह से संचालित कमरों को वर्गीकृत करता है। मंत्रालय द्वारा जारी मौजूदा दिशानिर्देशों के आधार पर होमस्टे को दो श्रेणियों गोल्ड श्रेणी और सिल्वर श्रेणी के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है।
भारत सरकार ने देश भर में होमस्टे की स्थापना में सहायता और प्रोत्साहन देने के लिए 2025-26 की बजट घोषणा में होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण प्राप्त करने के लिए बिना संपत्ति को गिरवी रखे संस्थागत ऋण की घोषणा की है।
इसके अतिरिक्त, सरकार ने जनजातीय समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान को मंजूरी दी है और 1000 होमस्टे का विकास इस योजना का एक हिस्सा है। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश जारी दिशानिर्देशों के अनुसार पात्रता के अधीन 5-6 गांवों के एक ग्राम समूह में प्रति गांव 5-10 होमस्टे के लिए अधिकतम 5 करोड़ रुपये की सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन सेवा प्रदाताओं और आतिथ्य क्षेत्र, जिनमें होमस्टे के मालिक भी शामिल हैं, को शिक्षा, प्रशिक्षण और प्रमाणन प्रदान करने के लिए "सेवा प्रदाताओं के लिए क्षमता निर्माण" (सीबीएसपी) योजना लागू की है, ताकि पर्यटन उद्योग के हर स्तर पर जनशक्ति को उन्नत किया जा सके और देश की विशाल पर्यटन क्षमता का अधिकतम लाभ उठाया जा सके, साथ ही स्थानीय जनता को पेशेवर विशेषज्ञता प्रदान की जा सके और शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन क्षेत्र में नए अवसरों का सृजन किया जा सके।
पर्यटन मंत्रालय अपनी अतुल्य भारत वेबसाइट के माध्यम से देश भर में विभिन्न पर्यटन प्रस्तावों की डिजिटल पहुंच को बढ़ाने का लक्ष्य रखता है, इसे एक वन-स्टॉप डिजिटल सूचना और सेवा मंच में बदलता है जो एक पर्यटक की सभी आतिथ्य, यात्रा और पर्यटन संबंधी जरूरतों को पूरा करता है।
उद्योग में निजी कंपनियों ने विभिन्न ऑनलाइन पोर्टल या ओटीए शुरू किए हैं जो होमस्टे की बुकिंग सहित बुकिंग सुविधाएँ प्रदान करते हैं।
यह जानकारी केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।