एमईआईटीवाई ने आई एम सर्कुलर कॉफी टेबल बुक लॉन्च की

एमईआईटीवाई ने 'आई एम सर्कुलर' कॉफी टेबल बुक लॉन्च की

भारत के 30 सर्कुलर अर्थव्यवस्था नवाचारों पर केंद्रित है 'आई एम सर्कुलर'

इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने इंटरनेशनल काउंसिल फॉर सर्कुलर इकोनॉमी (आईसीसीई) संपादित 'आई एम सर्कुलर' कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। यह पुस्तक सर्कुलर अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में भारत की अभिनव भावना का जीवंत उत्सव है।

तकनीक-संचालित समावेशी विकास

इस अवसर पर अपने मुख्य भाषण में, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में अपर सचिव और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के महानिदेशक श्री अभिषेक सिंह ने स्थायित्व के लिए नवाचार को बढ़ावा देने वाली प्रणाली को सक्षम करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "यह पहल जिम्मेदार विकास और समावेशी विकास के लिए प्रौद्योगिकी को एकीकृत करने के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के दृष्टिकोण के अनुरूप है। 'आई एम सर्कुलर' पुस्तक सर्कुलर अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत की नवाचार क्षमता का गौरवपूर्ण प्रतिनिधित्व करती है।"

उन्होंने कहा कि एमईआईटीवाई इस पहल के सफल क्रियान्वयन में सहयोग के लिए इंटरनेशनल काउंसिल फॉर सर्कुलर इकोनॉमी की सराहना करता है। उन्होंने कहा कि 'आई एम सर्कुलर' कॉफी टेबल बुक महज एक प्रकाशन नहीं है, बल्कि यह भारत की रचनात्मक क्षमता का प्रमाण है, जिम्मेदार नवाचार का एक स्तुतिगान है और एक टिकाऊ, सर्कुलर भविष्य के निर्माण के लिए हमारी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

इस कार्यक्रम में एसईआरआई के सलाहकार डॉ. संदीप चटर्जी, एमईआईटीवाई के वैज्ञानिक श्री सुरेंद्र गोथरवाल, आईसीसीई के सलाहकार श्री पूरन चंद्र पांडे, आईसीसीई के निदेशक श्री रविंदर दहिया, और आईसीसीई की प्रबंध निदेशक सुश्री शालिनी गोयल भल्ला भी उपस्थित थीं।

कॉफ़ी टेबल बुक के बारे में

' आई एम सर्कुलर' कॉफी टेबल बुक में भारत के 30 सबसे आशाजनक नवाचारों को शामिल किया गया है, जिन्हें राष्ट्रव्यापी 'आई एम सर्कुलर' चैलेंज के माध्यम से पहचाना गया है। यह सर्कुलर अर्थव्यवस्था के सिद्धांतों में निहित सफल समाधानों की खोज और विस्तार करने के लिए डिज़ाइन की गई पहल है। चयनित नवाचार तीन प्रमुख विषयों डिज़ाइन टू लास्ट, वर्क विद नेचर, और यूज एक्जिस्टिंग रिसोर्सेस पर आधारित हैं:

इलेक्ट्रॉनिक अपशिष्ट पुनर्चक्रण और आईओटी आधारित परिपत्र समाधानों से लेकर हरित सामग्रियों और डिजिटल मरम्मत प्लेटफार्मों तक, प्रदर्शित नवाचार एक ऐसे भविष्य को दर्शाते हैं जहां संसाधनों का जिम्मेदारी से उपयोग किया जाता है, अपशिष्ट को कम से कम किया जाता है, और प्रौद्योगिकी और स्थायित्व एक साथ आती है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS