एनीमिया और हिडन हंगर पर नीति संवाद, मध्यप्रदेश की अलग रणनीति

एनीमिया और हिडन हंगर पर नीति संवाद, मध्यप्रदेश की अलग रणनीति

एनीमिया को समग्र रूप से दूर करने के लिये विभागों के बीच होगा समन्वय

भोपाल : नीति आयोग की कार्यशाला में विशेषज्ञों ने कहा है कि मध्यप्रदेश में एनीमिया के उन्मूलन के लिये सभी सम्बद्ध विभागों के बीच बेहतर समन्वय आवश्यक है। मध्यप्रदेश में एनीमिया और हिडन हंगर की स्थिति पर राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) से जानकारी साझा की गई। नीति आयोग द्वारा एनीमिया और हिडन हंगर पर विशेषज्ञों ने गत दिवस एक कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के संदर्भ में व्यापक चर्चा की।

आयुक्त खाद्य, श्री सिवि चक्रवर्ती ने राज्य के फोर्टिफाइड चावल कार्यक्रम और एनीमिया से जुड़े महिला कार्यबल की कम भागीदारी को एक बड़ी चुनौती के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने कार्यबल पर एनीमिया के प्रभाव का आंकलन करने और डेटा का उपयोग करके प्रभावी रणनीतियाँ तैयार करने का सुझाव दिया। संयुक्त नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन श्रीमती माया अवस्थी ने हिडन हंगर और राज्य में फोर्टिफिकेशन प्रयासों, विशेष रूप से सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से डबल-फोर्टिफाइड नमक के वितरण पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने एनीमिया को समाप्त करने के लिए विभागों के बीच समन्वय के महत्व को रेखांकित किया।

एफएसएसएआई के डॉ. अमित शर्मा ने सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने वाले नियामक ढांचे पर चर्चा की, जिसमें खाद्य सुरक्षा और फोर्टिफिकेशन मानकों के लिए अधिदेश पर ध्यान केंद्रित किया गया। श्री मुदित कपूर ने मध्यप्रदेश में घरेलू आहार प्रवृत्तियों पर डेटा प्रस्तुत किया, जिसमें क्षेत्रीय विविधताओं, आहार विविधता में सुधार और अनाज की खपत में गिरावट को रेखांकित किया गया। उन्होंने शहरी क्षेत्रों में बेहतर गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थों की ओर बदलाव की जानकारी दी।

बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की सुश्री रुचिका चुघ सचदेवा ने कुपोषण को दूर करने के लिए वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया और फोलिक एसिड फोर्टिफिकेशन और आहार विविधता रणनीतियों पर जोर दिया। साथ ही न्यूट्रिशन इंटरनेशनल की सुश्री साक्षी जैन और फोर्टिफाई हेल्थ की डॉ. जोशिता लांबा ने राज्य में क्षमता निर्माण, तकनीकी सहायता और जन-जागरूकता अभियानों पर प्रकाश डाला।

डॉ. अभिजीत पी. पाखरे और श्रीमती अमिता सिंह ने खाद्य फोर्टिफिकेशन कार्यक्रमों के त्वरित और साक्ष्य-आधारित कार्यान्वयन की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने एनीमिया उन्मूलन के लिए डेटा उत्पन्न करने और नीतियों को मजबूत करने पर जोर दिया।

बैठक में नीति आयोग के डॉ. धापानी ने स्वागत उद्बोधन दिया, जिसमें उन्होंने मध्यप्रदेश में एनीमिया और हिडन हंगर की स्थिति पर जानकारियाँ साझा कीं। उन्होंने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच के अंतर पर प्रकाश डाला और पोषण निगरानी और हस्तक्षेप को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। श्रीमती पूर्णिमा शर्मा ने सभी का आभार माना।

एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने

Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS