मकान खंडहर होने से बुजुर्ग पिता को छोड़ बच्चे सपरिवार दूसरे शहरों में रहने को मजबूर
प्रधानमंत्री आवास योजना में अपात्रों ने गरीबों के हक को छीना
रिपोर्ट :- विजय द्विवेदी
ऊमरी, जालौन । प्रधानमंत्री आवास योजना में अपात्र एवं जुगाड़ू लोगों ने गरीब तथा निर्धनों के हक के आवास हथिया कर सरकार की लोक कल्याणकारी योजना में जमकर पलीता लगाया है । आर्थिक तंगी के कारण अनेक परिवारो के मकान जर्जर व खंडहर हो जाने से वीरान हो गये है , परिणाम स्वरूप जवान हुए बच्चे अपने-अपने परिवार सहित अलग-अलग शहरों में जाकर भरण पोषण के लिए छुटपुट काम करते हुए अपने वृद्ध पिता से दूर रहने को मजबूर हैं।
माधौगढ़ तहसील क्षेत्र अंतर्गत नगर पंचायत ऊमरी के बिलौहां मोहल्ला वार्ड क्रमांक तीन निवासी 65 वर्षीय बजरंग सहाय पुत्र मनफुले राठौर अपने पुश्तैनी मकान को निरंतर जर्जर हो गिरते हुए देखकर अपनी गरीबी व वदनसीबी पर आंसू बहते रहते है। सरकार की योजनाओं को अखबारों में पढ़ने एवं सरकार के कार्यों के वितरित होने वाले पत्रको को पढकर सरकार की योजनाओं व सहायता की वाट जोहते नही थके है। प्रत्येक जनप्रतिनिधि एवं समाजसेवी से मदद की गुहार करते हैं लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस गरीब की सुनने वाला कोई नहीं है । बजरंग सहाय के पुराने हो चुके मकान की बनावट बताती है कि यह घर कभी आर्थिक रूप से संपन्न रहा होगा , यहां कभी खुशहाली से पांव पसारे होंगे, भरे पूरे परिवार में बच्चों की किरकारियां गूंजती रही होगी लेकिन अब यहां गृह स्वामी बजरंग सहाय की मौन उपस्थिति में सन्नाटे की सिवा कुछ भी नहीं है , अंदर मकान की छत में लगी लकडी की करी (मोटी चौकोर गाटरनुमा मजबूत लकड़ी) पर लकड़ी के पटिया पटी हुई जिस पर मजबूत कच्ची पक्की छत होती है। आंगन जिसमें पक्का स्नानागार, रसोई, कई पुराने बनावट के कमरे इस मकान की एवं मकान में रहने वालों की संपन्नता की दास्तान कहते हैं लेकिन अब यहां जर्जर गिरी हुई दिवालें, टूटी छतें एवं घर में टूटे-फूटे सामान, पुराने टीन के चद्दर से थोड़ी बहुत की गई अस्थाई छाया अपने उजड़े चमन की कहानी बयां कर रहे हैं। इस मकान में रहने वाले बजरंग सहाय ने बताया कि मेरे दो बच्चे हैं इनका विवाह हो गया है घर में उनके उठने बैठने रहने सोने खाना पकाने के लिए जगह न होने से मेरे दोनों बच्चों में एक जयपुर में सब्जी बेचता है तथा दूसरा दिल्ली में बीड़ी बंडल गुटखा बेचकर किसी तरह अपने परिवार के भरण पोषण की जुगाड़ करता है। बाहर कमा खा रहे दोनों बच्चों की भी आर्थिक स्थिति अच्छी न होने से बजरंग सहाय अपने पुराने खंडहरनुमा मकान में अकेले रहने को मजबूर है । उन्होंने बताया कि उनके पास मात्र 80 डिस्मिल जमीन है जिस पर कुछ पैदा हो जाता है एवं कुछ राशन कार्ड पर अनाज मिल जाता है जिससे भोजन का जुगाड़ बना रहता है लेकिन बहुत प्रयास के बाद बावजूद सरकार से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका है । नगर पंचायत अध्यक्ष विजय कुमार सिंह (बब्बू)भदौरिया से पूछे जाने पर उन्होंने बताया की पूर्व में स्थानीय प्रशासन कि गलत व तुष्टिकरण की नीतियों के कारण कुछ अपात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास मिल गए हैं जिसके कारण जो वास्तव में गरीब पात्र हैं नगर में ऐसे अनेक लोग आवासीय लाभ होने से वंचित रह गए हैं उन्हें चिन्हित करवाने का काम किया जा रहा है , प्रशासन के सक्षम अधिकारियों से सम्पर्क करके शीघ्र ही उन्हें भी आवास दिलाए जाने का प्रयास किया जाएगा ।
बीजेपी बूथ अध्यक्ष हैं बजरंग सहाय
ऊमरी,जालौन। जर्जर मकान में अकेला रहने को मजबूर बजरंग सहाय भारतीय जनता पार्टी माधौगढ़ विधानसभा क्षेत्र में ऊमरी नगर के बूथ क्रमांक 86 के अध्यक्ष हैं । आर्थिक तंगी से जूझते बूथ अध्यक्ष अपने खंडहर मकान पर गर्व से भाजपा का झंडा लगाए हैं। सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं के पत्रक बांटते हुए बजरंग सहाय लोगों को भारतीय जनता पार्टी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताते नहीं थकते हैं जिसमें यह भी बताते हैं कि सरकार ने कितने गरीबों को प्रधानमंत्री आवास देकर उन्हें छत उपलब्ध कराई है जब लोग उनसे पूछते हैं कि तुम्हें आवास क्यों नहीं मिला तो बेचारे शर्म से आंखे चुराकर कहते हैं मुझे भी मिल जाएगा। भाजपा सरकार बनने के बाद अनेक छुटभैया नेता जिनके पास कल एक ही कुर्ता पाजामा था उसे धोकर प्रेस करके नेतागिरी करने निकलते थे वह आज लक-दक चमकदार कपड़ों में कलफ लगाएं चार पहिया की लग्जरी गाड़ी में सायरन बजाते घूम रहे हैं और वह कार्यकर्ता जो वास्तव में बूथ पर संगठन का काम करके पार्टी की सरकार बनवाने के लिए संघर्षरत है वह आज स्वयं अपने जीवन उपयोगी व्यवस्था को जुटाने के लिए संघर्ष कर रहा हैं।