केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात के शिक्षा मंत्री से भेंट की

श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात के शिक्षा मंत्री माननीय डॉ. अहमद अल फलासी से भेंट की     भारत और यूएई के शिक्षा मंत्रियों ने मौजूदा शैक्षणि‍क सहयोग को मजबूत करने के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जिससे विद्यार्थि‍यों और संकाय को आवागमन में काफी सुविधा होगी    यूएई एक वैश्विक आर्थिक हॉटस्पॉट है और भारत एक वैश्विक प्रतिभा हॉटस्पॉट है,  इसलिए दोनों ही पक्षों को हमारे सभ्यतागत जुड़ाव को मजबूत करने हेतु एक ज्ञान सेतु का निर्माण करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए: श्री धर्मेन्द्र प्रधान    श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अभिनव और परिवर्तनकारी शिक्षा प्रदान करने वाले स्कूल ‘42 अबू धाबी’ का दौरा किया     केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के शिक्षा मंत्री माननीय डॉ. अहमद अल फलासी से भेंट की। इन दोनों ही मंत्रियों ने मौजूदा शैक्षणि‍क सहयोग को मजबूत करने के लिए एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जिससे छात्रों और संकाय के आवागमन के साथ-साथ विभिन्न अन्य पहलों में भी काफी सुविधा होगी। इसके साथ ही मंत्री महोदय ने अभिनव और परिवर्तनकारी शिक्षा प्रदान करने वाले स्कूल ‘42 अबू धाबी’ का दौरा किया। मंत्री महोदय संयुक्त अरब अमीरात के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरे से शिक्षा और कौशल क्षेत्र में आपसी हित वाले महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग, भागीदारी और सामंजस्‍य को काफी बढ़ावा मिलेगा।        यूएई के शिक्षा मंत्री के साथ बैठक के दौरान, श्री प्रधान ने कहा कि यूएई एक वैश्विक आर्थिक हॉटस्पॉट है और भारत एक वैश्विक प्रतिभा हॉटस्पॉट है, इस लिहाज से दोनों देशों को अपने सभ्यतागत जुड़ावों को मजबूत करने के लिए एक ज्ञान सेतु निर्मित करने हेतु साथ मिलकर काम करना चाहिए।    दोनों मंत्रियों ने शिक्षा और कौशल विकास में द्विपक्षीय गतिविधियों की समीक्षा की। विशेष रूप से जी-20 इंडिया के हिस्से के रूप में चौथी ईडीडब्ल्यूजी के दौरान अलग से हुई आपसी बैठक के दौरान जिन बिंदुओं पर चर्चा की गई थी, उनकी प्रगति की समीक्षा हुई। उन्होंने शैक्षणिक और कौशल योग्यताओं की पारस्परिक मान्यता, यूएई में भारतीय संस्थानों की मान्यता के लिहाज से हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और इस क्षेत्र में निरंतर काम करने की ज़रूरत बताई। दोनों मंत्रियों ने संस्थागत तंत्रों को सुदृढ़ करने और छात्रों तथा कार्यबल की सुगम गतिशीलता के लिए प्रक्रियाओं में तेजी लाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।    श्री धर्मेंद्र प्रधान ने यूएई में भारतीय पाठ्यक्रम का पालन करने वाले स्कूलों को समर्थन देने के लिए डॉ. अहमद बेलहौल को धन्यवाद दिया। साथ ही, भारत और यूएई के बीच छात्रों के आदान-प्रदान कार्यक्रमों को सुगम करने के तरीकों पर भी चर्चा की गई।          बैठक के दौरान, मंत्रियों ने एक महत्वपूर्ण सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। सहमति पत्र का उद्देश्य, छात्र और संकाय के आवागमन; संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रम; पाठ्यक्रम डिजाइन करना; सम्मेलनों, व्याख्यानों, संगोष्ठियों, पाठ्यक्रमों, दोनों देशों के आपसी हितों से संबंधित क्षेत्रों में वैज्ञानिक और शैक्षिक प्रदर्शनियों का आयोजन और भागीदारी; आदि की सुविधा प्रदान करके दोनों देशों में शैक्षणिक संस्थानों के क्षेत्र में मौजूदा सहयोग को मजबूत करना है।          यह निम्नलिखित क्षेत्रों में सूचनाओं के आदान-प्रदान की भी सुविधा प्रदान करेगा:    • दोनों देशों के सामान्य और उच्च शिक्षा में विनियम, कानूनी संरचनाएं और सर्वोत्तम तौर-तरीके।    • दोनों देशों के बीच योग्यता की पारस्परिक मान्यता को सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय योग्यता फ्रेमवर्क सहित सामान्य और उच्च शिक्षा के लिए फ्रेमवर्क और नीतियां।    • प्रतिभाशाली कौशल विकास, परामर्श और कल्याण के क्षेत्रों में फ्रेमवर्क व नीतियां।    • दोहरी व्यवस्था, संयुक्त डिग्री और दोहरी डिग्री कार्यक्रमों की पेशकश के लिए दोनों देशों के उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच अकादमिक सहयोग की सुविधा।    • इस सहमति पत्र के तहत तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण (टीवीईटी) शिक्षण कर्मियों के क्षमता-विकास के क्षेत्र में सहयोग की परिकल्पना की गई है।    • सहमति पत्र एक संयुक्त कार्यसमूह के निर्माण की सुविधा प्रदान करेगा, जिसकी अध्यक्षता भारत और संयुक्त अरब अमीरात के शिक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि करेंगे। इस सहमति पत्र के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए संयुक्त कार्यसमूह (जेडब्लूजी) वर्ष में कम से कम एक बार बारी-बारी से बैठक आयोजित करेगा।    श्री प्रधान ने अबू धाबी इंडियन स्कूल (एडीआईएस) में छात्रों और शिक्षकों के साथ सार्थक चर्चा की। श्री प्रधान ने कहा कि अबू धाबी में भारतीय समुदाय के सबसे बड़े स्कूलों में से एक, एडीआईएस भारतीय छात्रों का बेहतर मार्गदर्शन कर रहा है और उन्हें भारत एवं संयुक्त अरब अमीरात, दोनों देशों की संस्कृति, मूल्यों एवं लोकाचार से ओतप्रोत कर रहा है। उन्होंने कहा कि ये छात्र भविष्य के वैश्विक नागरिक और भारत एवं इसके सभ्यतागत लोकाचार के दूत हैं।    बाद में शाम को, केन्द्रीय मंत्री ने उड़िया समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत की। संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय प्रवासियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात के शिक्षा मंत्री माननीय डॉ. अहमद अल फलासी से भेंट की  

 भारत और यूएई के शिक्षा मंत्रियों ने मौजूदा शैक्षणि‍क सहयोग को मजबूत करने के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए जिससे विद्यार्थि‍यों और संकाय को आवागमन में काफी सुविधा होगी  

यूएई एक वैश्विक आर्थिक हॉटस्पॉट है और भारत एक वैश्विक प्रतिभा हॉटस्पॉट है,  इसलिए दोनों ही पक्षों को हमारे सभ्यतागत जुड़ाव को मजबूत करने हेतु एक ज्ञान सेतु का निर्माण करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए: श्री धर्मेन्द्र प्रधान  

श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने अभिनव और परिवर्तनकारी शिक्षा प्रदान करने वाले स्कूल ‘42 अबू धाबी’ का दौरा किया   

केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने आज अबू धाबी में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के शिक्षा मंत्री माननीय डॉ. अहमद अल फलासी से भेंट की। इन दोनों ही मंत्रियों ने मौजूदा शैक्षणि‍क सहयोग को मजबूत करने के लिए एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जिससे छात्रों और संकाय के आवागमन के साथ-साथ विभिन्न अन्य पहलों में भी काफी सुविधा होगी। इसके साथ ही मंत्री महोदय ने अभिनव और परिवर्तनकारी शिक्षा प्रदान करने वाले स्कूल ‘42 अबू धाबी’ का दौरा किया। मंत्री महोदय संयुक्त अरब अमीरात के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरे से शिक्षा और कौशल क्षेत्र में आपसी हित वाले महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग, भागीदारी और सामंजस्‍य को काफी बढ़ावा मिलेगा।




यूएई के शिक्षा मंत्री के साथ बैठक के दौरान, श्री प्रधान ने कहा कि यूएई एक वैश्विक आर्थिक हॉटस्पॉट है और भारत एक वैश्विक प्रतिभा हॉटस्पॉट है, इस लिहाज से दोनों देशों को अपने सभ्यतागत जुड़ावों को मजबूत करने के लिए एक ज्ञान सेतु निर्मित करने हेतु साथ मिलकर काम करना चाहिए।


दोनों मंत्रियों ने शिक्षा और कौशल विकास में द्विपक्षीय गतिविधियों की समीक्षा की। विशेष रूप से जी-20 इंडिया के हिस्से के रूप में चौथी ईडीडब्ल्यूजी के दौरान अलग से हुई आपसी बैठक के दौरान जिन बिंदुओं पर चर्चा की गई थी, उनकी प्रगति की समीक्षा हुई। उन्होंने शैक्षणिक और कौशल योग्यताओं की पारस्परिक मान्यता, यूएई में भारतीय संस्थानों की मान्यता के लिहाज से हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और इस क्षेत्र में निरंतर काम करने की ज़रूरत बताई। दोनों मंत्रियों ने संस्थागत तंत्रों को सुदृढ़ करने और छात्रों तथा कार्यबल की सुगम गतिशीलता के लिए प्रक्रियाओं में तेजी लाने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।


श्री धर्मेंद्र प्रधान ने यूएई में भारतीय पाठ्यक्रम का पालन करने वाले स्कूलों को समर्थन देने के लिए डॉ. अहमद बेलहौल को धन्यवाद दिया। साथ ही, भारत और यूएई के बीच छात्रों के आदान-प्रदान कार्यक्रमों को सुगम करने के तरीकों पर भी चर्चा की गई।





बैठक के दौरान, मंत्रियों ने एक महत्वपूर्ण सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए। सहमति पत्र का उद्देश्य, छात्र और संकाय के आवागमन; संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रम; पाठ्यक्रम डिजाइन करना; सम्मेलनों, व्याख्यानों, संगोष्ठियों, पाठ्यक्रमों, दोनों देशों के आपसी हितों से संबंधित क्षेत्रों में वैज्ञानिक और शैक्षिक प्रदर्शनियों का आयोजन और भागीदारी; आदि की सुविधा प्रदान करके दोनों देशों में शैक्षणिक संस्थानों के क्षेत्र में मौजूदा सहयोग को मजबूत करना है।





यह निम्नलिखित क्षेत्रों में सूचनाओं के आदान-प्रदान की भी सुविधा प्रदान करेगा:


• दोनों देशों के सामान्य और उच्च शिक्षा में विनियम, कानूनी संरचनाएं और सर्वोत्तम तौर-तरीके।


• दोनों देशों के बीच योग्यता की पारस्परिक मान्यता को सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय योग्यता फ्रेमवर्क सहित सामान्य और उच्च शिक्षा के लिए फ्रेमवर्क और नीतियां।


• प्रतिभाशाली कौशल विकास, परामर्श और कल्याण के क्षेत्रों में फ्रेमवर्क व नीतियां।


• दोहरी व्यवस्था, संयुक्त डिग्री और दोहरी डिग्री कार्यक्रमों की पेशकश के लिए दोनों देशों के उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच अकादमिक सहयोग की सुविधा।


• इस सहमति पत्र के तहत तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण (टीवीईटी) शिक्षण कर्मियों के क्षमता-विकास के क्षेत्र में सहयोग की परिकल्पना की गई है।


• सहमति पत्र एक संयुक्त कार्यसमूह के निर्माण की सुविधा प्रदान करेगा, जिसकी अध्यक्षता भारत और संयुक्त अरब अमीरात के शिक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि करेंगे। इस सहमति पत्र के कार्यान्वयन की समीक्षा करने के लिए संयुक्त कार्यसमूह (जेडब्लूजी) वर्ष में कम से कम एक बार बारी-बारी से बैठक आयोजित करेगा।


श्री प्रधान ने अबू धाबी इंडियन स्कूल (एडीआईएस) में छात्रों और शिक्षकों के साथ सार्थक चर्चा की। श्री प्रधान ने कहा कि अबू धाबी में भारतीय समुदाय के सबसे बड़े स्कूलों में से एक, एडीआईएस भारतीय छात्रों का बेहतर मार्गदर्शन कर रहा है और उन्हें भारत एवं संयुक्त अरब अमीरात, दोनों देशों की संस्कृति, मूल्यों एवं लोकाचार से ओतप्रोत कर रहा है। उन्होंने कहा कि ये छात्र भविष्य के वैश्विक नागरिक और भारत एवं इसके सभ्यतागत लोकाचार के दूत हैं।


बाद में शाम को, केन्द्रीय मंत्री ने उड़िया समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत की। संयुक्त अरब अमीरात में भारतीय प्रवासियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS