टीकाकरण में बढ़ेगी सीएचओ की सहभागिता

टीकाकरण में बढ़ेगी सीएचओ की सहभागिता  विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से डकोर, कोंच और कुठौंद ब्लॉक की सीएचओ को दिया गया प्रशिक्षण  जालौन : सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की स्वास्थ्य सेवाओं में भागीदारी बढ़ रही है। सीएचओ अब टीकाकरण एवं प्रिवेंटेबिल डिसीज में भी सक्रिय भागीदारी करेगी। इसलिए सीएचओ को इसके लिए दक्ष होना जरूरी है। इस तरह का प्रशिक्षण सीएचओ की क्षमता वृद्धि करने का काम करेगा। यह बात अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह ने कही। वह विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से एक होटल में सीएचओ के एक दिवसीय प्रशिक्षण में सीएचओ का मार्गदर्शन कर रहे थे।  अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी  (वेक्टर बोर्न डिजीज) डॉ अरविंद भूषण ने बताया कि पांच तरह की बीमारियों पर सीएचओ को सीधे तौर पर जोड़ा जा रहा है। इसलिए सीएचओ लकवा, खसरा, गलघोटू, कालीखांसी, नवजात टिटनेस जैसी बीमारियों के बारे में बारीकी से अध्ययन करें। ऐसे मरीज मिलने पर तत्काल उनकी रिपोर्ट जिला प्रतिरक्षण अधिकारी और डब्लूएचओ के एसएमओ को करें।  ​विश्व स्वास्थ्य संगठन की सर्विलांस मेडिकल आफिसर डॉ जूही सूलिया ने नियमित टीकाकरण का महत्व बताते हुए कहा कि यदि बच्चा टीकाकरण से प्रतिर​क्षित है तो उसे बीमारी जल्दी नहीं पकड़ेगी। सही समय पर बच्चों का टीकाकरण कराना जरूरी है। इसके लिए अब आनलाइन मानीटरिंग भी हो रही है। अभी तक आशा, एएनएम के माध्मय से टीकाकरण ​किया जाता रहा है। अब सीएचओ की टीकाकरण में सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि नवजात से लेकर पांच साल तक सात बार टीकाकरण किया जाता है। इसलिए सभी टीकाकरण का समय ध्यान से जान लें। टीकाकरण किसी भी हालत में नहीं छूटना चाहिए। डब्लूएचओ के मानीटर इसकी मानीटरिंग करते हैं। उन्होंने गर्भावस्था से लेकर पांच साल तक के टीकाकरण के समय अवधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहां टीका लगाया जाना है और किस मात्रा में लगाया जाना है,  इसके बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि टीडी, हेपेटा​इटिस बी, बीसीजी,  पोलियो, पेंटा, रोटा,एफआईपीवी, पीसीवी, खसरा, विटामिन ए, डीपीटी जैसे टीके लगाए जाते हैं। इनके बारे में अनिवार्य रुप से जानकारी कर लें। उन्होंने ने बताया कि इस तरह का प्रशिक्षण सभी सीएचओ को दिया जाना है। अभी पहले चरण का प्रशिक्षण हुआ है। अप्रैल माह में अगले दो चरणों का प्रशिक्षण होगा।  इस प्रशिक्षण में कोंच, डकोर, कुठौंद ब्लॉक की पचास सीएचओ को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण पाने वाली औता की सीएचओ सरोज ने बताया कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से अच्छी जानकारी मिली है। टीकाकरण का समय के बारे में अपडेट हुए हैं। प्रशिक्षण में डॉ एसडी चौधरी, डकोर सीएचसी के अधीक्षक डॉ इदरीश मोहम्मद, डॉ. सीएस कंचन, डॉ प्रदीप, अर्चना गुप्ता, विकास चंद्रा, सौरभ मिश्रा, अजय कुमार राठौर आदि मौजूद रहे।
टीकाकरण में बढ़ेगी सीएचओ की सहभागिता  विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से डकोर, कोंच और कुठौंद ब्लॉक की सीएचओ को दिया गया प्रशिक्षण  जालौन : सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की स्वास्थ्य सेवाओं में भागीदारी बढ़ रही है। सीएचओ अब टीकाकरण एवं प्रिवेंटेबिल डिसीज में भी सक्रिय भागीदारी करेगी। इसलिए सीएचओ को इसके लिए दक्ष होना जरूरी है। इस तरह का प्रशिक्षण सीएचओ की क्षमता वृद्धि करने का काम करेगा। यह बात अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह ने कही। वह विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से एक होटल में सीएचओ के एक दिवसीय प्रशिक्षण में सीएचओ का मार्गदर्शन कर रहे थे।  अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी  (वेक्टर बोर्न डिजीज) डॉ अरविंद भूषण ने बताया कि पांच तरह की बीमारियों पर सीएचओ को सीधे तौर पर जोड़ा जा रहा है। इसलिए सीएचओ लकवा, खसरा, गलघोटू, कालीखांसी, नवजात टिटनेस जैसी बीमारियों के बारे में बारीकी से अध्ययन करें। ऐसे मरीज मिलने पर तत्काल उनकी रिपोर्ट जिला प्रतिरक्षण अधिकारी और डब्लूएचओ के एसएमओ को करें।  ​विश्व स्वास्थ्य संगठन की सर्विलांस मेडिकल आफिसर डॉ जूही सूलिया ने नियमित टीकाकरण का महत्व बताते हुए कहा कि यदि बच्चा टीकाकरण से प्रतिर​क्षित है तो उसे बीमारी जल्दी नहीं पकड़ेगी। सही समय पर बच्चों का टीकाकरण कराना जरूरी है। इसके लिए अब आनलाइन मानीटरिंग भी हो रही है। अभी तक आशा, एएनएम के माध्मय से टीकाकरण ​किया जाता रहा है। अब सीएचओ की टीकाकरण में सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि नवजात से लेकर पांच साल तक सात बार टीकाकरण किया जाता है। इसलिए सभी टीकाकरण का समय ध्यान से जान लें। टीकाकरण किसी भी हालत में नहीं छूटना चाहिए। डब्लूएचओ के मानीटर इसकी मानीटरिंग करते हैं। उन्होंने गर्भावस्था से लेकर पांच साल तक के टीकाकरण के समय अवधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहां टीका लगाया जाना है और किस मात्रा में लगाया जाना है,  इसके बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि टीडी, हेपेटा​इटिस बी, बीसीजी,  पोलियो, पेंटा, रोटा,एफआईपीवी, पीसीवी, खसरा, विटामिन ए, डीपीटी जैसे टीके लगाए जाते हैं। इनके बारे में अनिवार्य रुप से जानकारी कर लें। उन्होंने ने बताया कि इस तरह का प्रशिक्षण सभी सीएचओ को दिया जाना है। अभी पहले चरण का प्रशिक्षण हुआ है। अप्रैल माह में अगले दो चरणों का प्रशिक्षण होगा।  इस प्रशिक्षण में कोंच, डकोर, कुठौंद ब्लॉक की पचास सीएचओ को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण पाने वाली औता की सीएचओ सरोज ने बताया कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से अच्छी जानकारी मिली है। टीकाकरण का समय के बारे में अपडेट हुए हैं। प्रशिक्षण में डॉ एसडी चौधरी, डकोर सीएचसी के अधीक्षक डॉ इदरीश मोहम्मद, डॉ. सीएस कंचन, डॉ प्रदीप, अर्चना गुप्ता, विकास चंद्रा, सौरभ मिश्रा, अजय कुमार राठौर आदि मौजूद रहे।

टीकाकरण में बढ़ेगी सीएचओ की सहभागिता

विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से डकोर, कोंच और कुठौंद ब्लॉक की सीएचओ को दिया गया प्रशिक्षण

जालौन : सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) की स्वास्थ्य सेवाओं में भागीदारी बढ़ रही है। सीएचओ अब टीकाकरण एवं प्रिवेंटेबिल डिसीज में भी सक्रिय भागीदारी करेगी। इसलिए सीएचओ को इसके लिए दक्ष होना जरूरी है। इस तरह का प्रशिक्षण सीएचओ की क्षमता वृद्धि करने का काम करेगा। यह बात अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र सिंह ने कही। वह विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से एक होटल में सीएचओ के एक दिवसीय प्रशिक्षण में सीएचओ का मार्गदर्शन कर रहे थे।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी  (वेक्टर बोर्न डिजीज) डॉ अरविंद भूषण ने बताया कि पांच तरह की बीमारियों पर सीएचओ को सीधे तौर पर जोड़ा जा रहा है। इसलिए सीएचओ लकवा, खसरा, गलघोटू, कालीखांसी, नवजात टिटनेस जैसी बीमारियों के बारे में बारीकी से अध्ययन करें। ऐसे मरीज मिलने पर तत्काल उनकी रिपोर्ट जिला प्रतिरक्षण अधिकारी और डब्लूएचओ के एसएमओ को करें।

​विश्व स्वास्थ्य संगठन की सर्विलांस मेडिकल आफिसर डॉ जूही सूलिया ने नियमित टीकाकरण का महत्व बताते हुए कहा कि यदि बच्चा टीकाकरण से प्रतिर​क्षित है तो उसे बीमारी जल्दी नहीं पकड़ेगी। सही समय पर बच्चों का टीकाकरण कराना जरूरी है। इसके लिए अब आनलाइन मानीटरिंग भी हो रही है। अभी तक आशा, एएनएम के माध्मय से टीकाकरण ​किया जाता रहा है। अब सीएचओ की टीकाकरण में सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि नवजात से लेकर पांच साल तक सात बार टीकाकरण किया जाता है। इसलिए सभी टीकाकरण का समय ध्यान से जान लें। टीकाकरण किसी भी हालत में नहीं छूटना चाहिए। डब्लूएचओ के मानीटर इसकी मानीटरिंग करते हैं। उन्होंने गर्भावस्था से लेकर पांच साल तक के टीकाकरण के समय अवधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहां टीका लगाया जाना है और किस मात्रा में लगाया जाना है,  इसके बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि टीडी, हेपेटा​इटिस बी, बीसीजी,  पोलियो, पेंटा, रोटा,एफआईपीवी, पीसीवी, खसरा, विटामिन ए, डीपीटी जैसे टीके लगाए जाते हैं। इनके बारे में अनिवार्य रुप से जानकारी कर लें। उन्होंने ने बताया कि इस तरह का प्रशिक्षण सभी सीएचओ को दिया जाना है। अभी पहले चरण का प्रशिक्षण हुआ है। अप्रैल माह में अगले दो चरणों का प्रशिक्षण होगा।

इस प्रशिक्षण में कोंच, डकोर, कुठौंद ब्लॉक की पचास सीएचओ को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण पाने वाली औता की सीएचओ सरोज ने बताया कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से अच्छी जानकारी मिली है। टीकाकरण का समय के बारे में अपडेट हुए हैं। प्रशिक्षण में डॉ एसडी चौधरी, डकोर सीएचसी के अधीक्षक डॉ इदरीश मोहम्मद, डॉ. सीएस कंचन, डॉ प्रदीप, अर्चना गुप्ता, विकास चंद्रा, सौरभ मिश्रा, अजय कुमार राठौर आदि मौजूद रहे।

एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने

Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS