कोयला मंत्रालय ने कोकिंग कोल उत्पादन बढ़ाने के लिए और ब्लॉकों की पहचान की

कोयला मंत्रालय ने कोकिंग कोल उत्पादन बढ़ाने के लिए और ब्लॉकों की पहचान की


कोकिंग कोल उत्पादन को और बढ़ाने के लिए, कोयला मंत्रालय ने चार कोकिंग कोल ब्लॉकों की पहचान की है तथा सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआई) आने वाले महीनों में 4 से 6 नए कोकिंग कोल ब्लॉकों के लिए भूवैज्ञानिक रिपोर्ट (जीआर) को भी अंतिम रूप प्रदान करेगा। घरेलू कच्चे कोकिंग कोयले की आपूर्ति को और बढ़ाने के लिए निजी क्षेत्र के लिए बाद के दौर में की जाने वाली नीलामी में इन ब्लॉकों की पेशकश की जा सकती है।


मंत्रालय द्वारा आत्मनिर्भर भारत के तहत किए जा रहे इन उपायों से, घरेलू कच्चे कोकिंग कोल का उत्पादन 2030 तक 140 मिलियन टन (एमटी) तक पहुंच जाने की संभावना है। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने मौजूदा खानों से कच्चे कोकिंग कोल के उत्पादन को 26 मीट्रिक टन तक बढ़ाने की योजना बनाई है और वित्त वर्ष 2025 तक लगभग 22 मीट्रिक टन की पीक रेट क्षमता (पीआरसी) के साथ नौ नए खदानों की पहचान की है। इसके अलावा, सीआईएल ने बंद पड़ी कुल 30 खदानों में से आठ बंद पड़े कोकिंग कोल खदानों की पेशकश की है, जो 2 एमटी पीआरसी के साथ निजी क्षेत्र को राजस्व साझा करने के एक अभिनव मॉडल पर आधारित है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS