शारीरिक स्वास्थ के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ के प्रति सचेत रहना आवश्यक

शारीरिक स्वास्थ के साथ साथ मानसिक स्वास्थ के प्रति सचेत रहना आवश्यक   जिला अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर संगोष्ठी एवं स्वास्थ्य शिविर का हुआ आयोजन   जालौन : जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जिला अस्पताल में संगोष्ठी और स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा ने कहा कि शारीरिक के साथ मानसिक बीमारियों का इलाज भी उसी तरह कराना चाहिए, जिस तरह शारीरिक बीमारियों का कराते हैं। पुलिस अधीक्षक रवि कुमार ने कहा कि हर मनुष्य में कई तरह की मानसिक समस्याएं होती है। उसे व्यक्त करने की जरूरत होती है। तभी ऐसी मानसिक बीमारियों का इलाज कराया जा सकता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा ने बताया कि मानसिक बीमारियों के प्रति सरकार संवेदनशील है। जिला अस्पताल में मन कक्ष स्थापित किया गया है। इसके उपचार के लिए योजनाएं भी चल रही है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत गठित टीम सीएचसी, पीएचसी में जाकर लोगों को मानसिक बीमारियों के बारे में जागरूक करने का काम कर रही है। साथ ही मानसिक बीमारों के इलाज में भी मदद करती है। इसका लाभ भी मरीजों को मिल रहा है।  मनोचिकित्सक डा. बीमा चौहान ने कहा कि मानसिक रोग, कई तरह की मानसिक समस्याओं के कारण हो सकते हैं। इसकी वजह से इंसान की मनोदशा, व्यवहार और सोच पर काफी नकारात्मक असर पड़ता है।  डिप्रेशन, चिंता, स्ट्रेस और स्किजोफ्रेनिया जैसी समस्याएं मानसिक बीमारी कहलाती हैं। इंसान की सामाजिक, आर्थिक और शारीरिक स्थिति के कारण इन समस्याओं की शुरुआत हो सकती है। जागरूकता की कमी और लोगों का इस पर ध्यान न देने की वजह से ये बीमारियां धीरे-धीरे गंभीर होने लगती हैं और मरीज के लक्षण भी बिगड़ने लगते हैं। उन्होंने कहा कि मानसिक बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को इलाज के साथ-साथ अपनों के सहयोग की भी जरूरत होती है। नियमित व्यायाम, योग अभ्यास और हेल्दी डाइट लेने से आपको इन समस्याओं में फायदा मिलता है। मानसिक बीमार को एक्सपर्ट डॉक्टर को दिखाएं और इलाज के लिए प्रेरित करें। अंत में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अविनेश कुमार ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस दौरान एनएचएम के डीपीएम डा. प्रेमप्रताप, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अरविंद सिंह, डीसीपीएम डा. धर्मेद्र कुमार, आयुष्मान के डीपीसी डा. आशीष आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में सीएमएस डा. अविनेश कुमार, मनोचिकित्सक डा. बीमा चौहान, सोशल वर्कर दिनेश, क्लीनिकल सायकोलाजिस्ट अर्चना विश्वास, तंबाकू सलाहकार महेश कुमार, अरुण चतुर्वेदी, धर्मेद्र सिंह को भी सम्मानित किया गया।      मानसिक रोग के लक्षण  -किसी भी काम में मन नहीं लगना  -चिड़चिड़ापन और बेचैनी  - नींद से जुड़ी परेशानियों की शुरुआत  -वजन तेजी से बढ़ना या कम होना  - ध्यान केंद्रित करने में परेशानी आना  - इंसान की मनोदशा में बदलाव  - शरीर में उर्जा की कमी खानपान की आदतों में बदलाव   सिरदर्द, कमर दर्द और शरीर में लगातार दर्द  - शराब या ड्रग्स का सेवन आदि    स्वास्थ्य शिविर में देखे गए मरीज  जिला अस्पताल में लगे स्वास्थ्य शिविर में ओरल हेल्थ में बीस मरीज देखे गए। इसमें 16 पुरुष और चार महिलाएं थी। तंबाकू नियंत्रण की टीम ने 23 मरीज देखे। इसमें 18 पुरूष और 5 महिलाएं थीं। बीपी के 96 मरीज देखे गए। इसमें 47 पुरूष और 49 महिलाएं थीं। शुगर के 60 मरीज देखे गए। इसमें 43 पुरूष और 17 महिलाएं थीं। जीरियाट्रिक (बुजुर्ग रोग) के 14 मरीज देखे गए। इसमें 8 पुरुष और छह महिलाएं थीं। मानसिक स्वास्थ्य संबंधी 50 मरीज देखे गए।
शारीरिक स्वास्थ के साथ साथ मानसिक स्वास्थ के प्रति सचेत रहना आवश्यक   जिला अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर संगोष्ठी एवं स्वास्थ्य शिविर का हुआ आयोजन   जालौन : जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जिला अस्पताल में संगोष्ठी और स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा ने कहा कि शारीरिक के साथ मानसिक बीमारियों का इलाज भी उसी तरह कराना चाहिए, जिस तरह शारीरिक बीमारियों का कराते हैं। पुलिस अधीक्षक रवि कुमार ने कहा कि हर मनुष्य में कई तरह की मानसिक समस्याएं होती है। उसे व्यक्त करने की जरूरत होती है। तभी ऐसी मानसिक बीमारियों का इलाज कराया जा सकता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा ने बताया कि मानसिक बीमारियों के प्रति सरकार संवेदनशील है। जिला अस्पताल में मन कक्ष स्थापित किया गया है। इसके उपचार के लिए योजनाएं भी चल रही है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत गठित टीम सीएचसी, पीएचसी में जाकर लोगों को मानसिक बीमारियों के बारे में जागरूक करने का काम कर रही है। साथ ही मानसिक बीमारों के इलाज में भी मदद करती है। इसका लाभ भी मरीजों को मिल रहा है।  मनोचिकित्सक डा. बीमा चौहान ने कहा कि मानसिक रोग, कई तरह की मानसिक समस्याओं के कारण हो सकते हैं। इसकी वजह से इंसान की मनोदशा, व्यवहार और सोच पर काफी नकारात्मक असर पड़ता है।  डिप्रेशन, चिंता, स्ट्रेस और स्किजोफ्रेनिया जैसी समस्याएं मानसिक बीमारी कहलाती हैं। इंसान की सामाजिक, आर्थिक और शारीरिक स्थिति के कारण इन समस्याओं की शुरुआत हो सकती है। जागरूकता की कमी और लोगों का इस पर ध्यान न देने की वजह से ये बीमारियां धीरे-धीरे गंभीर होने लगती हैं और मरीज के लक्षण भी बिगड़ने लगते हैं। उन्होंने कहा कि मानसिक बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को इलाज के साथ-साथ अपनों के सहयोग की भी जरूरत होती है। नियमित व्यायाम, योग अभ्यास और हेल्दी डाइट लेने से आपको इन समस्याओं में फायदा मिलता है। मानसिक बीमार को एक्सपर्ट डॉक्टर को दिखाएं और इलाज के लिए प्रेरित करें। अंत में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अविनेश कुमार ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस दौरान एनएचएम के डीपीएम डा. प्रेमप्रताप, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अरविंद सिंह, डीसीपीएम डा. धर्मेद्र कुमार, आयुष्मान के डीपीसी डा. आशीष आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में सीएमएस डा. अविनेश कुमार, मनोचिकित्सक डा. बीमा चौहान, सोशल वर्कर दिनेश, क्लीनिकल सायकोलाजिस्ट अर्चना विश्वास, तंबाकू सलाहकार महेश कुमार, अरुण चतुर्वेदी, धर्मेद्र सिंह को भी सम्मानित किया गया।      मानसिक रोग के लक्षण  -किसी भी काम में मन नहीं लगना  -चिड़चिड़ापन और बेचैनी  - नींद से जुड़ी परेशानियों की शुरुआत  -वजन तेजी से बढ़ना या कम होना  - ध्यान केंद्रित करने में परेशानी आना  - इंसान की मनोदशा में बदलाव  - शरीर में उर्जा की कमी खानपान की आदतों में बदलाव   सिरदर्द, कमर दर्द और शरीर में लगातार दर्द  - शराब या ड्रग्स का सेवन आदि    स्वास्थ्य शिविर में देखे गए मरीज  जिला अस्पताल में लगे स्वास्थ्य शिविर में ओरल हेल्थ में बीस मरीज देखे गए। इसमें 16 पुरुष और चार महिलाएं थी। तंबाकू नियंत्रण की टीम ने 23 मरीज देखे। इसमें 18 पुरूष और 5 महिलाएं थीं। बीपी के 96 मरीज देखे गए। इसमें 47 पुरूष और 49 महिलाएं थीं। शुगर के 60 मरीज देखे गए। इसमें 43 पुरूष और 17 महिलाएं थीं। जीरियाट्रिक (बुजुर्ग रोग) के 14 मरीज देखे गए। इसमें 8 पुरुष और छह महिलाएं थीं। मानसिक स्वास्थ्य संबंधी 50 मरीज देखे गए।
शारीरिक स्वास्थ के साथ साथ मानसिक स्वास्थ के प्रति सचेत रहना आवश्यक   जिला अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर संगोष्ठी एवं स्वास्थ्य शिविर का हुआ आयोजन   जालौन : जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जिला अस्पताल में संगोष्ठी और स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा ने कहा कि शारीरिक के साथ मानसिक बीमारियों का इलाज भी उसी तरह कराना चाहिए, जिस तरह शारीरिक बीमारियों का कराते हैं। पुलिस अधीक्षक रवि कुमार ने कहा कि हर मनुष्य में कई तरह की मानसिक समस्याएं होती है। उसे व्यक्त करने की जरूरत होती है। तभी ऐसी मानसिक बीमारियों का इलाज कराया जा सकता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा ने बताया कि मानसिक बीमारियों के प्रति सरकार संवेदनशील है। जिला अस्पताल में मन कक्ष स्थापित किया गया है। इसके उपचार के लिए योजनाएं भी चल रही है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत गठित टीम सीएचसी, पीएचसी में जाकर लोगों को मानसिक बीमारियों के बारे में जागरूक करने का काम कर रही है। साथ ही मानसिक बीमारों के इलाज में भी मदद करती है। इसका लाभ भी मरीजों को मिल रहा है।  मनोचिकित्सक डा. बीमा चौहान ने कहा कि मानसिक रोग, कई तरह की मानसिक समस्याओं के कारण हो सकते हैं। इसकी वजह से इंसान की मनोदशा, व्यवहार और सोच पर काफी नकारात्मक असर पड़ता है।  डिप्रेशन, चिंता, स्ट्रेस और स्किजोफ्रेनिया जैसी समस्याएं मानसिक बीमारी कहलाती हैं। इंसान की सामाजिक, आर्थिक और शारीरिक स्थिति के कारण इन समस्याओं की शुरुआत हो सकती है। जागरूकता की कमी और लोगों का इस पर ध्यान न देने की वजह से ये बीमारियां धीरे-धीरे गंभीर होने लगती हैं और मरीज के लक्षण भी बिगड़ने लगते हैं। उन्होंने कहा कि मानसिक बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को इलाज के साथ-साथ अपनों के सहयोग की भी जरूरत होती है। नियमित व्यायाम, योग अभ्यास और हेल्दी डाइट लेने से आपको इन समस्याओं में फायदा मिलता है। मानसिक बीमार को एक्सपर्ट डॉक्टर को दिखाएं और इलाज के लिए प्रेरित करें। अंत में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अविनेश कुमार ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस दौरान एनएचएम के डीपीएम डा. प्रेमप्रताप, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अरविंद सिंह, डीसीपीएम डा. धर्मेद्र कुमार, आयुष्मान के डीपीसी डा. आशीष आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में सीएमएस डा. अविनेश कुमार, मनोचिकित्सक डा. बीमा चौहान, सोशल वर्कर दिनेश, क्लीनिकल सायकोलाजिस्ट अर्चना विश्वास, तंबाकू सलाहकार महेश कुमार, अरुण चतुर्वेदी, धर्मेद्र सिंह को भी सम्मानित किया गया।      मानसिक रोग के लक्षण  -किसी भी काम में मन नहीं लगना  -चिड़चिड़ापन और बेचैनी  - नींद से जुड़ी परेशानियों की शुरुआत  -वजन तेजी से बढ़ना या कम होना  - ध्यान केंद्रित करने में परेशानी आना  - इंसान की मनोदशा में बदलाव  - शरीर में उर्जा की कमी खानपान की आदतों में बदलाव   सिरदर्द, कमर दर्द और शरीर में लगातार दर्द  - शराब या ड्रग्स का सेवन आदि    स्वास्थ्य शिविर में देखे गए मरीज  जिला अस्पताल में लगे स्वास्थ्य शिविर में ओरल हेल्थ में बीस मरीज देखे गए। इसमें 16 पुरुष और चार महिलाएं थी। तंबाकू नियंत्रण की टीम ने 23 मरीज देखे। इसमें 18 पुरूष और 5 महिलाएं थीं। बीपी के 96 मरीज देखे गए। इसमें 47 पुरूष और 49 महिलाएं थीं। शुगर के 60 मरीज देखे गए। इसमें 43 पुरूष और 17 महिलाएं थीं। जीरियाट्रिक (बुजुर्ग रोग) के 14 मरीज देखे गए। इसमें 8 पुरुष और छह महिलाएं थीं। मानसिक स्वास्थ्य संबंधी 50 मरीज देखे गए।

शारीरिक स्वास्थ के साथ साथ मानसिक स्वास्थ के प्रति सचेत रहना आवश्यक 

जिला अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर संगोष्ठी एवं स्वास्थ्य शिविर का हुआ आयोजन 

जालौन : जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर जिला अस्पताल में संगोष्ठी और स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा ने कहा कि शारीरिक के साथ मानसिक बीमारियों का इलाज भी उसी तरह कराना चाहिए, जिस तरह शारीरिक बीमारियों का कराते हैं। पुलिस अधीक्षक रवि कुमार ने कहा कि हर मनुष्य में कई तरह की मानसिक समस्याएं होती है। उसे व्यक्त करने की जरूरत होती है। तभी ऐसी मानसिक बीमारियों का इलाज कराया जा सकता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा ने बताया कि मानसिक बीमारियों के प्रति सरकार संवेदनशील है। जिला अस्पताल में मन कक्ष स्थापित किया गया है। इसके उपचार के लिए योजनाएं भी चल रही है। राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत गठित टीम सीएचसी, पीएचसी में जाकर लोगों को मानसिक बीमारियों के बारे में जागरूक करने का काम कर रही है। साथ ही मानसिक बीमारों के इलाज में भी मदद करती है। इसका लाभ भी मरीजों को मिल रहा है।

मनोचिकित्सक डा. बीमा चौहान ने कहा कि मानसिक रोग, कई तरह की मानसिक समस्याओं के कारण हो सकते हैं। इसकी वजह से इंसान की मनोदशा, व्यवहार और सोच पर काफी नकारात्मक असर पड़ता है।  डिप्रेशन, चिंता, स्ट्रेस और स्किजोफ्रेनिया जैसी समस्याएं मानसिक बीमारी कहलाती हैं। इंसान की सामाजिक, आर्थिक और शारीरिक स्थिति के कारण इन समस्याओं की शुरुआत हो सकती है। जागरूकता की कमी और लोगों का इस पर ध्यान न देने की वजह से ये बीमारियां धीरे-धीरे गंभीर होने लगती हैं और मरीज के लक्षण भी बिगड़ने लगते हैं। उन्होंने कहा कि मानसिक बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को इलाज के साथ-साथ अपनों के सहयोग की भी जरूरत होती है। नियमित व्यायाम, योग अभ्यास और हेल्दी डाइट लेने से आपको इन समस्याओं में फायदा मिलता है। मानसिक बीमार को एक्सपर्ट डॉक्टर को दिखाएं और इलाज के लिए प्रेरित करें। अंत में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. अविनेश कुमार ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस दौरान एनएचएम के डीपीएम डा. प्रेमप्रताप, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अरविंद सिंह, डीसीपीएम डा. धर्मेद्र कुमार, आयुष्मान के डीपीसी डा. आशीष आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के अंत में सीएमएस डा. अविनेश कुमार, मनोचिकित्सक डा. बीमा चौहान, सोशल वर्कर दिनेश, क्लीनिकल सायकोलाजिस्ट अर्चना विश्वास, तंबाकू सलाहकार महेश कुमार, अरुण चतुर्वेदी, धर्मेद्र सिंह को भी सम्मानित किया गया।



मानसिक रोग के लक्षण

-किसी भी काम में मन नहीं लगना

-चिड़चिड़ापन और बेचैनी

- नींद से जुड़ी परेशानियों की शुरुआत

-वजन तेजी से बढ़ना या कम होना

- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी आना

- इंसान की मनोदशा में बदलाव

- शरीर में उर्जा की कमी खानपान की आदतों में बदलाव

 सिरदर्द, कमर दर्द और शरीर में लगातार दर्द

- शराब या ड्रग्स का सेवन आदि


स्वास्थ्य शिविर में देखे गए मरीज

जिला अस्पताल में लगे स्वास्थ्य शिविर में ओरल हेल्थ में बीस मरीज देखे गए। इसमें 16 पुरुष और चार महिलाएं थी। तंबाकू नियंत्रण की टीम ने 23 मरीज देखे। इसमें 18 पुरूष और 5 महिलाएं थीं। बीपी के 96 मरीज देखे गए। इसमें 47 पुरूष और 49 महिलाएं थीं। शुगर के 60 मरीज देखे गए। इसमें 43 पुरूष और 17 महिलाएं थीं। जीरियाट्रिक (बुजुर्ग रोग) के 14 मरीज देखे गए। इसमें 8 पुरुष और छह महिलाएं थीं। मानसिक स्वास्थ्य संबंधी 50 मरीज देखे गए।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS