टोरी-शिवपुर-कठौटिया रेलवे लाइन 125 मिलियन टन कोयला निकासी की क्षमता प्रदान करेगी

कोयला मंत्रालय का लक्ष्य 2024-25 तक कोयला उत्पादन को 1.23 अरब टन तक बढ़ाने का है

टोरी-शिवपुर-कठौटिया रेलवे लाइन 125 मिलियन टन कोयला निकासी की क्षमता प्रदान करेगी

इसी मार्ग पर तीसरी रेलवे लाइन निर्माणाधीन है, जिसकी अतिरिक्त लागत 894 करोड़ रुपये है; रेलवे लाइन की मई, 2023 तक चालू होने की संभावना


कोयला मंत्रालय देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वित्त वर्ष 2024-25 (सीआईएल और गैर-सीआईएल कोयला ब्लॉकों सहित) तक 1.23 बिलियन टन (बीटी) के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कोयला उत्पादन बढ़ाने की प्रक्रिया में है। इस विज़न का समर्थन करने के लिए, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने एक एकीकृत योजना का दृष्टिकोण अपनाया है, ताकि एक अरब टन उत्पादन के लिए निकासी अवसंरचना को मजबूत किया जा सके और अंतिम उपयोगकर्ताओं तक कोयले का निर्बाध परिवहन हो सके।


उत्तरी कर्णपुरा कोयला क्षेत्र (नार्थ कर्णपुरा कोलफील्ड) झारखंड राज्य का एक प्रमुख कोयला क्षेत्र है, जो सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के प्रबंध-क्षेत्र में आता है और जिसके पास लगभग 19 बिलियन टन कोयला संसाधन का भण्डार है। सीसीएल ने वित्त वर्ष 25 तक लगभग 135 मिलियन टन के उत्पादन योगदान का अनुमान लगाया है, जिनमें से लगभग 85 मीट्रिक टन का उत्पादन उत्तरी कर्णपुरा कोयला क्षेत्र के आम्रपाली (25 मीट्रिक टन), मगध (51 मीट्रिक टन), चंद्रगुप्त (15 मीट्रिक टन), संघमित्रा (20 मीट्रिक टन) आदि ग्रीनफ़ील्ड/ब्राउनफ़ील्ड कोयला खनन परियोजनाओं से होने की संभावना है।


वर्तमान में, उत्तरी कर्णपुरा कोयला क्षेत्र से कोयले की निकासी पूर्व मध्य रेलवे की बरकाकाना-डाल्टनगंज शाखा रेलवे लाइन द्वारा कवर की जाती है, जो बरकाकाना लूप के माध्यम से गोमो और डेहरी-ऑन-सोन को जोड़ती है। अतिरिक्त रेलवे लाइन, यानी टोरी-शिवपुर (44.37 किमी) डबल रेलवे लाइन सीसीएल द्वारा बनाई गई है। इसी मार्ग पर तीसरी रेलवे लाइन निर्माणाधीन है, जिसकी अतिरिक्त लागत 894 करोड़ रुपये है तथा जिसके मई, 2023 तक चालू होने की संभावना है।


इसके अलावा, शिवपुर-कठौटिया, 49 किमी की नई रेल लाइन की परिकल्पना की गई है और इसका निर्माण परियोजना विशेष एसपीवी के गठन के माध्यम से किया जा रहा है, जो कोडरमा के माध्यम से हावड़ा-दिल्ली ट्रंक रेलवे लाइन तक कोयला निकासी के लिए एक और निकास लाइन की सुविधा प्रदान करेगी।


पीएम-गति शक्ति पहल के तहत कोयला मंत्रालय द्वारा परिकल्पना की गयी टोरी-शिवपुर-कठौटिया रेल लाइन के निर्माण से रेल द्वारा लगभग 125 एमटी कोयला निकासी क्षमता की सुविधा मिलेगी और सड़क मार्ग से कोयला परिवहन को समाप्त करने में इस लाइन द्वारा प्रमुख भूमिका निभाये जाने की सम्भावना है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS