जालौन : विश्व होम्योपैथी दिवस (10 अप्रैल) पर विशेष : पथरी, आर्थराइटिस जैसी समस्याओं पर होम्योपैथी पद्धति कारगर

विश्व होम्योपैथी दिवस (10 अप्रैल) पर विशेष  होम्योपैथी पद्धति पर बढ़ रहा लोगों का रुझान  पथरी, आर्थराइटिस जैसी समस्याओं पर होम्योपैथी पद्धति कारगर    जालौन : होम्योपैथी पद्धति के प्रति लोगों में विश्वास बढ़ रहा है। पथरी, आर्थराइटिस जैसी बीमारियों पर होम्योपैथी बहुत कारगर है। यही नहीं मलेरिया, टाइफाइड, वायरल बुखार जैसे संचारी रोगों पर भी होम्योपैथी दवाएं असरदार है। त्वचा, धब्बे, दाग और बाल संबंधी मामलों में भी होम्योपैथी में अच्छा इलाज है। लीवर संबंधी बीमारियों में भी होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति मुफीद है। यह कहना है प्रभारी होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी जिला अस्पताल उरई डॉ. विकास चतुर्वेदी का। डॉ. विकास विश्व होम्योपैथी दिवस के एक पूर्व शनिवार को होम्योपैथी पद्धति के बारे में जानकारी दे रहे थे।     प्रभारी होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी ने बताया कि आजकल कई जटिल बीमारियों का इलाज होम्योपैथी के जरिये हो रहा है। होम्योपैथी के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। होम्योपैथी से जहां कोई नुकसान नहीं होता है, वहीं कई बीमारियों को जड़ से इस पद्धति से मिटाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि होम्योपैथी के जनक ईसाई फ्रेडरिक सैमुएल हैनीमेन का जन्म 10 अप्रैल को हुआ था। उनकी याद में प्रति वर्ष 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का आयोजन हर साल होम्योपैथी को आगे ला जाने और भविष्य की चुनौतियों को समझने के लिए किया जाता है। इस दिवस मनाने का उद्देश्य चिकित्सा की इस प्रणाली के बारे में लोगों को जागरूक करना है।    उन्होंने बताया कि कोरोना काल में भी होम्योपैथिक दवाओं की किट दूसरे चरण में मरीजों को बांटी गई और इसका लाभ भी उन्हें हुआ है। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल की होम्योपैथी ओपीडी में रोजाना 110 से 150 मरीज आते है। वह इलाज से संतुष्ट है। उनका कहना है कि होम्योपैथी के हर साल 16 हजार मरीजों का इलाज होता है। इसमें 20 हजार पुराने मरीज भी होते है।    क्या कहते है लाभार्थी    कुठौंद के शेखपुर निवासी अमित (22) का कहना है कि उन्हें पेट में दर्द हो रहा था। अल्ट्रासाउंड कराने पर पथरी बताई गई। उनकी एक रिश्तेदार महिला ने बताया कि पथरी का इलाज होम्योपैथी में बहुत अच्छा है। यहां होम्योपैथी अस्पताल में आकर इलाज कराया। वह दर्द गायब है। डाक्टर का कहन है कि नियमित इलाज से पथरी की समस्या दूर हो जाएगी।     शहर के मोहल्ला करसानरोड निवासी रहमान (65) नलकूप विभाग से रिटायर है। उनका कहना है कि उन्हें सालों से शरीर में दर्द की समस्या रहती है। अभी एक साल पहले किडनी में पथरी की समस्या हो गई थी। डाक्टरों ने झांसी मेडिकल कालेज में आपरेशन की सलाह दी थी। लेकिन वह एक साल से होम्योपैथी इलाज ले रहे है। अब कोई समस्या नहीं है।

विश्व होम्योपैथी दिवस (10 अप्रैल) पर विशेष

होम्योपैथी पद्धति पर बढ़ रहा लोगों का रुझान

पथरी, आर्थराइटिस जैसी समस्याओं पर होम्योपैथी पद्धति कारगर


जालौन : होम्योपैथी पद्धति के प्रति लोगों में विश्वास बढ़ रहा है। पथरी, आर्थराइटिस जैसी बीमारियों पर होम्योपैथी बहुत कारगर है। यही नहीं मलेरिया, टाइफाइड, वायरल बुखार जैसे संचारी रोगों पर भी होम्योपैथी दवाएं असरदार है। त्वचा, धब्बे, दाग और बाल संबंधी मामलों में भी होम्योपैथी में अच्छा इलाज है। लीवर संबंधी बीमारियों में भी होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति मुफीद है। यह कहना है प्रभारी होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी जिला अस्पताल उरई डॉ. विकास चतुर्वेदी का। डॉ. विकास विश्व होम्योपैथी दिवस के एक पूर्व शनिवार को होम्योपैथी पद्धति के बारे में जानकारी दे रहे थे। 


प्रभारी होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी ने बताया कि आजकल कई जटिल बीमारियों का इलाज होम्योपैथी के जरिये हो रहा है। होम्योपैथी के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। होम्योपैथी से जहां कोई नुकसान नहीं होता है, वहीं कई बीमारियों को जड़ से इस पद्धति से मिटाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि होम्योपैथी के जनक ईसाई फ्रेडरिक सैमुएल हैनीमेन का जन्म 10 अप्रैल को हुआ था। उनकी याद में प्रति वर्ष 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का आयोजन हर साल होम्योपैथी को आगे ला जाने और भविष्य की चुनौतियों को समझने के लिए किया जाता है। इस दिवस मनाने का उद्देश्य चिकित्सा की इस प्रणाली के बारे में लोगों को जागरूक करना है।


उन्होंने बताया कि कोरोना काल में भी होम्योपैथिक दवाओं की किट दूसरे चरण में मरीजों को बांटी गई और इसका लाभ भी उन्हें हुआ है। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल की होम्योपैथी ओपीडी में रोजाना 110 से 150 मरीज आते है। वह इलाज से संतुष्ट है। उनका कहना है कि होम्योपैथी के हर साल 16 हजार मरीजों का इलाज होता है। इसमें 20 हजार पुराने मरीज भी होते है।


क्या कहते है लाभार्थी


कुठौंद के शेखपुर निवासी अमित (22) का कहना है कि उन्हें पेट में दर्द हो रहा था। अल्ट्रासाउंड कराने पर पथरी बताई गई। उनकी एक रिश्तेदार महिला ने बताया कि पथरी का इलाज होम्योपैथी में बहुत अच्छा है। यहां होम्योपैथी अस्पताल में आकर इलाज कराया। वह दर्द गायब है। डाक्टर का कहन है कि नियमित इलाज से पथरी की समस्या दूर हो जाएगी। 


शहर के मोहल्ला करसानरोड निवासी रहमान (65) नलकूप विभाग से रिटायर है। उनका कहना है कि उन्हें सालों से शरीर में दर्द की समस्या रहती है। अभी एक साल पहले किडनी में पथरी की समस्या हो गई थी। डाक्टरों ने झांसी मेडिकल कालेज में आपरेशन की सलाह दी थी। लेकिन वह एक साल से होम्योपैथी इलाज ले रहे है। अब कोई समस्या नहीं है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS