जालौन : नो स्मोकिंग डे (नौ मार्च) पर विशेष

नो स्मोकिंग डे (नौ मार्च) पर विशेष   ध्रूमपान न केवल खुद व दूसरे के लिए भी नुकसानदेह    तंबाकू नियंत्रण कक्ष की सलाह से लोग पा रहे ध्रूमपान की लत से मुक्ति    जालौन : केस-1-राठ निवासी 25 वर्षीय वाहन चालकको बीते चार वर्षों से सिगरेट लत लग गई थी। रोजाना करीब 20 सिगरेट पी लेता था। दोस्तों ने टोका, छोड़ना भी चाहा लेकिन सिगरेट न पीने पर वह बेचैन हो जाता था। एक दिन उरई के रिश्तेदारों ने जिला अस्पताल के काउंसलिंग केंद्र में जाने की सलाह दी। वहां 8 सितंबर 2021 को आकर काउसंलिंग कराई। धीरे-धीरे सिगरेट छोड़ दी। पिछले पांच महीने से बिल्कुल सिगरेट नहीं पी रहा है और खुद को पहले से ज्यादा स्वस्थ भी महसूसकर रहा है।     केस-2-सीएमओ कार्यालय में तैनात चालक सुरेश(46) ने बताया कि पहले वह गुटखा खाते थे। गले में दिक्कत होने लगी तोगले का ऑपरेशन हुआ। इसके बाद गुटखा छोड़ दिया और बीड़ी की लत लग गई। रोजाना 20 बीड़ी का सेवन करनेलगे। एक दिन जिला अस्पताल के तंबाकू नियंत्रण कक्ष पहुंचे। 25 सितंबर 2021 के बाद इलाज लिया।अब कोई धूम्रपान नहीं करते हैं।     केस-3- इंदिरानगर निवासी 42 वर्षीय मजदूर पिछले10 साल से बीड़ी का लती था। हर दिन 25 बीड़ी पी जाता था। इस नशे को लेकर घर मेंअक्सर लड़ाई भी होती थी। पांच सदस्यीय परिवार का खर्च दिहाड़ी मजदूरी से चलाना मुश्किल होगया था। जिला अस्पताल के तंबाकू नियंत्रण कक्ष में 5 अक्टूबर 2021 को पहुंचे।काउंसलिंग के बाद बीड़ी का सेवन छोड़ दिया।यह सिर्फ बानगी भर है।     असल में जिला अस्पताल केनशा मुक्ति केंद्र से ऐसे हजारों लोग अब तक लाभान्वित हो चुके हैं। जिला अस्पताल केतंबाकू नियंत्रण कक्ष के सलाहकार महेश कुमार का कहना है कि इस बार 360 लोगों की काउंसलिंगकी गई। इसमें 37 लोगों ने नशे से मुक्ति भी पा ली। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम कीजिला सलाहकार तृप्ति यादव का कहना है कि लगातार तंबाकू जागरूकता को लेकर कार्यक्रमआयोजित किए जा रहे हैं।  गौरतलब है कि ध्रूमपान से जुड़ीसमस्याओं के बारे में जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष मार्च के दूसरे बुधवार कोनो स्मोकिंग डे मनाया जाता है।     इस बार यह दिवस 9 मार्च को मनायाजाता है। इनसेट एनसीडी के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डा. वीरेंद्रसिंह का कहना है कि यह सभी जानते है कि ध्रूमपान नुकसानदेह है। यह मनुष्य के शरीरमें हजारों रसायनों को छोड़ता है। इसका असर फेफेड़ों के साथ दिल व शरीर के अन्य अंगों पर भी पड़ता है। उन्होंने बताया कि कई सालों से ध्रूमपानकरने वालों को नशा छोड़ना मुश्किल हो जाता है। हालांकि यदि मन में ठान लिया जाए तोसिगरेट छोड़ी जा सकती है।     सिगरेट छोड़ने के बाद एक सप्ताह महत्वपूर्ण होता है। अगरहफ्ते भर ध्रूमपान नहीं किया तो आप पूरी तरह से ध्रूमपान छोड़ सकते हैं। यह नियम अपनाए तो छोड़ सकते हैं सिगरेट l  सबसे पहले खुद से वादाकरना होगा कि हम सिगरेट छोड़ देंगे।l  ऐसी चीजों से दूर रहे जोआपको स्मोकिंग की याद दिलाए।l  जब सिगरेट या तंबाकूचबाने का मन करें तो दूसरी चीजों में मन लगाए।l  सिगरेट का विकल्प ढूंढ़े।कुछ ऐसी चीजें मुंह में रखे जो नुकसान न करें।l  स्मोकिंग का कारण तनावहोता है। इसलिए खुद को टेंशन फ्री रखने की कोशिश करें।

नो स्मोकिंग डे (नौ मार्च) पर विशेष 

ध्रूमपान न केवल खुद व दूसरे के लिए भी नुकसानदेह  

तंबाकू नियंत्रण कक्ष की सलाह से लोग पा रहे ध्रूमपान की लत से मुक्ति


जालौन : केस-1-राठ निवासी 25 वर्षीय वाहन चालकको बीते चार वर्षों से सिगरेट लत लग गई थी। रोजाना करीब 20 सिगरेट पी लेता था। दोस्तों ने टोका, छोड़ना भी चाहा लेकिन सिगरेट न पीने पर वह बेचैन हो जाता था। एक दिन उरई के रिश्तेदारों ने जिला अस्पताल के काउंसलिंग केंद्र में जाने की सलाह दी। वहां 8 सितंबर 2021 को आकर काउसंलिंग कराई। धीरे-धीरे सिगरेट छोड़ दी। पिछले पांच महीने से बिल्कुल सिगरेट नहीं पी रहा है और खुद को पहले से ज्यादा स्वस्थ भी महसूसकर रहा है। 


केस-2-सीएमओ कार्यालय में तैनात चालक सुरेश(46) ने बताया कि पहले वह गुटखा खाते थे। गले में दिक्कत होने लगी तोगले का ऑपरेशन हुआ। इसके बाद गुटखा छोड़ दिया और बीड़ी की लत लग गई। रोजाना 20 बीड़ी का सेवन करनेलगे। एक दिन जिला अस्पताल के तंबाकू नियंत्रण कक्ष पहुंचे। 25 सितंबर 2021 के बाद इलाज लिया।अब कोई धूम्रपान नहीं करते हैं। 


केस-3- इंदिरानगर निवासी 42 वर्षीय मजदूर पिछले10 साल से बीड़ी का लती था। हर दिन 25 बीड़ी पी जाता था। इस नशे को लेकर घर मेंअक्सर लड़ाई भी होती थी। पांच सदस्यीय परिवार का खर्च दिहाड़ी मजदूरी से चलाना मुश्किल होगया था। जिला अस्पताल के तंबाकू नियंत्रण कक्ष में 5 अक्टूबर 2021 को पहुंचे।काउंसलिंग के बाद बीड़ी का सेवन छोड़ दिया।यह सिर्फ बानगी भर है। 


असल में जिला अस्पताल केनशा मुक्ति केंद्र से ऐसे हजारों लोग अब तक लाभान्वित हो चुके हैं। जिला अस्पताल केतंबाकू नियंत्रण कक्ष के सलाहकार महेश कुमार का कहना है कि इस बार 360 लोगों की काउंसलिंगकी गई। इसमें 37 लोगों ने नशे से मुक्ति भी पा ली। तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम कीजिला सलाहकार तृप्ति यादव का कहना है कि लगातार तंबाकू जागरूकता को लेकर कार्यक्रमआयोजित किए जा रहे हैं।  गौरतलब है कि ध्रूमपान से जुड़ीसमस्याओं के बारे में जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष मार्च के दूसरे बुधवार कोनो स्मोकिंग डे मनाया जाता है। 


इस बार यह दिवस 9 मार्च को मनायाजाता है। इनसेट एनसीडी के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डा. वीरेंद्रसिंह का कहना है कि यह सभी जानते है कि ध्रूमपान नुकसानदेह है। यह मनुष्य के शरीरमें हजारों रसायनों को छोड़ता है। इसका असर फेफेड़ों के साथ दिल व शरीर के अन्य अंगों पर भी पड़ता है। उन्होंने बताया कि कई सालों से ध्रूमपानकरने वालों को नशा छोड़ना मुश्किल हो जाता है। हालांकि यदि मन में ठान लिया जाए तोसिगरेट छोड़ी जा सकती है। 


सिगरेट छोड़ने के बाद एक सप्ताह महत्वपूर्ण होता है। अगरहफ्ते भर ध्रूमपान नहीं किया तो आप पूरी तरह से ध्रूमपान छोड़ सकते हैं। यह नियम अपनाए तो छोड़ सकते हैं सिगरेट l  सबसे पहले खुद से वादाकरना होगा कि हम सिगरेट छोड़ देंगे।l  ऐसी चीजों से दूर रहे जोआपको स्मोकिंग की याद दिलाए।l  जब सिगरेट या तंबाकूचबाने का मन करें तो दूसरी चीजों में मन लगाए।l  सिगरेट का विकल्प ढूंढ़े।कुछ ऐसी चीजें मुंह में रखे जो नुकसान न करें।l  स्मोकिंग का कारण तनावहोता है। इसलिए खुद को टेंशन फ्री रखने की कोशिश करें।

एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने

Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS