आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने शहरी भारत को "कचरा मुक्त" बनाने के लिए रोडमैप लॉन्च किया

आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने शहरी भारत को "कचरा मुक्त" बनाने के लिए रोडमैप लॉन्च किया

"सुशासन दिवस" की पूर्व संध्या पर भारत सरकार के आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) ने 24 दिसंबर 2021 को "आजादी@75 कचरा मुक्त शहरों की स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल टूलकिट 2022" को लॉन्च किया,  कूड़ा प्रबंधन में यह शासन का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण, कचरा मुक्त शहरों के लिए यह स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल है।

पहली अक्टूबर 2021 को माननीय प्रधानमंत्री ने "कचरा मुक्त शहर" (जीएफसी) बनाने के समग्र दृष्टि के साथ स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 का शुभारंभ किया, जिससे भारत को समग्र स्वच्छता और कूड़ा प्रबंधन के पारिस्थितिकी तंत्र की ओर विकास के नए पायदान पर रखा गया। इस दृष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए एसबीएम यू 2.0 के तहत स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल के अनुसार प्रत्येक शहरी स्थानीय निकाय को कम से कम 3 स्टार कचरा मुक्त बनाना प्रमुख उद्देश्य है।

जीएफसी के लिए हाल ही में संपन्न प्रमाणीकरण अभ्यास में लगभग 50 प्रतिशत यूएलबी (यानी 2238 शहरों) ने भाग लिया, जिनमें से कुल 299 शहरों में 9 शहरों को 5 स्टार, 143 शहरों को 3 स्टार और 147 शहरों को 1 स्टार से प्रमाणित किया गया।

"कचरा मुक्त शहर" बनाने के लिए शहरों में जमीनी स्तर पर कचरा प्रबंधन परिदृश्य को बेहतर बनाने के लिए स्टार रेटिंग प्रमाणीकरण के प्रभाव को देखते हुए भारत सरकार के फंड को कम से कम 1 स्टार प्रमाणीकरण प्राप्त करने वाले यूएलबी के अधीन सशर्त बना दिया गया है।

इसलिए यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि केंद्रीय निधियों का लाभ उठाने और एसबीएम यू 2.0 के तहत इच्छित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक यूएलबी भाग लेगा और स्वयं को जीएफसी प्रमाणित करेगा। ऐसा करने के लिए मौजूदा जीएफसी प्रोटोकॉल को संशोधित करना और इसकी मजबूती को बनाए रखते हुए मूल्यांकन प्रक्रिया को सरल बनाना जरूरी समझा गया, ताकि प्रत्येक यूएलबी जीएफसी प्रमाणीकरण के लिए आवेदन करने के लिए प्रेरित हो सके।

प्रोटोकॉल में प्रमुख संशोधन कुछ इस प्रकार हैं

पहले के 25 घटक/सूचक अब घटाकर 24 कर दिए गए हैं, जिनमें से केवल 16 सूचक 1 स्टार और 3 स्टार स्तरों के लिए अनिवार्य हैं। बाकी 8 सूचक प्रकृति में आकांक्षात्मक हैं और 5 स्टार व 7 स्टार उम्मीदवारों के लिए प्रासंगिक होंगे

पिछले जीएफसी प्रोटोकॉल की बहु चरणीय गणना को अब एकल चरण अंकन में बदल दिया गया है, जो यूएलबी को आवेदन करने के लिए आसानी से स्व-मूल्यांकन करने में मदद करेगा।

संशोधित प्रोटोकॉल एसबीएम यू 2.0 प्राथमिकताओं के अनुरूप है, घर-घर संग्रह, मूल स्थान पर ही अलग अलग करने, अपशिष्ट प्रसंस्करण और कचरे के मैदान का उपचार करने को उच्च भार (50 प्रतिशत) भारांक आवंटित किया गया है।

प्रमाणीकरण और उसके बाद के मूल्यांकन के लिए आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया को सरल बनाया गया है और पूरी तरह से डिजिटल, पेपरलेस बनाया गया है, उदाहरण के लिए डिजिटल घोषणाएं, भू चिह्नित (जियो टैग) अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधाएं, शुरू से अंत तक प्रगति की डिजिटल निगरानी

अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए शहरों को प्रोत्साहित करने के लिए आईईसी से संबंधित नए घटक, क्षमता निर्माण, अपशिष्ट उप उत्पादों की बिक्री से राजस्व को जोड़ा गया है।

शहरों की योजना के आकलन में मदद करने के लिए पूरे साल सतत मूल्यांकन

कार्यक्रम में आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्रा ने कहा कि टूलकिट के साथ आने का उद्देश्य मानदंडों की कठोरता को बनाए रखते हुए चीजों को सरल और समझने में आसान बनाना है। उन्होंने सभी शहरों से पूरी तैयारी के साथ रेटिंग प्रक्रिया में भाग लेने का आह्वान किया। श्री मिश्रा ने कहा कि टूलकिट के सरलीकरण से सभी शहरों को कम से कम 3 स्टार रेटिंग प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जाएगा और इनमें से कई उच्च रेटिंग प्राप्त करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी मार्गदर्शन और प्रशिक्षण की आवश्यकता वाले शहरों को एमओएचयूए संभालेगा। सचिव ने शहर के प्रशासकों और जन प्रतिनिधियों से इस मिशन में बड़ी संख्या में लोगों को शामिल करने और विशेष रूप से स्थानीय भाषाओं और बोलियों में आईईसी गतिविधियों को तेज करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि शहरों को साफ-सुथरा बनाने के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने से न केवल शहर में भूमि मूल्य और निवेश में वृद्धि होगी, बल्कि लोगों को अपने आवासों पर भी गर्व होगा। उन्होंने कहा कि उच्च रेटिंग वाले भारतीय शहरों की तुलना दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों से की जाएगी।

स्टार रेटिंग प्रमाणन के बारे में विस्तार से बताते हुए मिशन निदेशक सुश्री रूपा मिश्रा ने कहा कि इस प्रक्रिया में ऊपर की ओर और आगे की गति हुई है, लेकिन कई यूएलबी को कुछ उठाना होगा और यह टूलकिट प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाएगा।

शहरों को "कचरा मुक्त" बनाने की दृष्टि के साथ एसबीएम यू 2.0 पंरपरागत कचरे के मैदानों के उपचार, निर्माण और विध्वंस कचरे तथा प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन के उपचार के साथ-साथ 100 प्रतिशत अपशिष्ट प्रसंस्करण प्राप्त करने पर केंद्रित है। पूरे वर्ष निरंतर मूल्यांकन के साथ संयुक्त नया प्रोटोकॉल शहरों को "कचरा मुक्त शहर" के दृष्टिकोण को साकार करने और भागीदारी के लिए प्रोत्साहित करेगा।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS