संयुक्‍त क्षेत्रीय केन्‍द्र (सीआरसी) लखनऊ में पुनर्वास एवं छात्रावास भवन का उद्घाटन

संयुक्‍त क्षेत्रीय केन्‍द्र (सीआरसी) लखनऊ में पुनर्वास एवं छात्रावास भवन का उद्घाटन

सीआरसी लखनऊ दिव्यांगजनों को व्यवसाय चिकित्सा, फिजियोथैरेपी, मस्तिष्‍क संबंधी संवेदी इकाई, कृत्रिम और कृत्रिम उपकरणों का प्रावधान और इस्‍तेमाल जैसी पुनर्वास सेवाएं प्रदान करेगा

मंत्री ने सामुदायिक स्तर पर जमीनी स्तर के पुनर्वास कार्यकर्ताओं का एक पूल बनाने के उद्देश्य से समुदाय आधारित समावेशी विकास (सीबीआईडी) कार्यक्रम का वर्चुअली उद्घाटन किया

केन्‍द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ.वीरेन्‍द्र कुमार ने आज संयुक्‍त क्षेत्रीय केन्‍द्र (सीआरसी) लखनऊ में पुनर्वास एवं छात्रावास भवन का उद्घाटन किया। सीआरसी लखनऊ के पुनर्वास भवन में दिव्यांगजनों को व्यवसाय चिकित्सा, फिजियोथेरेपी, मस्तिष्‍क संबंधी संवेदी इकाई, कृत्रिम और कृत्रिम उपकरणों का प्रावधान और इस्‍तेमाल जैसी पुनर्वास सेवाएं प्रदान करने के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं हैं। यह केन्‍द्र विशेष शिक्षा (दृष्टि दोष और बौद्धिक अक्षमता) में डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रम चलाता है। छात्रावास भवन में भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) द्वारा मान्यता प्राप्त पुनर्वास विज्ञान अशक्‍तता अध्ययन में पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए 200 छात्रों को आवास प्रदान करने की क्षमता है।

सामाजिक न्याय मंत्री ने सीआरसी लखनऊ से समुदाय आधारित समावेशी विकास (सीबीआईडी) कार्यक्रम के पहले बैच का भी वर्चुअली उद्घाटन किया। श्री वीरेन्‍द्र कुमार ने इन संगठनों के प्रमुखों, सीबीआईडी ​​कार्यक्रम के प्राध्‍यापकों और छात्रों के साथ भी बातचीत की। उन्होंने इन संगठनों द्वारा पाठ्यक्रमों के संचालन में किए गए प्रयासों की सराहना की और छात्रों को अपनी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे पूरी लगन के साथ पाठ्यक्रम को पूरा करें और अपनी योग्यता, ज्ञान और कौशल के मामले में आने वाले बैचों के लिए मानक निर्धारित करें।

सीबीआईडी ​​कार्यक्रम का उद्देश्य जमीनी स्तर पर पुनर्वास कार्यकर्ताओं का एक पूल तैयार करना है जो दिव्‍यांगता से जुड़े मुद्दों के बारे में सामुदायिक स्तर पर आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर काम कर सके और दिव्‍यांग लोगों को समाज में शामिल करने की सुविधा प्रदान कर सके। कार्यक्रम को आरसीआई द्वारा मेलबर्न विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया के सहयोग से डिजाइन किया गया है ताकि इन श्रमिकों को अपने कर्तव्यों का सफलतापूर्वक निर्वहन करने की क्षमता बढ़ाने के लिए योग्यता आधारित ज्ञान और कौशल प्रदान किया जा सके। इन कार्यकर्ताओं को 'दिव्यांगमित्र' यानी नि:शक्‍तजनों का मित्र कहा जाएगा।

यह पाठ्यक्रम अब आरसीआई द्वारा चुने गए दिव्‍यांग व्यक्तियों के अधिकारिता विभाग के 6 राष्ट्रीय संस्थानों और 1 संयुक्‍त क्षेत्रीय केन्‍द्र, हरियाणा में 1 राज्य सरकारी संस्थान और 8 अन्य गैर-सरकारी संगठनों में चलाया जा रहा है। इन संगठनों में इस कार्यक्रम के पहले बैच के लिए 38 दिव्यांग छात्रों सहित 527 छात्रों का नामांकन किया गया है। सरकार इस पाठ्यक्रम के छात्रों को 500/- रुपये प्रति माह और दिव्यांग छात्रों के लिए 700/- रुपये प्रति माह की दर से वजीफा प्रदान कर रही है।

इस कार्यक्रम में सामाजिक न्‍याय मंत्री के साथ दिव्‍यांग व्यक्तियों के अधिकारिता विभाग में सचिव सुश्री अंजलि भावरा और विभाग में संयुक्‍त सचिव डा. प्रबोध सेठ भी मौजूद थे।

एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने

Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS