मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लाभ से कोई भी अनाथ बच्चा न रहे वंचित : मंडलायुक्त

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लाभ से कोई भी अनाथ बच्चा न रहे वंचित : मंडलायुक्त

मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लाभ से कोई भी अनाथ बच्चा न रहे वंचित मंडलायुक्त

मंडल में खोजे गए 420 अनाथ बच्चे में से 297 को मिली अनुदान राशि

कोविड से अनाथ हुए बच्चों को आर्थिक के साथ साथ भावनात्मक सहयोग जरूरी

जालौन, 28 अगस्त 2021 : कोविड से अनाथ हुए बच्चों की मदद लिए संचालित मुख्यमंत्री बाल योजना के अंतर्गत मिलने वाली मदद से अपनों के खोने के गम को तो दूर नहीं किया जा सकता लेकिन बच्ची के बेहतर भविष्य निर्माण के लिए यह एक अच्छी पहल जरूर है। योजना ने बच्चों में यह भाव जरूर जगाया हैं कि इस वैश्विक महामारी में हम अकेले नहीं है। यह कहना है मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के लाभार्थी बच्ची के मामा का, अपने पिता को पहले ही खो चुकी बच्ची ने कोविड काल में अपनी माँ को भी खो दिया।

ऐसे ही जनपद निवासी मोहन और सीता (बदला हुआ नाम) ने कोविड के समय पिता को खो दिया, परिवार की आर्थिक ज़िम्मेदारी पिता पर थी, उनके जाने के बाद माँ को होश ही नहीं रहता और आए दिन बीमार रहती है। ऐसे में योजना से आर्थिक मदद ने बड़ा सहारा दिया है।

ऐसे कई उदाहरण आसपास मिल जाएंगे। कोविड काल में अपने माता-पिता दोनों या किसी एक को खोने वाले बच्चों को खोजने की कड़ी में मण्डल में 420 अनाथ बच्चों को खोजा गया है। इसमें 311 बच्चों की प्रोफ़ाइलिंग भी की जा चुकी है और 297 बच्चों के खातों में पैसा भेजा जा चुका है।

कोविड 19 महामारी में अपने माता पिता व अभिभावक को खोने वाले बच्चों की मदद के लिए सरकार ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की शुरुआत की है। इसके माध्यम से ऐसे बच्चों की खोज की जा रही है जिन्होने कोविड काल में अपने माता पिता दोनों या किसी एक को खोया हो। मंडलायुक्त के निर्देश के बाद मण्डल में 420 बच्चों को खोजा गया है, जिसमें 237 बच्चे झाँसी जनपद में, 198 ललितपुर में और 45 बच्चे जालौन में चिन्हित किए गए हैं। 

मंडलायुक्त ने निर्देश दिया है कि कोविड महामारी में अनाथ हुए बच्चों की खोजा कर उन्हें उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ दिलाया जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चों की खोज में गंभीरता दिखाई जाए ताकि कोई भी अनाथ बच्चा योजना से वंचित न रह जाए। आयुक्त ने कहा कि कोविड से अनाथ हुए बच्चों को न सिर्फ योजना का लाभ पहुँचाया जाए बल्कि उन्हें भावनात्मक सहयोग भी जरूरी है।

उन्होंने निर्देश दिया कि कोविड में जिन लोगों की मौत हुई है, उनके करीबियों से फोन के माध्यम से संपर्क कर अनाथ बच्चों की खोज की कार्यवाही करा ली जाए तथा पात्र लाभार्थियों को निर्धारित प्रारुप पर आवेदन संकलित करा लिए जाएँ।

महिला कल्याण विभाग, झाँसी मण्डल के उपनिदेशक श्रवण कुमार गुप्ता ने कहा कि अनाथ हुए बच्चों के पुनर्वास हेतु संचालित उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना का लाभ पहुंचाना मुख्यमंत्री के प्राथमिकता वाले बिंदुओं में शामिल है। लिहाजा इसे गंभीरता से लिया जाए।

योजना की पात्रता

शून्य से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चे जो कि उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हैं।

माता-पिता/ माता या पिता/ वैध अभिभावक/ आय अर्जित करने वाले अभिभावक की मृत्यु कोविड-19 के संक्रमण के कारण एक मार्च, 2020 के बाद हो गयी हो।

जिनके परिवार की आय तीन लाख से कम हो। 

योजना में देय लाभ

बाल देख-रेख संस्थाओं में आवास

शून्य से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की देखभाल हेतु 4000 रूपये प्रतिमाह

कस्तूरबा गांधी बालिका/ अटल आवासीय विद्यालयों में प्रवेश

बालिकाओं को विवाह हेतु एक लाख एक हज़ार रूपये

उच्चतर माध्यमिक तथा व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त कर रहे 18 वर्ष तक के बच्चों को लैपटाप/ टैबलेट

बच्चों की चल-अचल सम्पत्तियों की कानूनी सुरक्षा

कैसे करें आवेदन

निर्धारित प्रारूप पर पूर्ण रूप से भरे एवं स्वयं सत्यापित ऑफलाइन आवेदन निम्न के पास प्रस्तुत करे-

ग्राम विकास या पंचायत अधिकारी या विकास खंड या लेखपाल या तहसील या जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय।

माता- पिता/ माता या पिता की मृत्यु से 1 वर्ष के भीतर आवेदन करें।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS