कानपुर: लोन दिलाने के नाम पर चल रहा था बाइक फाइनेंस का खेल


लोन दिलाने के नाम पर चल रहा था बाइक फाइनेंस का खेल 

स्वाट टीम और चकेरी पुलिस ने पूरे गैंग को दबोचा 20 गाड़ियां बरामद 

पर्सनल लोन दिलाने के नाम पर गरीब लोगों से लेते थे उनके प्रमाण पत्र 

प्रति बाइक पर कमाते थे 30-40 हजार रुपये -नये वाहन के मूल्य से दस हजार कम में बेंचते थे 

कानपुर : बैंक के कामकाज से अनजान भोले भाले गरीब लोगों के साथ ठगी करने वाला बड़ा गैंग स्वाट टीम के हत्थे चढ़ा है । गैंग लोगों से उनके बैंक की पास बुक, आधार कार्ड, पैन कार्ड व अन्य प्रपत्र लेकर फायनेन्स कम्पनी से स्कूट / मोटरसाइकिल को फायनेन्स कराकर धोखा दे रहा था । 


पुलिस ने गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार करके उसके पास से फायनेंस कराए गये 19 दोपहिया वाहनों को बरामद किया है । पुलिस के हत्थे चढ़ा ग्वालटोली निवासी संदीप राठौर की तलाश क्राइम ब्रांच को लंबे समय से थी । 
सोमवार को जब वह अपनी बाइक से छावनी की तरफ से जाजमऊ आ रहा तभी स्वाट टीम और चकेरी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया । संदीप ने पूछताछ में विभिन्न गाडियों को विभिन्न कम्पनियों से बेच देना कुछ घर पर व कुछ अन्य स्थानो पर छिपाकर रखने की बात कबूल की है । पुलिस ने उसके पास से कुल 20 मो0सा0 / स्कूटी बरामद कराया । 


पर्सनल लोन के नाम पर झांसा लोगों से कागज लेने के बाद भी जब पर्सनल लोन न होता तो लोग शिकायत करते कि गाड़ी क्यों फाइनेंस कराई तो झांसा देने के लिए संदीप कहता कि पर्सनल लोन के लिए पहले से कोई लोन होना चाहिए । इसके बाद लोगों को 10-15 हजार रुपये देकर शांत करा देते । साथ ही कहते कि अगर कोई बैंक वाला घर आए तो दूसरी जगह किराए का कमरा ले लेना , तुम्हे कोई किस्त भी नहीं कुछ देनी ।


फाइनेंस वाहन को बेंचते थे दूसरे के नाम पर वाहन फाइनेंस कराने के बाद संदीप किसी अन्य ग्राहक को नये वाहन के दाम से 5-10 हजार कम में यह वाहन बेंच देते थे । इससे प्रति वाहन 30-40 हजार रुपये बचते थे । करीब दो सालों से यह धंध चल रहा था । कोई न खोले इसके लिए वह पीड़ितों से सादे स्टांप पर हस्ताक्षर भी करवा लेते थे ।



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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS