जगम्मनपुर, जालौन: पथिकों को राह सुझाने वाला साइनबोर्ड पोल सहित झाड़ियों में, महीनों बीत गए किसी ने नहीं ली सुध

जगम्मनपुर, जालौन: पथिकों को राह सुझाने वाला साइनबोर्ड पोल सहित झाड़ियों में  महीनों बीत गए किसी ने नहीं ली सुध   कूड़ दिमाग अधिकारी कर रहे हैं चोरी हो जाने का इंतजार रिपोर्ट :- विजय द्विवेदी

जगम्मनपुर, जालौन: पथिकों को राह सुझाने वाला साइनबोर्ड पोल सहित झाड़ियों में

महीनों बीत गए किसी ने नहीं ली सुध 

कूड़ दिमाग अधिकारी कर रहे हैं चोरी हो जाने का इंतजार

रिपोर्ट :- विजय द्विवेदी

जगम्मनपुर, जालौन : दूरदराज से आए यात्रियों को मार्ग सुझाने वाला साइन बोर्ड फाउंडेशन से टूटकर पोल सहित ज़मीदोज़ हो किसी हमदर्द का इंतजार कर रहा है । 

रामपुरा जगम्मनपुर मार्ग पर ग्राम जगम्मनपुर के निकट सड़क के किनारे साइन बोर्ड लगा था जिसकी ऊंचाई सड़क से लगभग 20 फुट होगी । हरे रंग का यह बोर्ड रात के अंधेरे में भी चमक का पथिको को निकट के प्रमुख स्थानों की दूरी बताने एवं दिशा सूचक का कार्य करता था। पंचनद पर्यटक स्थल होने से यहां पूरे दिन बाहरी लोगों का आना जाना रहता है, वही यमुना पर बना पुल औरैया, कानपुर, दिबियापुर, कन्नौज आदि के लिए एवं पंचनद संगम के पास पहूज, सिंध, क्वांरी नदी पर  बना पुल इटावा, आगरा ,ग्वालियर सहित अनेक शहरों के लिए सीधा मार्ग होने से पूरे दिन वाहनों की रेलम पेल रहती है । इस भीड़ भाड़ में जगम्मनपुर के बाहर सड़क के किनारे लगाया गया साइन बोर्ड यात्रियों के लिए मददगार साबित होता था किंतु दूसरों को राह बताने बाले इस बोर्ड का वजन उठाने वाला थर्ड क्वालिटी का पोल फाउंडेशन से ही गल कर बोर्ड सहित जमीन में झाड़ियों के बीच गिर पड़ा । इस साइन बोर्ड को ज़मीदोज़ हुए लगभग 1 वर्ष हो चुका है लेकिन जिम्मेदार लोगों ने इसकी सुध नहीं ली । 

शायद चोरी हो जाने का कर रहे हैं इंतजार

गांव के बाहर झाड़ियों में पड़े बोर्ड को अभी तक चोरों ने चुरा कर कबाड़े में नहीं बेचा है शायद लोक निर्माण विभाग या इस बोर्ड के लिए जिम्मेदार लोग इसके चोरी हो जाने का ही इंतजार कर रहे हैं कि यह चोरी हो जाए और पुनः बजट स्वीकृत कर इसी प्रकार का कमजोर पोल वाला नया बोर्ड लगाने का प्रस्ताव स्वीकृत कर पुनः भृष्टाचार कर लिया जाए। यदि सरकारी महकमा चाहे तो चार पांच हजार रुपया खर्च से इसे पुनः यथास्थिति में खड़ा किया जा सकता है लेकिन सरकारी पैसा खाने में माहिर जिम्मेदार लोग गांधीजी के तीन बंदरों का जीवंत अभिनय कर लोगों की गाढ़ी कमाई का सरकारी धन अपने घर की तिजोरी में भरने योजना बनाएं चुपचाप बैठे हैं।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS