जालौन, 19 मार्च 2021 : कुपोषण बीमारी नहीं बल्कि समस्या है। इसे समुचित खानपान से दूर किया जा सकता है। कुपोषण को दूर करने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार का ग्रहण करना चाहिए। खाना खाते समय नियमों का पालन करना चाहिए। मां अपने साथ बच्चे को खिला तो सकती है लेकिन उसकी थाली अलग होनी चाहिए। इससे पता चल सकेगा कि बच्चे ने कितना खाना खाया है। यह सलाह बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) विमलेश आर्या ने मोहल्ला पाठकपुरा के आंगनबाड़ी केंद्र पर आयोजित सूखा राशन वितरण के दौरान कही। पोषण पखवाड़े के अंतर्गत केंद्र पर गर्भवती, किशोरियों व बच्चों की जांच की भी गई। उन्होंने माताओं को पोषक तत्वों से बने पदार्थों को तैयार करने के बारे में भी विस्तार से बताया।
उन्होंने समझाया कि खाना खाते समय न तो कम खाना है और न ही ज्यादा खाना है। जो भी खाना है पौष्टिक और समय पर खाना है। उन्होंने बताया कि इस समय दस्तक अभियान चल रहा है। घर में मच्छर न पनपने दें। जहां पानी भरा रहता है, वहां मिट्टी के तेल की दो बूंदें डाल दें।
इस दौरान गर्भवती महिलाओं के वजन आदि की जांच की गई। लाभार्थियों को गेहूं, चना, दूध पाउडर, घी, दाल सूखा राशन दिया गया। उन्होंने बताया कि सभी 185 केंद्रों पर इस तरह की गतिविधियां आयोजित की जा रही है। इसके पूर्व पोषण पखवाड़े के अंतर्गत मोहल्ला उमरारखेरा स्थित नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से पोषण व कोविड जागरुकता रैली निकाली गई। जिसे उपजिलाधिकारी सतेंद्र कुमार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस दौरान डा. अविनाश पटेल, मुख्य सेविका शशि, एएनएम रचना आदि मौजूद रहीं।
केंद्र की योजनाओं का मिल रहा लाभ
आंगनब़़ाड़ी केंद्र आने वाली लाभार्थी अनुराधा सोनी बताती है कि वह वह पिछले तीन साल से नियमित रुप से केंद्र पर आ रही है। केंद्र पर आने पर उन्हें कई प्रकार की जानकारियां मिलती है। यही नहीं पोषाहार भी मिल जाता है, जिससे उनकी दो बेटियां है, जो कुपोषण से बच गई है। उन्होंने कहा कि लोगों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिलने वाली सुविधाओं का लाभ लेना चाहिए। यहां कई नई जानकारियां मिलती है।
केंद्र पर मिलती है नई जानकारियां
पाठकपुरा मोहल्ले की लाभार्थी जया ने बताया कि वह अक्सर केंद्र पर बच्चों के साथ आ जाती है। यहां आने का एक लाभ यह भी है कि घर की टेंशन भी यहां आकर दूर हो जाती है। यहां अन्य महिलाओं से मिलकर नई जानकारियां मिलती है। केंद्र पर मिलने वाली योजनाओं का लाभ मिल जाता है। बच्चों की भी नियमित जांच हो जाती है। अच्छा लगता है।