भारत अब किसी पर निर्भर नहीं रहेगा : केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह ने बेंगलुरु, कर्नाटक में किया आईसीएआर के संस्थानों का दौरा

समीक्षा बैठक लेकर श्री शिवराज सिंह ने किसानों के हित में दिए दिशा-निर्देश

किसानों, पशुपालकों, स्टार्टअप उद्यमियों, वैज्ञानिकों से केंद्रीय कृषि मंत्री ने किया संवाद

कीटों के माध्यम से पेस्टीसाइड का उपयोग कम करेंगे- श्री शिवराज सिंह

पेस्टीसाइड से मित्र कीट, धरती और मनुष्यों के स्वास्थ्य को खतरा- श्री शिवराज सिंह

पशुपालकों को पशुओं में फैलने वाली बीमारी के बारे में पूर्व सूचना देकर बचाव के उपाय किए जाएंगे- श्री शिवराज सिंह

किसानों की आय बढ़ाने के लिए इंटीग्रेटेड फार्मिंग का मॉडल बना रहे हैं- श्री शिवराज सिंह

भारत अब किसी पर निर्भर नहीं रहेगा- केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह

कृषि मंत्री श्री चौहान ने किसान के खेत में जाकर नारियल, पपीते और केले की मिश्रित खेती की ली जानकारी

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज बेंगलुरु में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के संस्थानों का दौरा कर समीक्षा बैठक ली, साथ ही किसानों, पशुपालकों, स्टार्टअप चलाने वाले उद्यमियों, वैज्ञानिकों और अन्य हितधारकों से सीधा संवाद किया। इस दौरान श्री शिवराज सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत अब किसी पर निर्भर नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि किसानों का हित सर्वोपरि रखते हुए हम किसानों की आय बढ़ाने के लिए इंटीग्रेटेड फार्मिंग का मॉडल बना रहे हैं, वहीं किसानों को सावधान करते हुए वे बोले कि पेस्टीसाइड से मित्र कीट, धरती और मनुष्यों के स्वास्थ्य को खतरा है, कीटों के माध्यम से पेस्टीसाइड का उपयोग कम किया जाएगा। साथ ही, श्री शिवराज सिंह ने कहा कि पशुपालकों को पशुओं में फैलने वाली बीमारी के बारे में पूर्व सूचना देकर बचाव के उपाय किए जाएंगे।

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह आईसीएआर के राष्ट्रीय पशुरोग जानपदिक एवं सूचना विज्ञान संस्थान की गतिविधियों की जानकारी ली और यहां किसानों व पशुपालकों सहित अन्य हितधारकों से संवाद करते हुए कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। आज भारत मजबूत है और कोई भारत पर दबाव नहीं डाल सकता, हम स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र हैं, हमारे फैसले हम खुद करेंगे। हमें दुनिया की कोई ताकत निर्देशित नहीं कर सकती। श्री शिवराज सिंह ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि दुनिया के एक देश ने कोशिश की, कि समझौता हो जाएं तो हमने कह दिया कि हमारे लिए हमारे देश के हित सर्वोपरि हैं, किसानों के हितों से हम कोई समझौता नहीं करेंगे। एक भय का माहौल बनाने की कोशिश की गई, लेकिन भारत ने निडरता से निर्णय लिया। हमारे किसान, पशुपालक, गाय, बैल, भैंस, बकरी, मछुआरे इनके हित सुरक्षित रहेंगे, ये उद्घोष प्रधानमंत्री श्री मोदी ने किया है।

श्री शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों, पशुपालकों की जिंदगी आसान बनाना है, आय बढ़ाना है तो केवल खेत से या फूड ग्रेन, व्हीट, राइज़, शुगरकेन, एक-दो क्रॉप से काम नहीं चलेगा, हमें इंटीग्रेटेड फॉर्मिग करनी पड़ेगी। हम न केवल फूड ग्रेन पैदा करें, हम राइस भी पैदा करें। यहां दालें होती हैं, तुअर, अरहर, हम पल्सेस, ऑयल सीड्स पैदा करें, साथ-साथ फूड वेजिटेबल, फूलों, फलों, सब्जियों, औषधि की खेती करें और पशुपालन पर भी ध्यान दें। पशुपालन में सबसे बड़ी दिक्कत आती है बीमारियों की, अब इस संकट से हमें फार्मर्स को बचाना पड़ेगा और इसलिए जरूरी है कि समय रहते बीमारियों का पता लग जाए, एक बार बीमारी फैल गई तो कंट्रोल करना बहुत मुश्किल है।  अब डेटा एनालिसिस करके संभावना ढूंढ लेते हैं कि कौन-सी परिस्थितियों में कौन-सी बीमारी आ सकती है, उसकी सूचना राज्य सरकारों को देते हैं ताकि पहले से ही वैक्सीनेशन करके उस बीमारी से पशुओं का बचाने का इंतजाम कर लिया जाएं। 72 से 90-95% तक यह जो फोरकस्ट करते हैं, वो लगभग सही होता है, इसका फायदा होता है कि राज्य सरकार एक्टिव हो और वैक्सीनेशन का काम शुरू कर दे, वैक्सीनेशन अगर हो जाता है तो जान बच जाती है, बीमारी फैल नहीं पाती। श्री शिवराज सिंह ने कहा कि संस्थान के प्रयत्नों से और भारत सरकार के इनिशिएटिव से जो वैक्सीनेशन का काम हुआ है उसने खुरपका, मुंहपका जैसी बीमारियों को काफी हद तक नियंत्रित किया है।

केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो (NBAIR) का भी दौरा किया व उसके कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने कीटों के जैविक नियंत्रण पर एनबीएआईआर-प्रौद्योगिकियों के प्रदर्शन देखे और वैज्ञानिकों, छात्रों, कर्मचारियों, किसानों व उद्यमियों से चर्चा करते हुए जैविक नियंत्रण उपायों के माध्यम से कीटों के स्थायी प्रबंधन में संस्थान के योगदान की सराहना की तथा किसान-अनुकूल प्रौद्योगिकियों के त्वरित विकास और उन्हें कृषक समुदाय, विशेष रूप से छोटे किसानों तक पहुंचाने के प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग और बीटी कपास में उभरते कीटों जैसे गुलाबी सुंडी को लेकर चिंता व्यक्त की।

श्री शिवराज सिंह ने किसान के खेत में जाकर नारियल, पपीता, केला व अदरक की मिश्रित खेती की जानकारी भी ली। श्रीराम नामक किसान ने अपने खेत में अवलोकन के दौरान केंद्रीय मंत्री श्री चौहान को बताया कि उसने केले की विशिष्ट किस्म ‘नंजनगुड रसाबले’ लगाई है, जो न केवल स्वादिष्ट है बल्कि कम शुगर कंटेंट के कारण डायबिटीज के मरीज भी इसे खा सकते हैं। श्री शिवराज सिंह ने खेत का अवलोकन करने के बाद बताया कि पिछले कुछ समय से केले की यह वैरायटी वायरस से जूझ रही है, इसीलिए हमने तय किया है कि यहां कृषि वैज्ञानिकों की एक विशेष टीम भेजी जाएगी ताकि केले की यह विशिष्ट किस्म सुरक्षित रह सके और किसानों को इसका लाभ मिले।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS