संसदीय प्रश्न:- ट्रेन की टक्कर से हाथियों की मौत
राज्य सरकारों/केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2019-20 और 2023-24 के बीच विभिन्न राज्यों द्वारा ट्रेन की टक्कर से कुल 81 हाथियों की मौत की सूचना दी गई।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने रेल मंत्रालय के समन्वय से रेलवे ट्रैक पर हाथियों की मौतों को रोकने के लिए कई उपाय किए हैं, जिनमें अंतर-मंत्रालयी बैठकें आयोजित करना शामिल है। विभिन्न स्थानों पर हाथियों के रहवासों में गति प्रतिबंध, भूकंपीय सेंसर-आधारित हाथी का पता लगाने जैसे पायलट प्रोजेक्ट, अंडरपास, रैंप और बाड़ का निर्माण किया गया है।
इसके अलावा, भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और अन्य हितधारकों के परामर्श से 'क्षैतिज अवसंरचना के प्रभावों को कम करने के लिए पर्यावरण-अनुकूल उपाय' नामक एक दस्तावेज प्रकाशित किया है। यह दस्तावेज़ परियोजना एजेंसियों को रेलवे लाइनों सहित रेखीय अवसंरचना को इस तरह से डिज़ाइन करने में सहायता करता है जिससे मानव-पशु संघर्ष कम हो सके।
वर्ष 2023 और 2024 में भारतीय वन्यजीव संस्थान में रेलवे अधिकारियों के लिए क्षमता निर्माण कार्यशालाएँ आयोजित की गईं। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य उन्हें हाथी संरक्षण और सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं के प्रति संवेदनशील बनाना था।
"भारत में संवेदनशील रेलवे खंडों पर हाथी और अन्य वन्यजीवों की ट्रेन से होने वाली टक्कर को कम करने के लिए सुझाए गए उपाय" शीर्षक से एक व्यापक रिपोर्ट 3,452.4 किलोमीटर में फैले 127 पहचान किए गए रेलवे खंडों में किए गए क्षेत्रीय सर्वेक्षणों के बाद तैयार की गई है। वन्यजीवों की आवाजाही की तीव्रता के आधार पर, 14 राज्यों में 1,965.2 किलोमीटर को कवर करने वाले 77 रेलवे खंडों को स्थल-विशिष्ट हस्तक्षेपों के साथ शमन के लिए प्राथमिकता दी गई है। पहचान किए गए खंडों और शमन उपायों का विवरण वाली रिपोर्ट राज्य सरकारों और रेल मंत्रालय के साथ भी साझा की गई है।
यह जानकारी आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री कीर्ति वर्धन सिंह द्वारा दी गई।