जो स्वास्थ्यकर्मी जनता को सेवा देने में रुचि नहीं लेते, उनकी सेवाएं की जाएं समाप्त : जिलाधिकारी
डीएम ने आंगनबाड़ी, एएनएम और आशा कार्यकत्रियों की लापरवाही पर जताई नाराजगी
सेवाएं समाप्त करने की चेतावनी व स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के दिए निर्देश
उरई। जिलाधिकारी राजेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में विकास भवन स्थित रानी लक्ष्मीबाई सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति (शासी निकाय) की समीक्षा बैठक में ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ मानी जाने वाली आंगनबाड़ी, एएनएम और आशा
कार्यकत्रियों की लापरवाही पर कड़ा रुख अपनाया गया। जिलाधिकारी ने कहा कि जो स्वास्थ्यकर्मी जनता को सेवा देने में रुचि नहीं लेते, उनकी सेवाएं समाप्त की जाएं। उन्होंने माइक्रोप्लान के अंतर्गत जच्चा-बच्चा स्वास्थ्य सत्रों में उपकरण व एचआईवी किट आदि का प्रयोग न करने वाली कर्मियों की पहचान कर सेवा समाप्ति की कार्यवाही के निर्देश दिए।
बैठक में अनुपस्थित मिले सीएचसी अधीक्षक का एक दिन का वेतन रोका गया, जबकि लंबे समय से बैठक से अनुपस्थित डॉ. देवेंद्र भिटौरिया का वेतन अग्रिम आदेशों तक रोके जाने के आदेश दिए गए। पिछली बैठक की कार्यवृत्त रिपोर्ट असंतोषजनक होने पर डीपीएम का वेतन भी रोका गया। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि सभी चिकित्सा व नर्सिंग स्टाफ निर्धारित यूनिफॉर्म में ही ड्यूटी करेंगे। स्वयं की सुविधा अनुसार ड्यूटी बदलने की व्यवस्था अब नहीं चलेगी। वित्तीय व पोर्टल कार्यों में लापरवाही पर कड़ी चेतावनी 2025-26 की कार्ययोजना स्वीकृत न होने के बावजूद अब तक मात्र 15.38 प्रतिशत बजट व्यय किए जाने पर सीएचसी कोंच, कालपी व जिला चिकित्सालय को चिन्हित करते हुए प्रगति सुधारने के निर्देश दिए गए। जननी सुरक्षा योजना, आरसीएच पोर्टल, मंत्रा, एफबीएनसी, ई-कवच, क्षय उन्मूलन, ई-रूपी वाउचर, आभा आईडी, टीकाकरण, एचआरपी चिन्हांकन जैसे कई पोर्टल्स की कम प्रगति पर संबंधित ब्लॉकों, चिकित्सकों और फील्ड स्टाफ को चेतावनी पत्र जारी करने व अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए गए। आरबीएसके टीमों के मूवमेंट की प्रतिदिन वीडियो कॉल से निगरानी, सप्ताह में दो बार औचक निरीक्षण, तथा 15 दिनों में एक बार मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा गहन समीक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेंद्र देव शर्मा, सीएमएस मौजूद रहे।