राष्ट्रपति ने वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए 'बुजुर्गों का सम्मान' पहल पर एक कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई
बुजुर्ग लोग अतीत की कड़ी और भविष्य के मार्गदर्शक होते हैं, हमें उनके मार्गदर्शन को महत्व देना चाहिए और उनकी मूल्यवान संगति का आनंद लेना चाहिए: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (2 मई, 2025) राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र में वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए पहल- 'बुजुर्गों का सम्मान' कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ नागरिक कल्याण पोर्टल का शुभारंभ, वरिष्ठ नागरिक गृहों का वर्चुअल उद्घाटन, सहायक उपकरणों का वितरण और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा ब्रह्मकुमारी संगठन के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
इस अवसर पर अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि माता-पिता और बड़ों का सम्मान करना हमारी संस्कृति का हिस्सा है। आमतौर पर परिवारों में देखा जाता है कि बच्चे अपने दादा-दादी के साथ बहुत सहज रहते हैं। बुजुर्ग सदस्य अपने परिवार के लिए भावनात्मक स्तंभ की तरह होते हैं। जब बुजुर्ग अपने परिवार को समृद्ध होते देखते हैं तो वे भी शारीरिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज की प्रतिस्पर्धात्मक और भागदौड़ भरी जिंदगी में वरिष्ठ नागरिकों का सहयोग, प्रेरणा और मार्गदर्शन हमारी युवा पीढ़ी के लिए बेहद जरूरी है। वरिष्ठ नागरिकों के पास जो अनुभव और ज्ञान है, वह युवा पीढ़ी को जटिल चुनौतियों का सामना करने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि वृद्धावस्था आध्यात्मिक रूप से खुद को सशक्त बनाने, अपने जीवन और कार्यों का विश्लेषण करने और सार्थक जीवन जीने का भी एक चरण है। आध्यात्मिक रूप से सशक्त वरिष्ठ नागरिक देश और समाज को अधिक समृद्धि और प्रगति की ओर आगे बढ़ा सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि बुजुर्ग लोग अतीत की कड़ी और भविष्य के मार्गदर्शक होते हैं। एक राष्ट्र के रूप में यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है कि हम यह सुनिश्चित करें कि हमारे बुजुर्ग अपनी वृद्धावस्था गरिमा और सक्रियता के साथ जिएं। उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि सरकार विभिन्न पहलों के माध्यम से वरिष्ठ नागरिकों को सशक्त बना रही है, ताकि वे जीवन के सभी पहलुओं में सक्रिय रूप से भाग ले सकें। उन्होंने सभी नागरिकों से बुजुर्गों की खुशी और भलाई के लिए खुद को प्रतिबद्ध करने, उनके मार्गदर्शन को महत्व देने और उनकी मूल्यवान संगति का आनंद लेने का आग्रह किया।