सिविल सेवा में भ्रष्टाचार संघीय राजनीति के लिए खतरनाक - उपराष्ट्रपति

सिर्फ इमोशन से नहीं होती राज्य के विकास की परिकल्पना - उपराष्ट्रपति

सिविल सेवा में भ्रष्टाचार संघीय राजनीति के लिए खतरनाक - उपराष्ट्रपति

सिविल सेवा दिवस पर बोले उपराष्ट्रपति, नीतियों को हकीकत में बदलते हैं सिविल सेवक

राजस्थान में पर्यटन, शिक्षा और स्वास्थ्य के नए अवसरों का हो सृजन - उपराष्ट्रपति

जयपुर शहर में हैं गुणवत्तापूर्ण जीवन की संभावनाएं - उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने जयपुर में फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज़ के सदस्यों को संबोधित किया


भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने सिविल सेवा दिवस के अवसर पर देश के सभी सिविल सेवकों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “मैं देश के हर सिविल सेवक को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। लोकतंत्र और शासन में सिविल सेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। वे विकास की दिशा तय करते हैं और नीतियों को जमीनी हकीकत में बदलते हैं।”


उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने जयपुर में फेडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज़ द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत आज दुनिया का सबसे आकांक्षी देश है। उन्होंने कहा कि जब आकांक्षाएं और प्रतियोगिता दोनों बढ़ जाती हैं, तो विकास की गति में थोड़ी सी भी कमी लोगों को बेचैन कर देती है। इसी कारण सिविल सेवा का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।


उन्होंने कहा कि सिविल सेवक संघवाद के वास्तविक प्रहरी और रक्षक हैं। इस अवसर पर उन्होंने सिविल सेवकों से अपील की कि वे प्रणाली के अनुरूप और नियमों के अनुसार कार्य करें। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सिविल सेवक राजनीतिक व्यवस्था, नेताओं या उद्योग व व्यापार से जुड़े कुछ विशेष व्यक्तियों के साथ गठजोड़ करते हैं तो इससे पूरी प्रणाली कमजोर हो जाती है, जो संघीय व्यवस्था के लिए भी खतरनाक है।


उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य का विकास केवल इमोशन से नहीं होता। उन्होंने राजस्थान की संपदा का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य के पास लाइमस्टोन, ग्रेनाइट और मिनरल्स की भरपूर उपलब्धता है, लेकिन इनका सीमित उपयोग सीमेंट और मार्बल तक ही रह गया है।


उपराष्ट्रपति ने कहा कि सिविल सेवकों को सर्वोच्च मानकों का पालन करते हुए पारदर्शिता और जवाबदेही लानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सिविल सेवकों की योग्यता से कोई भी काम परे नहीं है।


राजस्थान की समृद्ध विरासत का उल्लेख करते हुए उन्होंने जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, जैसलमेर, बूंदी, टोंक, अजमेर, शेखावाटी, अलवर और भरतपुर जैसे शहरों का जिक्र किया और कहा कि यह सब “खजाना ही खजाना” हैं। उन्होंने इन शहरों की तुलना गुरुग्राम, नोएडा, सूरत, अहमदाबाद आदि से करते हुए कहा कि राजस्थान में भी संभावनाएं असीम हैं।


उन्होंने पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, खनिजों में मूल्य संवर्धन, कपड़ा, हस्तशिल्प, सेवा उद्योग, नवीकरणीय ऊर्जा और सौर ऊर्जा में अवसरों की बात की। उन्होंने कहा कि राजस्थान इन सभी क्षेत्रों में अग्रणी हो सकता है, लेकिन इसके लिए ग्रीनफील्ड परियोजनाओं का आना ज़रूरी है।


उन्होंने FORTI जैसे संगठनों से आग्रह किया कि वे सेक्टर-विशिष्ट थिंक टैंक बनाएं जो राज्य के उत्पादों में मूल्य संवर्धन पर ध्यान केंद्रित करें।


अपने संबोधन के अंत में उपराष्ट्रपति ने जयपुर को एक "विश्व स्तरीय शहर" बताया और कहा कि इसमें सेवा और आईटी उद्योग के लिए असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि यहां का जीवनस्तर और खानपान इतना बेहतर है कि परिवार यहां रहना पसंद करेंगे, हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वर्तमान स्थिति और इस दृष्टि के बीच अभी काफी अंतर है।


पर्यटन को बढ़ावा देने, ग्रीनफील्ड परियोजनाओं के निर्माण और स्वास्थ्य एवं शिक्षा क्षेत्र में नए अवसरों के सृजन पर बल देते हुए उन्होंने सभी से "स्वयं को फिर से खोजने" का आह्वान किया।

कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य अतिथि:

माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़

उनकी धर्मपत्नी श्रीमती डॉ. सुदेश धनखड़

राजस्थान सरकार के सहकारिता एवं नागरिक विमानन मंत्री श्री गौतम कुमार डाक

FORTI के अध्यक्ष श्री सुरेश अग्रवाल

FORTI के मुख्य संरक्षक श्री सुरजाराम मील

अन्य गणमान्य अतिथि

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS