उपराष्ट्रपति ने चारुमती निर्वाण की बाघों पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया

उपराष्ट्रपति ने चारुमती निर्वाण की बाघों पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया  भारत के उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ ने आज नई दिल्ली स्थित 'ऑल इंडिया फाइन आर्ट्स सोसाइटी' में जानी मानी कलाकार श्रीमती चारुमती निर्वाण की बाघों के चित्रों पर आधारित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। "गर्जना भरा पुनरुत्थान - भारत के बाघ" (Roaring Revival- Tigers of India) शीर्षक वाली इस प्रदर्शनी में चारकोल से बने बाघ-रेखाचित्रों और जलरंगों से बने पुष्पों को प्रदर्शित किया गया है। श्रीमती निर्वाण कला के माध्यम से प्रकृति संरक्षण के बारे में लोगों के बीच जागरूकता लाने का कार्य कर रही हैं और यह उनकी पांचवीं ऐसी प्रदर्शनी है।  श्रीमती चारुमती निर्वाण पिछले 25 वर्षों से बाघों और वन्यजीवों का बारीकी से अवलोकन कर रही हैं, और इसकी शानदार अभिव्यक्ति उनकी कला में परिलक्षित होती है। उनकी यह प्रदर्शनी 1973 में शुरू किए गये प्रोजेक्ट टाइगर की 50 वर्षों की सफलता की यात्रा को प्रतिबिंबित करती है। शुरुआत में प्रोजेक्ट टाइगर में केवल 9 टाइगर रिजर्व थे जिसका विस्तार अब 54 टाइगर रिजर्व के साथ 75000 वर्ग किलोमीटर तक हो गया है, जो भारत की कुल भूमि क्षेत्र का 2.3 प्रतिशत है। आज विश्व के 75% बाघ भारत में पाए जाते हैं।

उपराष्ट्रपति ने चारुमती निर्वाण की बाघों पर आयोजित प्रदर्शनी का उद्घाटन किया

भारत के उपराष्ट्रपति, श्री जगदीप धनखड़ ने आज नई दिल्ली स्थित 'ऑल इंडिया फाइन आर्ट्स सोसाइटी' में जानी मानी कलाकार श्रीमती चारुमती निर्वाण की बाघों के चित्रों पर आधारित एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। "गर्जना भरा पुनरुत्थान - भारत के बाघ" (Roaring Revival- Tigers of India) शीर्षक वाली इस प्रदर्शनी में चारकोल से बने बाघ-रेखाचित्रों और जलरंगों से बने पुष्पों को प्रदर्शित किया गया है। श्रीमती निर्वाण कला के माध्यम से प्रकृति संरक्षण के बारे में लोगों के बीच जागरूकता लाने का कार्य कर रही हैं और यह उनकी पांचवीं ऐसी प्रदर्शनी है।

श्रीमती चारुमती निर्वाण पिछले 25 वर्षों से बाघों और वन्यजीवों का बारीकी से अवलोकन कर रही हैं, और इसकी शानदार अभिव्यक्ति उनकी कला में परिलक्षित होती है। उनकी यह प्रदर्शनी 1973 में शुरू किए गये प्रोजेक्ट टाइगर की 50 वर्षों की सफलता की यात्रा को प्रतिबिंबित करती है। शुरुआत में प्रोजेक्ट टाइगर में केवल 9 टाइगर रिजर्व थे जिसका विस्तार अब 54 टाइगर रिजर्व के साथ 75000 वर्ग किलोमीटर तक हो गया है, जो भारत की कुल भूमि क्षेत्र का 2.3 प्रतिशत है। आज विश्व के 75% बाघ भारत में पाए जाते हैं।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS