भारत-अमेरिका रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी मंत्रिस्तरीय संयुक्त वक्तव्य
भारत के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री महामहिम हरदीप एस पुरी और अमेरिका की ऊर्जा मंत्री महामहिम जेनिफर ग्रानहोम के बीच आज नई दिल्ली में भारत-अमेरिका रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी (एससीईपी) की मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत बनाने में द्विपक्षीय स्वच्छ ऊर्जा संबद्धता और एससीईपी की उपलब्धियों, स्वच्छ ऊर्जा नवाचार के अवसरों के सृजन, जलवायु परिवर्तन से निपटने और रोजगार के अवसरों का सृजन करने को रेखांकित करते हुए द्विपक्षीय स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी के बढ़ते महत्व का संज्ञान लिया।
इस संदर्भ में, दोनों पक्षों ने देशों के बीच निरंतर नई ऊंचाइयों को छू रहे बढ़ते ऊर्जा व्यापार का स्वागत किया और एससीईपी द्वारा सुगम बनाई जा रही वाणिज्यिक साझेदारी का अभिनंदन किया।
दोनों पक्षों ने विश्वसनीय, किफायती और स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति तक पहुंच को प्राथमिकता देने वाले न्यायसंगत, व्यवस्थित और टिकाऊ ऊर्जा संक्रमण की दिशा में काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई। इस बात को रेखांकित करते हुए कि भारत और अमेरिका दुनिया में सबसे बड़े लोकतंत्रों और सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, दोनों पक्षों ने केवल द्विपक्षीय प्रगति के लिए ही नहीं बल्कि वैश्विक ऊर्जा परिवर्तन के मार्गनिर्देशन के लिए संयुक्त कार्रवाई और सहयोग के महत्व पर बल दिया।
दोनों पक्षों ने बीते वर्षों में स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, बैटरी भंडारण और स्वैपिंग प्रौद्योगिकियों, गैस हाइड्रेट्स, उन्नत जैव ईंधन, और हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइज़र उत्पादन जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग बढ़ाने सहित स्वच्छ ऊर्जा कार्य क्षेत्रों की विस्तृत श्रृंखला में सहयोग को गहन और मजबूत बनाने वाले महत्वाकांक्षी और गतिशील एससीईपी अधिदेश की समीक्षा की। इस संदर्भ में, दोनों पक्षों ने ग्लोबल डीकार्बोनाइजेशन के लिए एक महत्वपूर्ण ऊर्जा स्रोत के रूप में हरित/स्वच्छ हाइड्रोजन के उत्पादन के महत्व को पहचाना और एक-दूसरे के राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन को सहायता देने पर सहमति व्यक्त की।
दोनों पक्षों ने दोनों देशों में डीकार्बोनाइजेशन में सहायता देने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के बीच सहयोग को व्यापक बनाने की दिशा में एससीईपी के पांच स्तंभों के कार्यों का भी स्वागत किया। जिनमें सार्वजनिक-निजी कार्य बल, रिवर्स व्यापार मिशन, मंत्रियों की अध्यक्षता में भारत-अमेरिका व्यापार गोलमेज सम्मेलन और अन्य व्यावसायिक संवाद शामिल हैं।
पक्षों ने प्रत्येक देश में ऊर्जा तक पहुंच, सामर्थ्य और ऊर्जा न्याय को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। पक्षों ने यह भी स्वीकार किया कि महत्वाकांक्षी जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा आकांक्षाओं को सफलतापूर्वक हासिल करने के लिए ऊर्जा संक्रमण रोडमैप के विकास, क्षमता निर्माण, रोजगार कौशल और सरकार के सभी स्तरों पर सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के समन्वित प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। उस संदर्भ में, दोनों पक्ष स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में सहायता देने के लिए भारत में नेट जीरो गांवों के विकास की दिशा में काम करने पर सहमत हुए।
दोनों पक्षों ने प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बिडेन के 22 जून, 2023 के संयुक्त वक्तव्य में उल्लिखित सकारात्मक एजेंडे को आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की, जिसमें ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकियों को विकसित और तैनात करने, उनसे संबंधित राष्ट्रीय हाइड्रोजन रणनीतियों के समर्थन में सहयोग का विस्तार करने, लागत में कमी के लक्ष्य तथा नई और उभरती नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों पर सहयोग में तेजी लाने के लिए एससीईपी के तहत किए गए प्रयासों का स्वागत किया गया है। इसके अंतर्गत मंत्रियों ने स्वागत किया:
• सार्वजनिक-निजी ऊर्जा भंडारण कार्य बल की स्थापना और स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में सहायता के लिए आवश्यक नवीकरणीय ऊर्जा के बड़े पैमाने पर एकीकरण का समर्थन करने से संबंधित प्रयास;
• सार्वजनिक-निजी हाइड्रोजन कार्य बल के जरिए राष्ट्रीय हाइड्रोजन रणनीतियों की तैनाती बढ़ाने और उसमें तेजी लाने के लिए गहन सहयोग करने तथा अपनी राष्ट्रीय हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों के समर्थन में सामान्य लागत में कमी के लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने सहित अन्य प्रयास;
• सामान्य महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए प्रमुख प्रौद्योगिकियों के विकास में तेजी लाने के लिए भारत-अमेरिका की नई और उभरती रिन्यूएबल एनर्जी टेक्नोलॉजीज एक्शन प्लेटफॉर्म (आरईटीएपी) का शुभारंभ।
दोनों मंत्रियों ने बिल्कुल उत्सर्जन नहीं करने वाले वाहनों के माध्यम से परिवहन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने की नेताओं की प्राथमिकता और ई-मोबिलिटी क्षेत्र के लिए वित्त पोषण हासिल करने और किफायती और सुलभ ऋण और इक्विटी वित्तपोषण को सक्षम करने पर सहयोग जारी रखने का भी स्वागत किया। दोनों पक्षों ने "इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) वित्तपोषण सेवा सुविधा" के महत्व को स्वीकार किया, जो ई-मोबिलिटी के लिए समर्पित निधियों का सृजन करेगी।
दोनों पक्षों ने भविष्य में स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में संक्रमण के लिए विलक्षण और मूल्यवान संपत्ति के रूप में जैव-इथेनॉल, नवीकरणीय डीजल, टिकाऊ विमानन ईंधन और अन्य उन्नत जैव ईंधनों जैसे उभरते ईंधनों के क्षेत्र में प्रौद्योगिकियों के उन्नत अनुसंधान, विकास और व्यावसायीकरण को आगे बढ़ाने के लिए भारत और अमेरिका के बीच सहयोग का स्वागत किया।
मंत्रियों ने इस सप्ताह गोवा में लॉन्च किए जाने वाले वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की स्थापना के लिए प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बिडेन के विजन की पुष्टि की। दोनों मंत्रियों ने बाजारों को मजबूत बनाने, वैश्विक जैव ईंधन व्यापार को सुविधाजनक बनाने, ठोस नीतिगत सबक तैयार करने -साझा करने और दुनिया भर में राष्ट्रीय जैव ईंधन कार्यक्रमों के लिए तकनीकी सहायता के प्रावधान में वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की भूमिका पर चर्चा की।
पक्षों ने जोखिम और अनिश्चितता को कम करते हुए ऊर्जा संक्रमण मार्गों को सक्षम बनाने के लिए स्थिर, टिकाऊ, वैविध्यपूर्ण, लचीली और विश्व स्तर पर जिम्मेदार स्वच्छ ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला के महत्व को भी रेखांकित किया।
दोनों पक्षों ने निम्नलिखित क्षेत्रों में जारी सहयोग का भी स्वागत किया:
• स्वच्छ ऊर्जा प्रणालियों की विश्वसनीयता, लचीलापन, तन्यकता, सामर्थ्य और स्थिरता में सुधार के लिए बिजली प्रणाली का आधुनिकीकरण;
• इमारतों, उपकरणों और औद्योगिक क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता और संरक्षण को बढ़ावा देना;
• मीथेन उपशमन की जांच और स्वैच्छिक और पारस्परिक स्वीकृत शर्तों के तहत प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण और तैनाती सहित तेल और गैस क्षेत्र में उत्सर्जन को कम करना ; और
• हार्ड-टू-अबेट क्षेत्रों के विद्युतीकरण और डीकार्बोनाइजेशन की सहायता के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाना।
उत्सर्जन में कमी लाने के लिए कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण की भूमिका को स्वीकार करते हुए दोनों पक्षों ने मौजूदा सहयोग को आगे बढ़ाते हुए और भूगर्भिक कार्बन भंडारण क्षमता की खोज सहित नए सहयोग का स्वागत करते हुए इस क्षेत्र में साझेदारी को बढ़ावा देने पर सहमती प्रकट की। दोनों पक्षों ने उभरते ईंधन और प्रौद्योगिकी स्तंभ के तहत कार्य क्षेत्र के रूप में कार्बन कैप्चर, उपयोग और भंडारण को शामिल किए जाने का स्वागत किया।
दोनों पक्षों ने उभरती प्रौद्योगिकियों (अर्थात सीसीयूएस, हाइड्रोजन), वैकल्पिक ईंधन और मीथेन उपशमन प्रौद्योगिकियों की तैनाती के माध्यम से पूरे क्षेत्र में उत्सर्जन को कम करने के लिए कम उत्सर्जन गैस टास्क फोर्स के माध्यम से सहयोग का भी स्वागत किया। मंत्रियों ने इस मंच द्वारा सुविधाजनक वाणिज्यिक भागीदारी का स्वागत किया।
दोनों पक्षों ने भारतीय रेलवे, एनटीपीसी ग्रीन नेशनल स्किल्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, स्किल्स काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स और फोरम ऑफ रेगुलेटर्स सहित विभिन्न भारतीय एजेंसियों के साथ यूएसएआईडी के सहयोग को विधिवत स्वीकार किया।
दोनों पक्षों ने टिकाऊ और स्वच्छ ऊर्जा प्रणालियों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए ऐसी पहलों के महत्व को स्वीकार करते हुए, एनटीपीसी के लिए हरित रसायन की व्यवहार्यता पर यूएसएआईडी की सहायता का स्वागत किया।
दोनों पक्षों ने टिकाऊ, लचीली और स्वच्छ ऊर्जा प्रणालियों के विकास को सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छ ऊर्जा वित्तपोषण नीति के निर्माण में यूएसएआईडी और भारतीय बिजली पीएसयू - एनटीपीसी और एसजेवीएन के बीच सहयोग का स्वागत किया।
दोनों पक्षों ने निम्न कार्बन प्रौद्योगिकियों की लागत और उत्सर्जन का आकलन करने के लिए मजबूत जीवन चक्र मूल्यांकन और मॉडलिंग क्षमता के निर्माण तथा ऊर्जा खपत के मॉडलिंग एवं विश्लेषण के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं के महत्व को स्वीकार किया।
दोनों पक्षों ने निम्न कार्बन प्रौद्योगिकियों के जीवन चक्र आकलन तथा भवन निर्माण क्षेत्र में ऊर्जा उपभोग पर विश्लेषण में भवन मॉडलिंग क्षमता का निर्माण जैसे अनुसंधान विश्लेषण और क्षमता निर्माण गतिविधियों की सहायता करने के लिए भारतीय एजेंसियों और अमेरिकी राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए साउथ एशिया ग्रुप फॉर एनर्जी (एसएजीई) लॉन्च किया।
दोनों पक्षों ने प्रतिस्पर्धी बाजारों के विकास और तेल और प्राकृतिक गैस क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने, उपभोक्ता हितों की सुरक्षा, कार्मिकों के क्षमता निर्माण, नियामकीय संरचना के उन्नयन की दिशा में अपने एमओयू ढांचे के तहत भारत के पीएनजीआरबी और अमेरिका की एफईआरसी द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों को नोट किया। दोनों पक्षों ने भारत के पीएनजीआरबी और अमेरिका के एएसएमई द्वारा नीतियों और कार्यक्रमों और प्रक्रियाओं को विकसित करने और स्थापित करने के लिए किए गए कार्यों की भी सराहना की, जो भारत में तेल और गैस के लिए एक ऐसे बाजार को बढ़ावा देंगे और बनाए रखेंगे जो एएसएमई मानकों और प्रमाणन कार्यक्रमों और प्रथाओं के अनुरूप है।
अंत में, दोनों पक्षों ने कानपुर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी के सह-नेतृत्व में स्टोरेज (यूआई-असिस्ट) के साथ स्मार्ट डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के लिए अमेरिका-भारत सहयोगात्मक कंसोर्टियम सहित स्वच्छ ऊर्जा-अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए साझेदारी (पीएसीई-आर) के तहत लंबे समय से चले आ रहे संयुक्त अनुसंधान एवं विकास की सराहना की। इस तरह की अनुसंधान एवं विकास पहल के महत्व का स्वागत करते हुए, दोनों पक्षों ने अब तक की पेस-आर की सफलताओं का स्वागत किया और उन्नत स्मार्ट ग्रिड और ऊर्जा भंडारण प्रौद्योगिकियों पर अनुसंधान एवं विकास ट्रैक के अंतिम वर्ष को रेखांकित किया।
अमेरिका और भारतीय सरकारों की एजेंसियों ने सहयोग के पांच तकनीकी स्तंभों- 1) बिजली और ऊर्जा दक्षता, 2) नवीकरणीय ऊर्जा, 3) उत्तरदायी तेल और गैस, 4) सतत विकास, और 5) उभरता ईंधन और प्रौद्योगिकी – में कई उपलब्धियों का प्रदर्शन किया।
मंत्रियों ने पुष्टि की कि एससीईपी दोनों देशों के लिए विकास की स्वस्थ दर सुनिश्चित करते हुए डीकार्बोनाइजेशन के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है और उन्होंने उम्मीद जताई कि एससीईपी के तहत किए गए कार्य एक नए और संभावनापूर्ण भविष्य का मार्ग प्रशस्त करते रहेंगे।