मिशन इंद्रधनुष के तहत तीन चरणों में होगा टीकाकरण, दिया गया प्रशिक्षण

छूटे बच्चों और गर्भवती के टीकाकरण के लिए चलेगा विशेष अभियान  मिशन इंद्रधनुष के तहत तीन चरणों में होगा टीकाकरण, दिया गया प्रशिक्षण  जालौन : जनपद में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम से छूटे हुए पांच साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए ‘सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0’ अभियान तीन चरणों में चलाया जाएगा। इसका पहला चरण 7 अगस्त से 12 अगस्त तक चलेगा। दूसरा चरण 11 सितंबर से 16 सितंबर तक तथा तीसरा चरण 9 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक संचालित किया जाएगा।  अभियान की सफलता के लिए शनिवार को जिला स्तरीय अभिमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन जनपद के एक निजी होटल में किया गया। जिसमें जनपद एवं नगरीय व ग्रामीण स्तरीय सीएचसी पीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, एआरओ प्रतिरक्षण शामिल रहे। कार्यशाला में हेड काउंट सर्वे एवं माइक्रोप्लान के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करने के साथ ही अभियान की रणनीति के बारे में विस्तार से जानकारी दी।  जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. डीके भिटौरिया ने कहा कि जनपद में प्रत्येक बुधवार और शनिवार को नियमित टीकाकरण सत्र चलाया जा रहा है। लेकिन किन्ही कारणों से कई बच्चे व गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण छूट जाता है। इसीको लेकर सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 अभियान तीन चरणों में अगस्त, सितंबर और अक्टूबर माह में चलाया जाएगा। इस अभियान में एकीकृत रूप से छूटे हुये बच्चों और गर्भवती को टीकाकरण से आच्छादित कर विशेष ज़ोर दिया जाएगा। उन्होंने चिकित्सा व प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि अभियान में उच्च जोखिम, मलिन बस्तियों, दूर-दराज के क्षेत्रों में विशेष ज़ोर दिया जाए। आशा कार्यकर्ता के माध्यम से घर-घर जाकर सर्वेक्षण (हेड काउंट सर्वे) कराया जाए। दस्तक अभियान के दौरान ही इसकी तैयारी कर ली जाए। टीकाकरण से छूटे हुए पाँच वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर ई-कवच पोर्टल पर अपलोड की जाए। दो से पांच साल तक के बच्चों को मीजिल्स-रूबेला की पहली-दूसरी डोज़ एवं ओपीवी व डीपीटी की बूस्टर डोज़ पर विशेष ज़ोर दिया जाए। लाभार्थियों को जागरूक कर टीकाकरण सत्र पर लाने के लिए प्रेरित करें और छूटे हुए बच्चों व गर्भवती का टीकाकरण सुनिश्चित कराएं।  डब्लूएचओ के सब रीजनल टीम लीडर डॉ.ब्रजेंद्र सिंह चंदेल ने बताया कि अभियान के तहत टीकाकृत किए गए बच्चों और गर्भवती महिलाओं के कवरेज की एंट्री ई-कवच पोर्टल पर की जाएगी। टीकाकरण सत्र हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सेंटर, वीएचएसएनडी सत्र, निजी चिकित्सालयों, रेलवे स्टेशन में भी आयोजित किए जाएंगे। आईसीडीएस विभाग सहित महिला आरोग्य समिति और नगर निकाय का भी सहयोग लिया जाएगा। अभियान में ‘पाँच साल-सात बार’ टीकाकरण पर ज़ोर दिया जाएगा। इसमें जन्म से लेकर पांच साल में बीसीजी, हेपेटाइटिस-बी, पेंटा, मीजल्स- रूबेला, पीसीवी, रोटा वायरस, पोलियो सहित 11 टीकों से कोई भी बच्चा वंचित न रहे, इस पर जोर दिया जायेगा।   अभियान में डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, चाई, यूएनडीपी, टीएसयू संस्था का तकनीकी सहयोग लिया जाएगा। कार्यशाला में वैक्सीन कोल्ड चेन पॉइंट के समुचित रख-रखाव, वितरण, प्रबंधन एवं सामुदायिक संचार व्यवहार परिवर्तन आदि के बारे में भी जानकारी दी गई। डब्लूएचओ की सर्विलांस मेडिकल आफिसर डॉ. जूही, एआरओ आरपी विश्वकर्मा ने माइक्रोप्लान पर चर्चा की।  टीकाकरण का महत्व  मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनडी शर्मा ने बताया कि टीकाकरण बहुत ही सुरक्षित और प्रभावी है। टीकाकरण बच्चों व गर्भवती को गंभीर बीमारियों के साथ ही टीके से रोकी जा सकने वाली जन्मजात बीमारियों की जटिलताओं से बचाता है। इससे बच्चों में रोग-प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। उन्होंने अपील की है कि सभी परिजन अपने जन्म से लेकर पाँच वर्ष तक के सभी बच्चों और गर्भवती का टीकाकरण समय से कराएं।

छूटे बच्चों और गर्भवती के टीकाकरण के लिए चलेगा विशेष अभियान

मिशन इंद्रधनुष के तहत तीन चरणों में होगा टीकाकरण, दिया गया प्रशिक्षण

जालौन : जनपद में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम से छूटे हुए पांच साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए ‘सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0’ अभियान तीन चरणों में चलाया जाएगा। इसका पहला चरण 7 अगस्त से 12 अगस्त तक चलेगा। दूसरा चरण 11 सितंबर से 16 सितंबर तक तथा तीसरा चरण 9 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक संचालित किया जाएगा।

अभियान की सफलता के लिए शनिवार को जिला स्तरीय अभिमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन जनपद के एक निजी होटल में किया गया। जिसमें जनपद एवं नगरीय व ग्रामीण स्तरीय सीएचसी पीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, एआरओ प्रतिरक्षण शामिल रहे। कार्यशाला में हेड काउंट सर्वे एवं माइक्रोप्लान के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करने के साथ ही अभियान की रणनीति के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. डीके भिटौरिया ने कहा कि जनपद में प्रत्येक बुधवार और शनिवार को नियमित टीकाकरण सत्र चलाया जा रहा है। लेकिन किन्ही कारणों से कई बच्चे व गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण छूट जाता है। इसीको लेकर सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 अभियान तीन चरणों में अगस्त, सितंबर और अक्टूबर माह में चलाया जाएगा। इस अभियान में एकीकृत रूप से छूटे हुये बच्चों और गर्भवती को टीकाकरण से आच्छादित कर विशेष ज़ोर दिया जाएगा। उन्होंने चिकित्सा व प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया कि अभियान में उच्च जोखिम, मलिन बस्तियों, दूर-दराज के क्षेत्रों में विशेष ज़ोर दिया जाए। आशा कार्यकर्ता के माध्यम से घर-घर जाकर सर्वेक्षण (हेड काउंट सर्वे) कराया जाए। दस्तक अभियान के दौरान ही इसकी तैयारी कर ली जाए। टीकाकरण से छूटे हुए पाँच वर्ष तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर ई-कवच पोर्टल पर अपलोड की जाए। दो से पांच साल तक के बच्चों को मीजिल्स-रूबेला की पहली-दूसरी डोज़ एवं ओपीवी व डीपीटी की बूस्टर डोज़ पर विशेष ज़ोर दिया जाए। लाभार्थियों को जागरूक कर टीकाकरण सत्र पर लाने के लिए प्रेरित करें और छूटे हुए बच्चों व गर्भवती का टीकाकरण सुनिश्चित कराएं।

डब्लूएचओ के सब रीजनल टीम लीडर डॉ.ब्रजेंद्र सिंह चंदेल ने बताया कि अभियान के तहत टीकाकृत किए गए बच्चों और गर्भवती महिलाओं के कवरेज की एंट्री ई-कवच पोर्टल पर की जाएगी। टीकाकरण सत्र हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर सेंटर, वीएचएसएनडी सत्र, निजी चिकित्सालयों, रेलवे स्टेशन में भी आयोजित किए जाएंगे। आईसीडीएस विभाग सहित महिला आरोग्य समिति और नगर निकाय का भी सहयोग लिया जाएगा। अभियान में ‘पाँच साल-सात बार’ टीकाकरण पर ज़ोर दिया जाएगा। इसमें जन्म से लेकर पांच साल में बीसीजी, हेपेटाइटिस-बी, पेंटा, मीजल्स- रूबेला, पीसीवी, रोटा वायरस, पोलियो सहित 11 टीकों से कोई भी बच्चा वंचित न रहे, इस पर जोर दिया जायेगा। 

अभियान में डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, चाई, यूएनडीपी, टीएसयू संस्था का तकनीकी सहयोग लिया जाएगा। कार्यशाला में वैक्सीन कोल्ड चेन पॉइंट के समुचित रख-रखाव, वितरण, प्रबंधन एवं सामुदायिक संचार व्यवहार परिवर्तन आदि के बारे में भी जानकारी दी गई। डब्लूएचओ की सर्विलांस मेडिकल आफिसर डॉ. जूही, एआरओ आरपी विश्वकर्मा ने माइक्रोप्लान पर चर्चा की।

टीकाकरण का महत्व

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एनडी शर्मा ने बताया कि टीकाकरण बहुत ही सुरक्षित और प्रभावी है। टीकाकरण बच्चों व गर्भवती को गंभीर बीमारियों के साथ ही टीके से रोकी जा सकने वाली जन्मजात बीमारियों की जटिलताओं से बचाता है। इससे बच्चों में रोग-प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। उन्होंने अपील की है कि सभी परिजन अपने जन्म से लेकर पाँच वर्ष तक के सभी बच्चों और गर्भवती का टीकाकरण समय से कराएं।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS