नागरिक-केंद्रित शासन एक विकल्प नहीं, बल्कि देश के विकास के लिए जरूरी है : उपराष्ट्रपति

नागरिक-केंद्रित शासन एक विकल्प नहीं, बल्कि देश के विकास के लिए जरूरी है : उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने कहा-भारत का शासन मॉडल दुनिया के लिए अभिलाषा का विषय है

उपराष्ट्रपति ने सिविल सेवकों को स्‍वाभिमान का मंत्र दि‍या

सिविल सेवाएं शासन का आधार हैं- वी.पी

उपराष्ट्रपति ने 1984 बैच के आईएएस अधिकारियों द्वारा सह-लिखित पुस्तक 'रिफ्लेक्शंस ऑन इंडियाज पब्लिक पॉलिसीज' का विमोचन किया

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने कहा कि सिविल सेवाएं शासन का आधार हैं और यह देश में सरकारी नीतियों के कार्यान्वयन में एक मौलिक भूमिका निभाती है। उपराष्‍ट्रपति ने आज नई दिल्ली में उप-राष्ट्रपति निवास में भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1984 बैच के अधिकारियों द्वारा सह-लिखित पुस्तक 'रिफ्लेक्शंस ऑन इंडियाज पब्लिक पॉलिसीज' के विमोचन के अवसर पर वरिष्ठ अधिकारियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को संबोधित करते हुए यह विचार व्‍यक्‍त किए।


उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत का शासन मॉडल, पारदर्शिता, जवाबदेही, डिजिटलीकरण, नवाचार और उद्यमिता पर केंद्रित है, जिसकी दुनिया अभिलाषा रखती है। उन्होंने कहा कि कमजोर वर्गों का सशक्तिकरण और उत्थान सफल योजनाओं के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने से जुड़ा है कि सबसे वंचित नागरिकों की भी आवश्यक सेवाओं तक पहुंच है।


उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने सिविल सेवकों से गर्व के साथ राष्ट्र की सेवा करने का आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि इस सेवा का तात्‍पर्य व्यक्तिगत पक्षपात के बिना सार्वजनिक सेवा, जमीनी स्तर पर लागू कानूनी शासन, जनता के साथ व्यवहार में सत्‍यनिष्‍ठा, कर्तव्य के प्रति समर्पण और नीतिगत लक्ष्यों को प्राप्त करने में दक्षता से है।


श्री धनखड़ ने सेवानिवृत्त सिविल सेवकों द्वारा एक अद्वितीय मूल्यवान राष्ट्रीय मानव संसाधन के रूप में निभाई जा सकने वाली महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सेवानिवृत्त सिविल सेवकों को हमारे संवैधानिक संस्थानों और लोकतांत्रिक मूल्यों को अवांछित रूप से कलंकित करने जैसे झूठे और राष्ट्र-विरोधी आख्यानों को निराधार साबित करने और इनका पर्दाफाश करने के लिए तैनात किया गया है।



उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोकतांत्रिक शासन की अपनी विशिष्‍ट चुनौतियाँ हैं और उन्होंने सिविल सेवकों से कानून और संविधान के शासन के प्रति अटूट और दृढ़ प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश के कुछ हिस्सों में सत्तारूढ़ व्यवस्था के साथ अधिकारियों की राजनीतिक घुसपैठ संघवाद की उच्चतम व्‍यवस्‍था को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है। इस मामले में सभी संबंधित सेवकों को प्रणालीगत व्‍यवस्‍था पर ध्यान देने की आवश्‍यकता है”


'रिफ्लेक्शंस ऑन इंडियाज पब्लिक पॉलिसीज पुस्तक में 1984 बैच के दस आईएएस अधिकारियों के अंतर्दृष्टिकोण और विश्लेषणात्‍मक विचारों को सार्वजनिक नीति के विविध क्षेत्रों में देश के सामने आने वाले कुछ सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों से निपटने के लिए एक साथ प्रस्‍तुत किया गया है। इस कार्यक्रम में कई सिविल सेवाओं के सेवानिवृत्त और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने

Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS