परिवार नियोजन की सेवाओं में हो रहा सुधार

परिवार नियोजन की सेवाओं में हो रहा सुधार    पीएसआई इंडिया की ओर से आयोजित समीक्षा बैठक में प्रस्तुत किए गए आकंड़े    जालौन : परिवार नियोजन की सेवाओं में लगातार सुधार हो रहा है। पीएसआई इंडिया की ओर से मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित प्रशिक्षण छात्रावास में टीसीआई समीक्षा बैठक में शहरी क्षेत्र में गत वर्षों में हुए सुधार के आंकड़े प्रस्तुत किए। बैठक में नगरीय स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े अधिकारियों ने भाग लिया।    अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ एसडी चौधरी ने बताया कि जिले में छह शहरी स्वास्थ्य केंद्र है। जिनमें उरई में नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तुफैलपुरवा, बघौरा औरउमरारखेरा है तो कोंच में अरबन पीएचसी गोखलेनगर, कालपी में अरबन पीएचसी उदनपुरा और जालौन में अरबन पीएचसी हरीपुरा शामिल है। यहां पर कापरटी, कंडोम, मालाएन गोली,  छाया साप्ताहिक गोली,  अंतरा इंजेक्शन, ईसीपिल्स जैसी परिवार नियोजन की अस्थायी सेवाएं उपलब्ध है। पुरुष नसबंदी जिला अस्पताल में होती है और महिला अस्पताल में महिला नसबंदी व अन्य अस्थायी परिवार नियोजन दी जाती है। शहरी क्षेत्र में वर्ष 2021-22 में आठ महिलाओं ने आईयूसीडी अपनायी थी, तो इस साल वर्ष 2022-23 में 341 महिलाओं ने आईयूसीडी अपनायी है। वर्ष 2021-22 में 670 महिलाओं ने अंतरा अपनाया था तो वर्ष 2022-23 में 1237 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन लगवाकर परिवार नियोजन अपनाया है। स्थायी साधन में महिला नसबंदी को छोड़ दे तो पिछले साल तीन पुरुषों ने स्थायी साधन अपनाया था, जबकि इस साल छह पुरुषों ने परिवार नियोजन का स्थायी साधन अपनाया है। पिछले साल 247 महिलाओं ने स्थायी साधन अपनाया तो इस साल 209 महिलाओं ने अपनाया है|    अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि परिवार नियोजन और शहरी स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए आपस में समन्वय बनाकर काम करना जरुरी है। जो भी काम किया जाए, उसकी समय से फीडिंग भी की जाये। रोजाना काम की कार्ययोजना बनाए और शाम को उस पर कितना काम किया गया, इसकी समीक्षा भी की जाए। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन की सेवाओं में सुधार हो रहा है। शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से सुधार हुआ है।     अध्यक्षता कर रहे एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ प्रेमप्रताप सिंह ने बताया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जो भी पोर्टल है, उन पर समय से काम हो।    जिला समन्वयक शहरी स्वास्थ्य संजीव कुमार चंदेरिया ने बताया कि जिला स्तरीय अधिकारी शहरी स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर समय समय पर निरीक्षण करते रहे। जो भी कमियां (गैप) मिले, उसका फीडबैक दें ताकि समय रहते उसमें सुधार किया जा सके।     पीएसआई इंडिया के प्रोग्राम मैनेजर दीपक तिवारी ने बताया कि अब सभी को अपना मूल्यांकन करते हुए काम को आगे बढ़ाना होगा। पीएसआई इंडिया मैनेजर मानीटरिंग हिना मल्होत्रा ने प्रोजेक्टर के माध्यम से इंडीकेटर का स्टेट और जिला स्तर पर प्रजेंटेशन दिया और उसमें सुधार करने की दिशा के बारे में बताया।    बैठक में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अरविंद सिंह, डीसीपीएम डॉ धर्मेंद्र कुमार, कायाकल्प परामर्शदाता डॉ अरुण कुमार,  चिकित्साधिकारी डॉ अभिलाष पटेल, डॉ विशाल राजपूत, डॉ सम्राट प्रताप सिंह, डॉ गोपालजी, डॉ जितेंद्र कुमार, डीईआईसी मैनेजर रवींद्र सिंह, मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता रुबी, पीएसआई इंडिया के फील्ड प्रोग्राम कोआर्डिनेटर चोब सिंह आदि मौजूद रहे।परिवार नियोजन की सेवाओं में हो रहा सुधार    पीएसआई इंडिया की ओर से आयोजित समीक्षा बैठक में प्रस्तुत किए गए आकंड़े    जालौन : परिवार नियोजन की सेवाओं में लगातार सुधार हो रहा है। पीएसआई इंडिया की ओर से मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित प्रशिक्षण छात्रावास में टीसीआई समीक्षा बैठक में शहरी क्षेत्र में गत वर्षों में हुए सुधार के आंकड़े प्रस्तुत किए। बैठक में नगरीय स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े अधिकारियों ने भाग लिया।    अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ एसडी चौधरी ने बताया कि जिले में छह शहरी स्वास्थ्य केंद्र है। जिनमें उरई में नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तुफैलपुरवा, बघौरा औरउमरारखेरा है तो कोंच में अरबन पीएचसी गोखलेनगर, कालपी में अरबन पीएचसी उदनपुरा और जालौन में अरबन पीएचसी हरीपुरा शामिल है। यहां पर कापरटी, कंडोम, मालाएन गोली,  छाया साप्ताहिक गोली,  अंतरा इंजेक्शन, ईसीपिल्स जैसी परिवार नियोजन की अस्थायी सेवाएं उपलब्ध है। पुरुष नसबंदी जिला अस्पताल में होती है और महिला अस्पताल में महिला नसबंदी व अन्य अस्थायी परिवार नियोजन दी जाती है। शहरी क्षेत्र में वर्ष 2021-22 में आठ महिलाओं ने आईयूसीडी अपनायी थी, तो इस साल वर्ष 2022-23 में 341 महिलाओं ने आईयूसीडी अपनायी है। वर्ष 2021-22 में 670 महिलाओं ने अंतरा अपनाया था तो वर्ष 2022-23 में 1237 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन लगवाकर परिवार नियोजन अपनाया है। स्थायी साधन में महिला नसबंदी को छोड़ दे तो पिछले साल तीन पुरुषों ने स्थायी साधन अपनाया था, जबकि इस साल छह पुरुषों ने परिवार नियोजन का स्थायी साधन अपनाया है। पिछले साल 247 महिलाओं ने स्थायी साधन अपनाया तो इस साल 209 महिलाओं ने अपनाया है|    अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि परिवार नियोजन और शहरी स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए आपस में समन्वय बनाकर काम करना जरुरी है। जो भी काम किया जाए, उसकी समय से फीडिंग भी की जाये। रोजाना काम की कार्ययोजना बनाए और शाम को उस पर कितना काम किया गया, इसकी समीक्षा भी की जाए। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन की सेवाओं में सुधार हो रहा है। शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से सुधार हुआ है।     अध्यक्षता कर रहे एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ प्रेमप्रताप सिंह ने बताया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जो भी पोर्टल है, उन पर समय से काम हो।    जिला समन्वयक शहरी स्वास्थ्य संजीव कुमार चंदेरिया ने बताया कि जिला स्तरीय अधिकारी शहरी स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर समय समय पर निरीक्षण करते रहे। जो भी कमियां (गैप) मिले, उसका फीडबैक दें ताकि समय रहते उसमें सुधार किया जा सके।     पीएसआई इंडिया के प्रोग्राम मैनेजर दीपक तिवारी ने बताया कि अब सभी को अपना मूल्यांकन करते हुए काम को आगे बढ़ाना होगा। पीएसआई इंडिया मैनेजर मानीटरिंग हिना मल्होत्रा ने प्रोजेक्टर के माध्यम से इंडीकेटर का स्टेट और जिला स्तर पर प्रजेंटेशन दिया और उसमें सुधार करने की दिशा के बारे में बताया।    बैठक में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अरविंद सिंह, डीसीपीएम डॉ धर्मेंद्र कुमार, कायाकल्प परामर्शदाता डॉ अरुण कुमार,  चिकित्साधिकारी डॉ अभिलाष पटेल, डॉ विशाल राजपूत, डॉ सम्राट प्रताप सिंह, डॉ गोपालजी, डॉ जितेंद्र कुमार, डीईआईसी मैनेजर रवींद्र सिंह, मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता रुबी, पीएसआई इंडिया के फील्ड प्रोग्राम कोआर्डिनेटर चोब सिंह आदि मौजूद रहे।

परिवार नियोजन की सेवाओं में हो रहा सुधार


पीएसआई इंडिया की ओर से आयोजित समीक्षा बैठक में प्रस्तुत किए गए आकंड़े


जालौन : परिवार नियोजन की सेवाओं में लगातार सुधार हो रहा है। पीएसआई इंडिया की ओर से मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित प्रशिक्षण छात्रावास में टीसीआई समीक्षा बैठक में शहरी क्षेत्र में गत वर्षों में हुए सुधार के आंकड़े प्रस्तुत किए। बैठक में नगरीय स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े अधिकारियों ने भाग लिया।


अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी परिवार कल्याण डॉ एसडी चौधरी ने बताया कि जिले में छह शहरी स्वास्थ्य केंद्र है। जिनमें उरई में नगरीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तुफैलपुरवा, बघौरा औरउमरारखेरा है तो कोंच में अरबन पीएचसी गोखलेनगर, कालपी में अरबन पीएचसी उदनपुरा और जालौन में अरबन पीएचसी हरीपुरा शामिल है। यहां पर कापरटी, कंडोम, मालाएन गोली,  छाया साप्ताहिक गोली,  अंतरा इंजेक्शन, ईसीपिल्स जैसी परिवार नियोजन की अस्थायी सेवाएं उपलब्ध है। पुरुष नसबंदी जिला अस्पताल में होती है और महिला अस्पताल में महिला नसबंदी व अन्य अस्थायी परिवार नियोजन दी जाती है। शहरी क्षेत्र में वर्ष 2021-22 में आठ महिलाओं ने आईयूसीडी अपनायी थी, तो इस साल वर्ष 2022-23 में 341 महिलाओं ने आईयूसीडी अपनायी है। वर्ष 2021-22 में 670 महिलाओं ने अंतरा अपनाया था तो वर्ष 2022-23 में 1237 महिलाओं ने अंतरा इंजेक्शन लगवाकर परिवार नियोजन अपनाया है। स्थायी साधन में महिला नसबंदी को छोड़ दे तो पिछले साल तीन पुरुषों ने स्थायी साधन अपनाया था, जबकि इस साल छह पुरुषों ने परिवार नियोजन का स्थायी साधन अपनाया है। पिछले साल 247 महिलाओं ने स्थायी साधन अपनाया तो इस साल 209 महिलाओं ने अपनाया है|


अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि परिवार नियोजन और शहरी स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए आपस में समन्वय बनाकर काम करना जरुरी है। जो भी काम किया जाए, उसकी समय से फीडिंग भी की जाये। रोजाना काम की कार्ययोजना बनाए और शाम को उस पर कितना काम किया गया, इसकी समीक्षा भी की जाए। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन की सेवाओं में सुधार हो रहा है। शहरी क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से सुधार हुआ है। 


अध्यक्षता कर रहे एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ प्रेमप्रताप सिंह ने बताया कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जो भी पोर्टल है, उन पर समय से काम हो।


जिला समन्वयक शहरी स्वास्थ्य संजीव कुमार चंदेरिया ने बताया कि जिला स्तरीय अधिकारी शहरी स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर समय समय पर निरीक्षण करते रहे। जो भी कमियां (गैप) मिले, उसका फीडबैक दें ताकि समय रहते उसमें सुधार किया जा सके। 


पीएसआई इंडिया के प्रोग्राम मैनेजर दीपक तिवारी ने बताया कि अब सभी को अपना मूल्यांकन करते हुए काम को आगे बढ़ाना होगा। पीएसआई इंडिया मैनेजर मानीटरिंग हिना मल्होत्रा ने प्रोजेक्टर के माध्यम से इंडीकेटर का स्टेट और जिला स्तर पर प्रजेंटेशन दिया और उसमें सुधार करने की दिशा के बारे में बताया।


बैठक में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी अरविंद सिंह, डीसीपीएम डॉ धर्मेंद्र कुमार, कायाकल्प परामर्शदाता डॉ अरुण कुमार,  चिकित्साधिकारी डॉ अभिलाष पटेल, डॉ विशाल राजपूत, डॉ सम्राट प्रताप सिंह, डॉ गोपालजी, डॉ जितेंद्र कुमार, डीईआईसी मैनेजर रवींद्र सिंह, मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता रुबी, पीएसआई इंडिया के फील्ड प्रोग्राम कोआर्डिनेटर चोब सिंह आदि मौजूद रहे।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS