जालौन : एड्स के प्रति स्कूल कॉलेजों में चलाए जाएं जागरूकता कार्यक्रम

एड्स के प्रति स्कूल कॉलेजों में चलाए जाएं जागरूकता कार्यक्रम  विश्व एड्स दिवस पर हुई संगोष्ठी और हस्ताक्षर अभियान  स्वास्थ्य कैंप में 15 लोगों की हुई एचआईवी जांच    जालौन : विश्व एड्स दिवस पर जिला अस्पताल के सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं सिविल जज राजीव सरन ने बताया कि एचआईवी एड्स के प्रति लोग जागरूक हो रहे है, लेकिन हमें और कोशिशें बढ़ाने की जरूरत है ऐेसे में स्कूल कालेजों में जागरूकता संबंधी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विशेष रुप से बचाव के बारे में लोगों को बताया जाए और उससे संबंधी बातों का प्रचार किया जाये।    मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एनडी शर्मा ने कहा कि एचआईवी एक समय घातक बीमारियों में शामिल थी और इसे बेहद खतरनाक माना जाता थाI लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से चले जागरुकता अभियान और लोगों द्वारा बरती गई सावधानी का नतीजा है कि जिले में जितनी जाँच बढ़ायी   गयी है उस अनुसार एड्स संक्रमित मरीजों की संख्या नहीं बढ़ी है। लोग जागरूक हो रहे है।इंजेक्शन से नशा करने वाले, ट्रक चालक, घुमंतू परिवारों के लोगों के एचआईवी संक्रमित होने की ज्यादा संभावना है उन्हें विशेष रुप से जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि एचआईवी मरीज अपनी टीबी संबंधी जांच जरूर कराए। यह जांच जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी पर भी निशुल्क हो रही है।    जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. डीके भिटौरिया ने बताया कि एचआईवी एड्स असुरक्षित यौन संबंध, एचआईवी संक्रमित व्यक्ति की इस्तेमाल की गई सुई का दोबारा इस्तेमाल, एचआईवी संक्रमित के रक्त, वीर्य के द्वारा  फैलता है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि एचआईवी रोगी और संक्रमित मां नियमित रुप से दवाओं का सेवन करें तो उसके बच्चे को एचआईवी से बचाया सकता है। जिला अस्पताल में स्थित एआरटी सेंटर में इन मरीजों का नियमित उपचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल की थीम भेदभाव की समाप्ति, एडस की समाप्ति तथा महामारियों की समाप्ति पर आधारित है।    इस दौरान जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ अविनेश कुमार, महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ एनआर वर्मा, सीडीपीओ विमलेश आर्या, डा. ममता स्वर्णकार, रामबाबू निषाद, डॉ जितेंद्र कुमार, डॉ कौशल किशोर सिंह, नुरुलहुदा, सिराज मोहम्मद, शाहनवाज खान, आलोक मिश्रा, राजीव उपाध्याय, संजय अग्रवाल, रविकांत भास्कर, सुरजीत कुमार आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन यूपीएनपी प्लस अहाना के कार्यक्रम अधिकारी पुरुषोत्तम तिवारी ने किया। इस दौरान हस्ताक्षर अभियान का भी आयोजन किया।  साथ ही स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का भी आयोजन किया गया। इसमें लोगों को एड्स एचआईवी के बारे में जागरूक किया गया। इसमें 15 लोगों की एचआईवी की जांचें की गई।एड्स के प्रति स्कूल कॉलेजों में चलाए जाएं जागरूकता कार्यक्रम  विश्व एड्स दिवस पर हुई संगोष्ठी और हस्ताक्षर अभियान  स्वास्थ्य कैंप में 15 लोगों की हुई एचआईवी जांच    जालौन : विश्व एड्स दिवस पर जिला अस्पताल के सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं सिविल जज राजीव सरन ने बताया कि एचआईवी एड्स के प्रति लोग जागरूक हो रहे है, लेकिन हमें और कोशिशें बढ़ाने की जरूरत है ऐेसे में स्कूल कालेजों में जागरूकता संबंधी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विशेष रुप से बचाव के बारे में लोगों को बताया जाए और उससे संबंधी बातों का प्रचार किया जाये।    मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एनडी शर्मा ने कहा कि एचआईवी एक समय घातक बीमारियों में शामिल थी और इसे बेहद खतरनाक माना जाता थाI लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से चले जागरुकता अभियान और लोगों द्वारा बरती गई सावधानी का नतीजा है कि जिले में जितनी जाँच बढ़ायी   गयी है उस अनुसार एड्स संक्रमित मरीजों की संख्या नहीं बढ़ी है। लोग जागरूक हो रहे है।इंजेक्शन से नशा करने वाले, ट्रक चालक, घुमंतू परिवारों के लोगों के एचआईवी संक्रमित होने की ज्यादा संभावना है उन्हें विशेष रुप से जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि एचआईवी मरीज अपनी टीबी संबंधी जांच जरूर कराए। यह जांच जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी पर भी निशुल्क हो रही है।    जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. डीके भिटौरिया ने बताया कि एचआईवी एड्स असुरक्षित यौन संबंध, एचआईवी संक्रमित व्यक्ति की इस्तेमाल की गई सुई का दोबारा इस्तेमाल, एचआईवी संक्रमित के रक्त, वीर्य के द्वारा  फैलता है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि एचआईवी रोगी और संक्रमित मां नियमित रुप से दवाओं का सेवन करें तो उसके बच्चे को एचआईवी से बचाया सकता है। जिला अस्पताल में स्थित एआरटी सेंटर में इन मरीजों का नियमित उपचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल की थीम भेदभाव की समाप्ति, एडस की समाप्ति तथा महामारियों की समाप्ति पर आधारित है।    इस दौरान जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ अविनेश कुमार, महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ एनआर वर्मा, सीडीपीओ विमलेश आर्या, डा. ममता स्वर्णकार, रामबाबू निषाद, डॉ जितेंद्र कुमार, डॉ कौशल किशोर सिंह, नुरुलहुदा, सिराज मोहम्मद, शाहनवाज खान, आलोक मिश्रा, राजीव उपाध्याय, संजय अग्रवाल, रविकांत भास्कर, सुरजीत कुमार आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन यूपीएनपी प्लस अहाना के कार्यक्रम अधिकारी पुरुषोत्तम तिवारी ने किया। इस दौरान हस्ताक्षर अभियान का भी आयोजन किया।  साथ ही स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का भी आयोजन किया गया। इसमें लोगों को एड्स एचआईवी के बारे में जागरूक किया गया। इसमें 15 लोगों की एचआईवी की जांचें की गई।
एड्स के प्रति स्कूल कॉलेजों में चलाए जाएं जागरूकता कार्यक्रम  विश्व एड्स दिवस पर हुई संगोष्ठी और हस्ताक्षर अभियान  स्वास्थ्य कैंप में 15 लोगों की हुई एचआईवी जांच    जालौन : विश्व एड्स दिवस पर जिला अस्पताल के सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं सिविल जज राजीव सरन ने बताया कि एचआईवी एड्स के प्रति लोग जागरूक हो रहे है, लेकिन हमें और कोशिशें बढ़ाने की जरूरत है ऐेसे में स्कूल कालेजों में जागरूकता संबंधी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विशेष रुप से बचाव के बारे में लोगों को बताया जाए और उससे संबंधी बातों का प्रचार किया जाये।    मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एनडी शर्मा ने कहा कि एचआईवी एक समय घातक बीमारियों में शामिल थी और इसे बेहद खतरनाक माना जाता थाI लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से चले जागरुकता अभियान और लोगों द्वारा बरती गई सावधानी का नतीजा है कि जिले में जितनी जाँच बढ़ायी   गयी है उस अनुसार एड्स संक्रमित मरीजों की संख्या नहीं बढ़ी है। लोग जागरूक हो रहे है।इंजेक्शन से नशा करने वाले, ट्रक चालक, घुमंतू परिवारों के लोगों के एचआईवी संक्रमित होने की ज्यादा संभावना है उन्हें विशेष रुप से जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि एचआईवी मरीज अपनी टीबी संबंधी जांच जरूर कराए। यह जांच जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी पर भी निशुल्क हो रही है।    जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. डीके भिटौरिया ने बताया कि एचआईवी एड्स असुरक्षित यौन संबंध, एचआईवी संक्रमित व्यक्ति की इस्तेमाल की गई सुई का दोबारा इस्तेमाल, एचआईवी संक्रमित के रक्त, वीर्य के द्वारा  फैलता है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि एचआईवी रोगी और संक्रमित मां नियमित रुप से दवाओं का सेवन करें तो उसके बच्चे को एचआईवी से बचाया सकता है। जिला अस्पताल में स्थित एआरटी सेंटर में इन मरीजों का नियमित उपचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल की थीम भेदभाव की समाप्ति, एडस की समाप्ति तथा महामारियों की समाप्ति पर आधारित है।    इस दौरान जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ अविनेश कुमार, महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ एनआर वर्मा, सीडीपीओ विमलेश आर्या, डा. ममता स्वर्णकार, रामबाबू निषाद, डॉ जितेंद्र कुमार, डॉ कौशल किशोर सिंह, नुरुलहुदा, सिराज मोहम्मद, शाहनवाज खान, आलोक मिश्रा, राजीव उपाध्याय, संजय अग्रवाल, रविकांत भास्कर, सुरजीत कुमार आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन यूपीएनपी प्लस अहाना के कार्यक्रम अधिकारी पुरुषोत्तम तिवारी ने किया। इस दौरान हस्ताक्षर अभियान का भी आयोजन किया।  साथ ही स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का भी आयोजन किया गया। इसमें लोगों को एड्स एचआईवी के बारे में जागरूक किया गया। इसमें 15 लोगों की एचआईवी की जांचें की गई।

एड्स के प्रति स्कूल कॉलेजों में चलाए जाएं जागरूकता कार्यक्रम

विश्व एड्स दिवस पर हुई संगोष्ठी और हस्ताक्षर अभियान

स्वास्थ्य कैंप में 15 लोगों की हुई एचआईवी जांच


जालौन : विश्व एड्स दिवस पर जिला अस्पताल के सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं सिविल जज राजीव सरन ने बताया कि एचआईवी एड्स के प्रति लोग जागरूक हो रहे है, लेकिन हमें और कोशिशें बढ़ाने की जरूरत है ऐेसे में स्कूल कालेजों में जागरूकता संबंधी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। विशेष रुप से बचाव के बारे में लोगों को बताया जाए और उससे संबंधी बातों का प्रचार किया जाये।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.एनडी शर्मा ने कहा कि एचआईवी एक समय घातक बीमारियों में शामिल थी और इसे बेहद खतरनाक माना जाता थाI लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से चले जागरुकता अभियान और लोगों द्वारा बरती गई सावधानी का नतीजा है कि जिले में जितनी जाँच बढ़ायी   गयी है उस अनुसार एड्स संक्रमित मरीजों की संख्या नहीं बढ़ी है। लोग जागरूक हो रहे है।इंजेक्शन से नशा करने वाले, ट्रक चालक, घुमंतू परिवारों के लोगों के एचआईवी संक्रमित होने की ज्यादा संभावना है उन्हें विशेष रुप से जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि एचआईवी मरीज अपनी टीबी संबंधी जांच जरूर कराए। यह जांच जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी पर भी निशुल्क हो रही है।


जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. डीके भिटौरिया ने बताया कि एचआईवी एड्स असुरक्षित यौन संबंध, एचआईवी संक्रमित व्यक्ति की इस्तेमाल की गई सुई का दोबारा इस्तेमाल, एचआईवी संक्रमित के रक्त, वीर्य के द्वारा  फैलता है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि एचआईवी रोगी और संक्रमित मां नियमित रुप से दवाओं का सेवन करें तो उसके बच्चे को एचआईवी से बचाया सकता है। जिला अस्पताल में स्थित एआरटी सेंटर में इन मरीजों का नियमित उपचार चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल की थीम भेदभाव की समाप्ति, एडस की समाप्ति तथा महामारियों की समाप्ति पर आधारित है।


इस दौरान जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ अविनेश कुमार, महिला अस्पताल के सीएमएस डॉ एनआर वर्मा, सीडीपीओ विमलेश आर्या, डा. ममता स्वर्णकार, रामबाबू निषाद, डॉ जितेंद्र कुमार, डॉ कौशल किशोर सिंह, नुरुलहुदा, सिराज मोहम्मद, शाहनवाज खान, आलोक मिश्रा, राजीव उपाध्याय, संजय अग्रवाल, रविकांत भास्कर, सुरजीत कुमार आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन यूपीएनपी प्लस अहाना के कार्यक्रम अधिकारी पुरुषोत्तम तिवारी ने किया। इस दौरान हस्ताक्षर अभियान का भी आयोजन किया।  साथ ही स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का भी आयोजन किया गया। इसमें लोगों को एड्स एचआईवी के बारे में जागरूक किया गया। इसमें 15 लोगों की एचआईवी की जांचें की गई।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS