स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने पर हुआ मंथन

स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने पर हुआ मंथन   पीएसआई – इंडिया एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित की गई बैठक   जालौन : स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी पर चर्चा एवं कार्यो के आंकलन के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं पीएसआई – इंडिया द्वारा जालौन रोड स्थित एक होटल में वर्कशॉप का आयोजन किया गयाI   अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी शहरी स्वास्थ्य डा. एसडी चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी के लिए पहली सीढ़ी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना है। उसे पर्चा बनवाने से लेकर डाक्टर से परामर्श, जांच और दवा वितरण तक किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। डाक्टर के पास जाने पर मरीज को बैठने की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए और डाक्टर के पास  जांच के लिए जरूरी उपकरण भी मौजूद  होने चाहिए। उन्होंने बताया कि चाहे सरकारी हो या प्राइ‍वेट। सभी ​चिकित्सालयों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अनुमतिपत्र होना जरूरी है। गुणवत्ता सुधार के लिए लगातार प्रयास की जरूरत होती है।  जनपदीय परामर्शदाता क्वालिटी एश्योरेंस डॉ अरुण कुमार राजपूत  ने प्रशिक्षण देते हुए कायाकल्प और एनक्वास के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने क्वालिटी एश्योरेंस और कायाकल्प के सभी ​बिंदु अरबन पीएचसी और सब सेंटरों में भी लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के बारे में चिकित्सक से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को जानकारी होनी चाहिए। जो बायोमेडिकल संबधी उपकरण प्रयोग करता है, उसी की जिम्मेदारी है कि उसका निस्तारण भी नियमानुसार वही करें। उन्होंने कहा कि हर अस्पताल में संक्रमण नियंत्रण कमेटी और गुणवत्ता सुधार समिति समेत दस स्वास्थ्य संबंधी कमेटियों का गठन करना अनिवार्य है। उन्होंने अस्पताल में जरूरी सेवाओं और सुविधाओं से बारे में विस्तार से  जानकारी दी।  एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक डा. प्रेमप्रताप ने  बताया  कि मरीज को देखते समय प्राइवेसी का भी ध्यान दिया जाना जरूरी है। मरीज के कुछ अधिकार होते है, उनका पालन किया जाना चाहिए। इस दौरान जिला महिला अस्पताल के सीएमएस डा. एनआर वर्मा, पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधि शरद श्रीवास्तव ने भी परिवार नियोजन कार्यक्रमों में गुणवत्तापरक सेवाओं पर जोर दिया।   इस अवसर पर शहरी स्वास्थ्य कोआर्डिेनटर संजीव कुमार चंदेरिया,  डीसीपीएम डा. धर्मेद्र, मातृत्व स्वास्थ्य सलाहकार रुबी वर्मा, डीईआईसी मैनेजर रवींद्र सिंह, धीरेंद्र प्रताप सिंह, डा. सहन बिहारी गुप्ता, डा. अभिलाष पटेल, डा.अमित, डा. जितेंद्र कुमार, डा. गोपालजी, डा. शत्रुघ्न सिंह, डॉ राजीव दुबे आदि चिकित्सक मौजूद रहे।
स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने पर हुआ मंथन   पीएसआई – इंडिया एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित की गई बैठक   जालौन : स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी पर चर्चा एवं कार्यो के आंकलन के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं पीएसआई – इंडिया द्वारा जालौन रोड स्थित एक होटल में वर्कशॉप का आयोजन किया गयाI   अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी शहरी स्वास्थ्य डा. एसडी चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी के लिए पहली सीढ़ी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना है। उसे पर्चा बनवाने से लेकर डाक्टर से परामर्श, जांच और दवा वितरण तक किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। डाक्टर के पास जाने पर मरीज को बैठने की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए और डाक्टर के पास  जांच के लिए जरूरी उपकरण भी मौजूद  होने चाहिए। उन्होंने बताया कि चाहे सरकारी हो या प्राइ‍वेट। सभी ​चिकित्सालयों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अनुमतिपत्र होना जरूरी है। गुणवत्ता सुधार के लिए लगातार प्रयास की जरूरत होती है।  जनपदीय परामर्शदाता क्वालिटी एश्योरेंस डॉ अरुण कुमार राजपूत  ने प्रशिक्षण देते हुए कायाकल्प और एनक्वास के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने क्वालिटी एश्योरेंस और कायाकल्प के सभी ​बिंदु अरबन पीएचसी और सब सेंटरों में भी लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के बारे में चिकित्सक से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को जानकारी होनी चाहिए। जो बायोमेडिकल संबधी उपकरण प्रयोग करता है, उसी की जिम्मेदारी है कि उसका निस्तारण भी नियमानुसार वही करें। उन्होंने कहा कि हर अस्पताल में संक्रमण नियंत्रण कमेटी और गुणवत्ता सुधार समिति समेत दस स्वास्थ्य संबंधी कमेटियों का गठन करना अनिवार्य है। उन्होंने अस्पताल में जरूरी सेवाओं और सुविधाओं से बारे में विस्तार से  जानकारी दी।  एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक डा. प्रेमप्रताप ने  बताया  कि मरीज को देखते समय प्राइवेसी का भी ध्यान दिया जाना जरूरी है। मरीज के कुछ अधिकार होते है, उनका पालन किया जाना चाहिए। इस दौरान जिला महिला अस्पताल के सीएमएस डा. एनआर वर्मा, पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधि शरद श्रीवास्तव ने भी परिवार नियोजन कार्यक्रमों में गुणवत्तापरक सेवाओं पर जोर दिया।   इस अवसर पर शहरी स्वास्थ्य कोआर्डिेनटर संजीव कुमार चंदेरिया,  डीसीपीएम डा. धर्मेद्र, मातृत्व स्वास्थ्य सलाहकार रुबी वर्मा, डीईआईसी मैनेजर रवींद्र सिंह, धीरेंद्र प्रताप सिंह, डा. सहन बिहारी गुप्ता, डा. अभिलाष पटेल, डा.अमित, डा. जितेंद्र कुमार, डा. गोपालजी, डा. शत्रुघ्न सिंह, डॉ राजीव दुबे आदि चिकित्सक मौजूद रहे।

स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने पर हुआ मंथन 

पीएसआई – इंडिया एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित की गई बैठक 

जालौन : स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी पर चर्चा एवं कार्यो के आंकलन के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं पीएसआई – इंडिया द्वारा जालौन रोड स्थित एक होटल में वर्कशॉप का आयोजन किया गयाI 

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी शहरी स्वास्थ्य डा. एसडी चौधरी ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी के लिए पहली सीढ़ी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराना है। उसे पर्चा बनवाने से लेकर डाक्टर से परामर्श, जांच और दवा वितरण तक किसी तरह की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। डाक्टर के पास जाने पर मरीज को बैठने की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए और डाक्टर के पास  जांच के लिए जरूरी उपकरण भी मौजूद  होने चाहिए। उन्होंने बताया कि चाहे सरकारी हो या प्राइ‍वेट। सभी ​चिकित्सालयों में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अनुमतिपत्र होना जरूरी है। गुणवत्ता सुधार के लिए लगातार प्रयास की जरूरत होती है।

जनपदीय परामर्शदाता क्वालिटी एश्योरेंस डॉ अरुण कुमार राजपूत  ने प्रशिक्षण देते हुए कायाकल्प और एनक्वास के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने क्वालिटी एश्योरेंस और कायाकल्प के सभी ​बिंदु अरबन पीएचसी और सब सेंटरों में भी लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण के बारे में चिकित्सक से लेकर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को जानकारी होनी चाहिए। जो बायोमेडिकल संबधी उपकरण प्रयोग करता है, उसी की जिम्मेदारी है कि उसका निस्तारण भी नियमानुसार वही करें। उन्होंने कहा कि हर अस्पताल में संक्रमण नियंत्रण कमेटी और गुणवत्ता सुधार समिति समेत दस स्वास्थ्य संबंधी कमेटियों का गठन करना अनिवार्य है। उन्होंने अस्पताल में जरूरी सेवाओं और सुविधाओं से बारे में विस्तार से  जानकारी दी।

एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक डा. प्रेमप्रताप ने  बताया  कि मरीज को देखते समय प्राइवेसी का भी ध्यान दिया जाना जरूरी है। मरीज के कुछ अधिकार होते है, उनका पालन किया जाना चाहिए। इस दौरान जिला महिला अस्पताल के सीएमएस डा. एनआर वर्मा, पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधि शरद श्रीवास्तव ने भी परिवार नियोजन कार्यक्रमों में गुणवत्तापरक सेवाओं पर जोर दिया। 

इस अवसर पर शहरी स्वास्थ्य कोआर्डिेनटर संजीव कुमार चंदेरिया,  डीसीपीएम डा. धर्मेद्र, मातृत्व स्वास्थ्य सलाहकार रुबी वर्मा, डीईआईसी मैनेजर रवींद्र सिंह, धीरेंद्र प्रताप सिंह, डा. सहन बिहारी गुप्ता, डा. अभिलाष पटेल, डा.अमित, डा. जितेंद्र कुमार, डा. गोपालजी, डा. शत्रुघ्न सिंह, डॉ राजीव दुबे आदि चिकित्सक मौजूद रहे।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS