जालौन : रोगियों के लिए वरदान साबित हो रहा मन कक्ष

जालौन : रोगियों के लिए वरदान साबित हो रहा मन कक्ष   विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस आज   जालौन : केस 1-शहर के निवासी 27 वर्षीय युवक की सोच में नकारात्मकता आ गई थी। उसके मन में यह भाव आ गया था कि उसका जीवन बेकार है। उसे मर जाना चाहिए। इसका कारण उसका काम में मन नहीं लगता है। बेरोजगारी भी एक कारण थीं। परिजनों ने उसे जिला अस्पताल के मनकक्ष में दिखाया। काउंसलिंग के बाद उसे सुधार हो गया। अब वह कानपुर में रह रहा है। परिजनों का कहना है कि काउंसलिंग होने से और जगह बदलने से उसकी स्थिति ठीक हो गई है।  केस-2-कालपी निवासी 35 वर्षीय महिला बीमार रहती थी। वह अपने जीवन को बोझ समझती थी। उसके मन में हमेशा आत्महत्या के विचार आते थे। पति और एकलौती बेटी से भी उसकी नहीं बनती थीं। बात बात में चिल्लाना, रोना उसकी आदत सी हो गई थी। इस जनवरी में मनकक्ष में उसकी काउंसलिंग की गई थी। अब उसकी हालत में सुधार हो गया है।    35 वर्षीय महिला और 27 वर्षीय युवक तो सिर्फ बानगी भर हैं। ऐसे कई मामले हैं जो मन कक्ष में काउंसलिंग के बाद आज स्वस्थ जिंदगी जी रहे हैं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एनसीडी डा. वीरेंद्र सिंह का कहना है कि मनकक्ष की मदद से मानसिक रोगियों का इलाज किया जा रहा है। मानसिक बीमारियों के लिए सही दिनचर्या को अपनाना जरूरी है। अच्छा खाएं और शारीरिक व्यायाम भी करें। अपने शौक को जिंदगी का हिस्सा बनाए। खुलकर हंसे, कोई बात मन में न रखें। परिवार व दोस्तों से शेयर कर सकते हैं। अपनी क्षमता के हिसाब से नौकरी और रिश्तों का चुनाव करें। गलत विचार, नकारात्मकता से दूर रहे। नशे से दूर रहे। उन्होंने बताया कि जनजागरूक के उद्देश्य से हर वर्ष 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता था। आत्महत्या का विचार करने वालों को दो तरह का उपचार दिया जाता है। पहली साइको थेरेपी और दूसरी फैमिली थेरेपी है।  उन्होंने बताया कि मानसिक रूप से परेशान लोगों की काउंसलिंग के लिए जिला अस्पताल के बी ब्लाक में कक्ष नंबर एक में मनकक्ष स्थापित है।  जिला अस्पताल की मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. बीमा चौहान ने बताया कि मन कक्ष में मनोचिकित्सक और काउंसलर मरीजों की काउंसलिंग कर उन्हें मानसिक परेशानी से निकालने का काम करते हैं। क्लीनिकल साइकोलाजिस्ट अर्चना विश्वास का कहना है कि मन कक्ष में जनवरी से अब तक करीब 90 लोग ऐसे आए जिन्होंने आत्महत्या की कोशिश की या फिर आत्महत्या करने का विचार किया था। ऐसे लोगों की नियमित काउंसलिंग की गई। अब वह सभी पूरी तरह ठीक हैं।     -------------------------------------  मन कक्ष में काउंसलिंग का माहवार ब्योरा  माह            केस आए  जनवरी           09  फरवरी           07  मार्च               06  अप्रैल             26  मई                 05  जून                06  जुलाई            16  अगस्त           09  --------------------    मानसिक रोग की हेल्पलाइन की ले सकते हैं मदद  मानसिक स्वास्थ्य इकाई में तैनात साइकेट्रिक सोशल वर्कर दिनेश सिंह का कहना है कि यदि किसी को मानसिक समस्या है और वह अस्पताल आने में असमर्थ है तो मानसिक स्वास्थ्य की हेल्पलाइन नंबर 8738830715 पर काल कर सकते हैं। यह हेल्पलाइन सुबह आठ बजे से दो बजे तक काम करती हैं। इसके अलावा जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई में तैनात कर्मचारी सप्ताह में दो दिन देहात क्षेत्रों में जाकर लोगों को जागरुक करते हैं।

जालौन : रोगियों के लिए वरदान साबित हो रहा मन कक्ष 

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस आज 

जालौन : केस 1-शहर के निवासी 27 वर्षीय युवक की सोच में नकारात्मकता आ गई थी। उसके मन में यह भाव आ गया था कि उसका जीवन बेकार है। उसे मर जाना चाहिए। इसका कारण उसका काम में मन नहीं लगता है। बेरोजगारी भी एक कारण थीं। परिजनों ने उसे जिला अस्पताल के मनकक्ष में दिखाया। काउंसलिंग के बाद उसे सुधार हो गया। अब वह कानपुर में रह रहा है। परिजनों का कहना है कि काउंसलिंग होने से और जगह बदलने से उसकी स्थिति ठीक हो गई है।

केस-2-कालपी निवासी 35 वर्षीय महिला बीमार रहती थी। वह अपने जीवन को बोझ समझती थी। उसके मन में हमेशा आत्महत्या के विचार आते थे। पति और एकलौती बेटी से भी उसकी नहीं बनती थीं। बात बात में चिल्लाना, रोना उसकी आदत सी हो गई थी। इस जनवरी में मनकक्ष में उसकी काउंसलिंग की गई थी। अब उसकी हालत में सुधार हो गया है।


35 वर्षीय महिला और 27 वर्षीय युवक तो सिर्फ बानगी भर हैं। ऐसे कई मामले हैं जो मन कक्ष में काउंसलिंग के बाद आज स्वस्थ जिंदगी जी रहे हैं। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एनसीडी डा. वीरेंद्र सिंह का कहना है कि मनकक्ष की मदद से मानसिक रोगियों का इलाज किया जा रहा है। मानसिक बीमारियों के लिए सही दिनचर्या को अपनाना जरूरी है। अच्छा खाएं और शारीरिक व्यायाम भी करें। अपने शौक को जिंदगी का हिस्सा बनाए। खुलकर हंसे, कोई बात मन में न रखें। परिवार व दोस्तों से शेयर कर सकते हैं। अपनी क्षमता के हिसाब से नौकरी और रिश्तों का चुनाव करें। गलत विचार, नकारात्मकता से दूर रहे। नशे से दूर रहे। उन्होंने बताया कि जनजागरूक के उद्देश्य से हर वर्ष 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता था। आत्महत्या का विचार करने वालों को दो तरह का उपचार दिया जाता है। पहली साइको थेरेपी और दूसरी फैमिली थेरेपी है।

उन्होंने बताया कि मानसिक रूप से परेशान लोगों की काउंसलिंग के लिए जिला अस्पताल के बी ब्लाक में कक्ष नंबर एक में मनकक्ष स्थापित है।

जिला अस्पताल की मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. बीमा चौहान ने बताया कि मन कक्ष में मनोचिकित्सक और काउंसलर मरीजों की काउंसलिंग कर उन्हें मानसिक परेशानी से निकालने का काम करते हैं। क्लीनिकल साइकोलाजिस्ट अर्चना विश्वास का कहना है कि मन कक्ष में जनवरी से अब तक करीब 90 लोग ऐसे आए जिन्होंने आत्महत्या की कोशिश की या फिर आत्महत्या करने का विचार किया था। ऐसे लोगों की नियमित काउंसलिंग की गई। अब वह सभी पूरी तरह ठीक हैं। 


-------------------------------------

मन कक्ष में काउंसलिंग का माहवार ब्योरा

माह            केस आए

जनवरी           09

फरवरी           07

मार्च               06

अप्रैल             26

मई                 05

जून                06

जुलाई            16

अगस्त           09

--------------------


मानसिक रोग की हेल्पलाइन की ले सकते हैं मदद

मानसिक स्वास्थ्य इकाई में तैनात साइकेट्रिक सोशल वर्कर दिनेश सिंह का कहना है कि यदि किसी को मानसिक समस्या है और वह अस्पताल आने में असमर्थ है तो मानसिक स्वास्थ्य की हेल्पलाइन नंबर 8738830715 पर काल कर सकते हैं। यह हेल्पलाइन सुबह आठ बजे से दो बजे तक काम करती हैं। इसके अलावा जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई में तैनात कर्मचारी सप्ताह में दो दिन देहात क्षेत्रों में जाकर लोगों को जागरुक करते हैं।

एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने

Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS