टीबी मुक्त भारत अभियान में संस्थाएं भी बन रही भागीदार

टीबी मुक्त भारत अभियान में संस्थाएं भी बन रही भागीदार  सेवा पखवाड़े के दौरान टीबी रोगियों को गोद लेकर बांटी गई पोषण किट  जालौन : राष्ट्रीय क्षय उन्मूलनकार्यक्रम के तहत चलायेजारहे‘टीबी मुक्त भारत अभियान’ के अंतर्गत सेवा पखवाड़े में टीबी मरीजों को गोद लेने का कार्यक्रम जिला टीबी अस्पताल परिसर में किया गया। इस दौरान इनरव्हील स्वर्णिम के पदाधिकारियों ने 20 क्षय रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषण किट वितरित की। समारोह में कुल 31 क्षय रोगियों को पोषण किट दी गई। 9 मरीजों को डॉ. देवेंद्र कुमार पालीक्लीनिक ने और दो महिला मरीजों को टीबी अस्पताल में तैनात ऊषा दुबे ने गोद लिया।  इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार भिटौरिया ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान के लिए प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की ओर से विशेष मुहिम चलाई जा रही है। इस मुहिम में स्वास्थ्य विभाग के साथ सामाजिक संस्थाएं भी भागीदारीनिभा रही है। जिस तरह संस्थाएं आगे आकर क्षय रोगियों को गोद ले रहे है, उससे उन्हें विश्वास है कि जल्दहमदेश कोटीबी मुक्त करपाएंगे.उन्होंने कहा कि जिन घरों में क्षय रोगी है, उनके घर और परिवार वाले भी अपनी अपनी क्षय रोग की जांच जरूर करवा लें। समय से इलाज से टीबी का खात्मा किया जा सकता है।   इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि क्षय रोगियों को इलाज में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। उनके  संगठन ने भी क्षय रोगियों को गोद लिया है।   टीबी अस्पताल में तैनात डॉ. कौशल किशोर ने बताया कि टीबी की बीमारी सही समय से सही इलाज से ठीक हो सकती है। टीबी के लक्षण आने पर जल्द इलाज शुरू कराए। उन्होंने बताया कि दो हफ्ते तक खांसी, बुखार, रात में पसीना आना, भूख न लगना और लगातार वजन में गिरावट होना टीबी के प्रमुख लक्षण है ऐसे लक्षण होने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल में जाकर टीबी की जांच कराकर चिकित्सक के निर्देशानुसार पूरा इलाज लें।   इस दौरान इनरव्हील की आरती उपाध्याय, राखी माहेश्वरी, सरिता सिंघल, माधुरी गुप्ता, शशि सोमेंद्र सिंह ने भरोसा दिया कि उन्होंने जिन मरीजों को गोद लिया है, उनके पूरे पोषण और इलाज का ध्यान रखा जाएगा। टीबी मुक्त भारत अभियान में उनका संगठन साथ है।   कार्यक्रम का संचालन रक्तकर्णिकाडॉ. ममता स्वर्णकार और राजीव उपाध्याय ने संयुक्त रुप से किया।   इस दौरान डीपीसी नुरुल हुदा ने बताया कि 1497 मरीज उपाचाराधीन है। इसमें 560 मरीज अब तक गोद ले लिए गए हैं।  पूरे जिले में 360 मरीजों को पोषण किट बांटी गई।   इस दौरान  संजय अग्रवाल, आलोक मिश्रा,  सिराज मुहम्मद, शहनवाज खान, रविकांत भास्कर, भूपेंद्र, जितेंद्र, धर्मेंद्र, आदि मौजूद रहे।  गोद लेने पर खुशी जताई  शहर के एक मोहल्ला निवासी 22 वर्षीय युवती ने बताया कि उसे कुछ दिन से बुखार आ रहा था। जब उसने टीबी अस्पताल में जांच कराई तो उसे लंग्स में पानी बताया गया। जांच में टीबी निकली। आज समारोह के दौरान ऊषा दुबे ने उन्हें गोद लिया है। अच्छा लगा। वहीं गोद लेनेवाली टीबी अस्पताल में डाटा इंट्री आपरेटर ऊषा दुबे का कहना है कि उन्हें बेटी नहीं है। दो टीबी पीड़ित बच्चियों को गोद लेते हुए उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है।टीबी मुक्त भारत अभियान में संस्थाएं भी बन रही भागीदार  सेवा पखवाड़े के दौरान टीबी रोगियों को गोद लेकर बांटी गई पोषण किट  जालौन : राष्ट्रीय क्षय उन्मूलनकार्यक्रम के तहत चलायेजारहे‘टीबी मुक्त भारत अभियान’ के अंतर्गत सेवा पखवाड़े में टीबी मरीजों को गोद लेने का कार्यक्रम जिला टीबी अस्पताल परिसर में किया गया। इस दौरान इनरव्हील स्वर्णिम के पदाधिकारियों ने 20 क्षय रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषण किट वितरित की। समारोह में कुल 31 क्षय रोगियों को पोषण किट दी गई। 9 मरीजों को डॉ. देवेंद्र कुमार पालीक्लीनिक ने और दो महिला मरीजों को टीबी अस्पताल में तैनात ऊषा दुबे ने गोद लिया।  इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार भिटौरिया ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान के लिए प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की ओर से विशेष मुहिम चलाई जा रही है। इस मुहिम में स्वास्थ्य विभाग के साथ सामाजिक संस्थाएं भी भागीदारीनिभा रही है। जिस तरह संस्थाएं आगे आकर क्षय रोगियों को गोद ले रहे है, उससे उन्हें विश्वास है कि जल्दहमदेश कोटीबी मुक्त करपाएंगे.उन्होंने कहा कि जिन घरों में क्षय रोगी है, उनके घर और परिवार वाले भी अपनी अपनी क्षय रोग की जांच जरूर करवा लें। समय से इलाज से टीबी का खात्मा किया जा सकता है।   इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि क्षय रोगियों को इलाज में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। उनके  संगठन ने भी क्षय रोगियों को गोद लिया है।   टीबी अस्पताल में तैनात डॉ. कौशल किशोर ने बताया कि टीबी की बीमारी सही समय से सही इलाज से ठीक हो सकती है। टीबी के लक्षण आने पर जल्द इलाज शुरू कराए। उन्होंने बताया कि दो हफ्ते तक खांसी, बुखार, रात में पसीना आना, भूख न लगना और लगातार वजन में गिरावट होना टीबी के प्रमुख लक्षण है ऐसे लक्षण होने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल में जाकर टीबी की जांच कराकर चिकित्सक के निर्देशानुसार पूरा इलाज लें।   इस दौरान इनरव्हील की आरती उपाध्याय, राखी माहेश्वरी, सरिता सिंघल, माधुरी गुप्ता, शशि सोमेंद्र सिंह ने भरोसा दिया कि उन्होंने जिन मरीजों को गोद लिया है, उनके पूरे पोषण और इलाज का ध्यान रखा जाएगा। टीबी मुक्त भारत अभियान में उनका संगठन साथ है।   कार्यक्रम का संचालन रक्तकर्णिकाडॉ. ममता स्वर्णकार और राजीव उपाध्याय ने संयुक्त रुप से किया।   इस दौरान डीपीसी नुरुल हुदा ने बताया कि 1497 मरीज उपाचाराधीन है। इसमें 560 मरीज अब तक गोद ले लिए गए हैं।  पूरे जिले में 360 मरीजों को पोषण किट बांटी गई।   इस दौरान  संजय अग्रवाल, आलोक मिश्रा,  सिराज मुहम्मद, शहनवाज खान, रविकांत भास्कर, भूपेंद्र, जितेंद्र, धर्मेंद्र, आदि मौजूद रहे।  गोद लेने पर खुशी जताई  शहर के एक मोहल्ला निवासी 22 वर्षीय युवती ने बताया कि उसे कुछ दिन से बुखार आ रहा था। जब उसने टीबी अस्पताल में जांच कराई तो उसे लंग्स में पानी बताया गया। जांच में टीबी निकली। आज समारोह के दौरान ऊषा दुबे ने उन्हें गोद लिया है। अच्छा लगा। वहीं गोद लेनेवाली टीबी अस्पताल में डाटा इंट्री आपरेटर ऊषा दुबे का कहना है कि उन्हें बेटी नहीं है। दो टीबी पीड़ित बच्चियों को गोद लेते हुए उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है।
टीबी मुक्त भारत अभियान में संस्थाएं भी बन रही भागीदार  सेवा पखवाड़े के दौरान टीबी रोगियों को गोद लेकर बांटी गई पोषण किट  जालौन : राष्ट्रीय क्षय उन्मूलनकार्यक्रम के तहत चलायेजारहे‘टीबी मुक्त भारत अभियान’ के अंतर्गत सेवा पखवाड़े में टीबी मरीजों को गोद लेने का कार्यक्रम जिला टीबी अस्पताल परिसर में किया गया। इस दौरान इनरव्हील स्वर्णिम के पदाधिकारियों ने 20 क्षय रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषण किट वितरित की। समारोह में कुल 31 क्षय रोगियों को पोषण किट दी गई। 9 मरीजों को डॉ. देवेंद्र कुमार पालीक्लीनिक ने और दो महिला मरीजों को टीबी अस्पताल में तैनात ऊषा दुबे ने गोद लिया।  इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार भिटौरिया ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान के लिए प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की ओर से विशेष मुहिम चलाई जा रही है। इस मुहिम में स्वास्थ्य विभाग के साथ सामाजिक संस्थाएं भी भागीदारीनिभा रही है। जिस तरह संस्थाएं आगे आकर क्षय रोगियों को गोद ले रहे है, उससे उन्हें विश्वास है कि जल्दहमदेश कोटीबी मुक्त करपाएंगे.उन्होंने कहा कि जिन घरों में क्षय रोगी है, उनके घर और परिवार वाले भी अपनी अपनी क्षय रोग की जांच जरूर करवा लें। समय से इलाज से टीबी का खात्मा किया जा सकता है।   इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि क्षय रोगियों को इलाज में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। उनके  संगठन ने भी क्षय रोगियों को गोद लिया है।   टीबी अस्पताल में तैनात डॉ. कौशल किशोर ने बताया कि टीबी की बीमारी सही समय से सही इलाज से ठीक हो सकती है। टीबी के लक्षण आने पर जल्द इलाज शुरू कराए। उन्होंने बताया कि दो हफ्ते तक खांसी, बुखार, रात में पसीना आना, भूख न लगना और लगातार वजन में गिरावट होना टीबी के प्रमुख लक्षण है ऐसे लक्षण होने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल में जाकर टीबी की जांच कराकर चिकित्सक के निर्देशानुसार पूरा इलाज लें।   इस दौरान इनरव्हील की आरती उपाध्याय, राखी माहेश्वरी, सरिता सिंघल, माधुरी गुप्ता, शशि सोमेंद्र सिंह ने भरोसा दिया कि उन्होंने जिन मरीजों को गोद लिया है, उनके पूरे पोषण और इलाज का ध्यान रखा जाएगा। टीबी मुक्त भारत अभियान में उनका संगठन साथ है।   कार्यक्रम का संचालन रक्तकर्णिकाडॉ. ममता स्वर्णकार और राजीव उपाध्याय ने संयुक्त रुप से किया।   इस दौरान डीपीसी नुरुल हुदा ने बताया कि 1497 मरीज उपाचाराधीन है। इसमें 560 मरीज अब तक गोद ले लिए गए हैं।  पूरे जिले में 360 मरीजों को पोषण किट बांटी गई।   इस दौरान  संजय अग्रवाल, आलोक मिश्रा,  सिराज मुहम्मद, शहनवाज खान, रविकांत भास्कर, भूपेंद्र, जितेंद्र, धर्मेंद्र, आदि मौजूद रहे।  गोद लेने पर खुशी जताई  शहर के एक मोहल्ला निवासी 22 वर्षीय युवती ने बताया कि उसे कुछ दिन से बुखार आ रहा था। जब उसने टीबी अस्पताल में जांच कराई तो उसे लंग्स में पानी बताया गया। जांच में टीबी निकली। आज समारोह के दौरान ऊषा दुबे ने उन्हें गोद लिया है। अच्छा लगा। वहीं गोद लेनेवाली टीबी अस्पताल में डाटा इंट्री आपरेटर ऊषा दुबे का कहना है कि उन्हें बेटी नहीं है। दो टीबी पीड़ित बच्चियों को गोद लेते हुए उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है।

टीबी मुक्त भारत अभियान में संस्थाएं भी बन रही भागीदार

सेवा पखवाड़े के दौरान टीबी रोगियों को गोद लेकर बांटी गई पोषण किट

जालौन : राष्ट्रीय क्षय उन्मूलनकार्यक्रम के तहत चलायेजारहे‘टीबी मुक्त भारत अभियान’ के अंतर्गत सेवा पखवाड़े में टीबी मरीजों को गोद लेने का कार्यक्रम जिला टीबी अस्पताल परिसर में किया गया। इस दौरान इनरव्हील स्वर्णिम के पदाधिकारियों ने 20 क्षय रोगियों को गोद लेकर उन्हें पोषण किट वितरित की। समारोह में कुल 31 क्षय रोगियों को पोषण किट दी गई। 9 मरीजों को डॉ. देवेंद्र कुमार पालीक्लीनिक ने और दो महिला मरीजों को टीबी अस्पताल में तैनात ऊषा दुबे ने गोद लिया।

इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. देवेंद्र कुमार भिटौरिया ने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान के लिए प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री की ओर से विशेष मुहिम चलाई जा रही है। इस मुहिम में स्वास्थ्य विभाग के साथ सामाजिक संस्थाएं भी भागीदारीनिभा रही है। जिस तरह संस्थाएं आगे आकर क्षय रोगियों को गोद ले रहे है, उससे उन्हें विश्वास है कि जल्दहमदेश कोटीबी मुक्त करपाएंगे.उन्होंने कहा कि जिन घरों में क्षय रोगी है, उनके घर और परिवार वाले भी अपनी अपनी क्षय रोग की जांच जरूर करवा लें। समय से इलाज से टीबी का खात्मा किया जा सकता है। 

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सचिव डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि क्षय रोगियों को इलाज में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। उनके  संगठन ने भी क्षय रोगियों को गोद लिया है। 

टीबी अस्पताल में तैनात डॉ. कौशल किशोर ने बताया कि टीबी की बीमारी सही समय से सही इलाज से ठीक हो सकती है। टीबी के लक्षण आने पर जल्द इलाज शुरू कराए। उन्होंने बताया कि दो हफ्ते तक खांसी, बुखार, रात में पसीना आना, भूख न लगना और लगातार वजन में गिरावट होना टीबी के प्रमुख लक्षण है ऐसे लक्षण होने पर तत्काल नजदीकी अस्पताल में जाकर टीबी की जांच कराकर चिकित्सक के निर्देशानुसार पूरा इलाज लें। 

इस दौरान इनरव्हील की आरती उपाध्याय, राखी माहेश्वरी, सरिता सिंघल, माधुरी गुप्ता, शशि सोमेंद्र सिंह ने भरोसा दिया कि उन्होंने जिन मरीजों को गोद लिया है, उनके पूरे पोषण और इलाज का ध्यान रखा जाएगा। टीबी मुक्त भारत अभियान में उनका संगठन साथ है। 

कार्यक्रम का संचालन रक्तकर्णिकाडॉ. ममता स्वर्णकार और राजीव उपाध्याय ने संयुक्त रुप से किया। 

इस दौरान डीपीसी नुरुल हुदा ने बताया कि 1497 मरीज उपाचाराधीन है। इसमें 560 मरीज अब तक गोद ले लिए गए हैं।  पूरे जिले में 360 मरीजों को पोषण किट बांटी गई। 

इस दौरान  संजय अग्रवाल, आलोक मिश्रा,  सिराज मुहम्मद, शहनवाज खान, रविकांत भास्कर, भूपेंद्र, जितेंद्र, धर्मेंद्र, आदि मौजूद रहे।

गोद लेने पर खुशी जताई

शहर के एक मोहल्ला निवासी 22 वर्षीय युवती ने बताया कि उसे कुछ दिन से बुखार आ रहा था। जब उसने टीबी अस्पताल में जांच कराई तो उसे लंग्स में पानी बताया गया। जांच में टीबी निकली। आज समारोह के दौरान ऊषा दुबे ने उन्हें गोद लिया है। अच्छा लगा। वहीं गोद लेनेवाली टीबी अस्पताल में डाटा इंट्री आपरेटर ऊषा दुबे का कहना है कि उन्हें बेटी नहीं है। दो टीबी पीड़ित बच्चियों को गोद लेते हुए उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS