विटामिन की कमी से शारीरिक और मा​नसिक विकास में आती है बाधा : जिलाधिकारी जालौन

विटामिन की कमी से शारीरिक और मा​नसिक विकास में आती है बाधा : जिलाधिकारी जालौन   1.83 लाख बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाने के अभियान का जिलाधिकारी ने किया शुभारंभ    जालौन : शासन के निर्देश पर जिले के 183718 बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाने के अभियान का शुभारंभ जिलाधिकारी चांदनी सिंह ने बुधवार को जिला महिला अस्पताल से किया। उन्होंने पांच बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाई। जिलाधिकारी ने कहा कि विटामिन की कमी से बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा पहुंचती है। विटामिन की कमी सीधे नहीं उभरती है लेकिन धीरे धीरे इसका असर दिखाई देता है। बच्चों में नजर के चश्मे लगना भी विटामिन ए की कमी का एक मुख्य लक्षण है। इसलिए जरूरी है कि विटामिन ए की कमी को दूर किया जाए। इसके लिए जरूरी है कि उनके पोषण पर ध्यान दिया जाए। माता  और बच्चों को विटामिन एवं अन्य पोषक तत्वो से युक्त भोजन करना चाहिए क्योंकि स्वस्थ शरीर ही आगे का भविष्य तय करता है।    उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण की खुराक दी जा रही है। उसका उपयोग करें। शरीर को जिन चीजों की जरूरत है, उनका सेवन जरूर करें। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे में किसी चीज की कमी होती है तो उसके स्वभाव में परिवर्तन आ जाता है। इसे माताओं को गौर करने की जरूरत है।    मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा ने कहा कि नौ से बारह माह के बच्चों को आधा चम्मच,  13 माह से पांच साल तक के बच्चों को पूरा चम्मच दवा पिलाई जानी है। दवा पिलाने का अभियान आज से शुरू हो गया है और यह पूरे एक माह चलेगा। विटामिन ए की खुराक से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है । कोविड काल में इसका महत्व और बढ़ जाता है। इसके लिए छाया वीएचएनडी और यूएचएनडी सत्र में कोविड प्रोटाकाल का पालन करते हुए दवा पिलाई जाएगी। इसके लिए आशा, आंगनबाड़ी, एएनएम की  ब्लाकवार टीमें बनाकर लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। टीमों से कहा गया है कि डिस्पोजल चम्मच का इस्तेमाल करें। अभियान की रोजाना मॉनिटरिंग होगी। टीम को यह भी निर्देशित किया गया है कि यदि कोई बच्चा गम्भीर बीमार है तो उसे दवा न पिलाए, बल्कि इसकी सूचना स्थानीय चिकित्सक को दें।     जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए 1663 टीमें बनाई गई है। जो प्रत्येक बुधवार और शनिवार को दवा ​पिलाने का काम करेगी। इस दौरान एसीएमओ डा. अरविंद भूषण, जिला कार्यक्रम अधिकारी इफ्तेखार अहमद, बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिन कुमार, जिला अस्पताल के सीएमएस डा. अविनेश कुमार, महिला अस्पताल के सीएमएस डा. एनआर वर्मा, डा.संजीव प्रभाकर, संजीव चंदेरिया, डा. पवन कुमार, आरपी विश्वकर्मा, रोहित विनायक आदि मौजूद रहे।

विटामिन की कमी से शारीरिक और मा​नसिक विकास में आती है बाधा : जिलाधिकारी जालौन 

1.83 लाख बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाने के अभियान का जिलाधिकारी ने किया शुभारंभ


जालौन : शासन के निर्देश पर जिले के 183718 बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाने के अभियान का शुभारंभ जिलाधिकारी चांदनी सिंह ने बुधवार को जिला महिला अस्पताल से किया। उन्होंने पांच बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाई। जिलाधिकारी ने कहा कि विटामिन की कमी से बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा पहुंचती है। विटामिन की कमी सीधे नहीं उभरती है लेकिन धीरे धीरे इसका असर दिखाई देता है। बच्चों में नजर के चश्मे लगना भी विटामिन ए की कमी का एक मुख्य लक्षण है। इसलिए जरूरी है कि विटामिन ए की कमी को दूर किया जाए। इसके लिए जरूरी है कि उनके पोषण पर ध्यान दिया जाए। माता  और बच्चों को विटामिन एवं अन्य पोषक तत्वो से युक्त भोजन करना चाहिए क्योंकि स्वस्थ शरीर ही आगे का भविष्य तय करता है।


उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषण की खुराक दी जा रही है। उसका उपयोग करें। शरीर को जिन चीजों की जरूरत है, उनका सेवन जरूर करें। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे में किसी चीज की कमी होती है तो उसके स्वभाव में परिवर्तन आ जाता है। इसे माताओं को गौर करने की जरूरत है।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा ने कहा कि नौ से बारह माह के बच्चों को आधा चम्मच,  13 माह से पांच साल तक के बच्चों को पूरा चम्मच दवा पिलाई जानी है। दवा पिलाने का अभियान आज से शुरू हो गया है और यह पूरे एक माह चलेगा। विटामिन ए की खुराक से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है । कोविड काल में इसका महत्व और बढ़ जाता है। इसके लिए छाया वीएचएनडी और यूएचएनडी सत्र में कोविड प्रोटाकाल का पालन करते हुए दवा पिलाई जाएगी। इसके लिए आशा, आंगनबाड़ी, एएनएम की  ब्लाकवार टीमें बनाकर लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। टीमों से कहा गया है कि डिस्पोजल चम्मच का इस्तेमाल करें। अभियान की रोजाना मॉनिटरिंग होगी। टीम को यह भी निर्देशित किया गया है कि यदि कोई बच्चा गम्भीर बीमार है तो उसे दवा न पिलाए, बल्कि इसकी सूचना स्थानीय चिकित्सक को दें। 


जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि अभियान को सफल बनाने के लिए 1663 टीमें बनाई गई है। जो प्रत्येक बुधवार और शनिवार को दवा ​पिलाने का काम करेगी। इस दौरान एसीएमओ डा. अरविंद भूषण, जिला कार्यक्रम अधिकारी इफ्तेखार अहमद, बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिन कुमार, जिला अस्पताल के सीएमएस डा. अविनेश कुमार, महिला अस्पताल के सीएमएस डा. एनआर वर्मा, डा.संजीव प्रभाकर, संजीव चंदेरिया, डा. पवन कुमार, आरपी विश्वकर्मा, रोहित विनायक आदि मौजूद रहे।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS