जालौन : कंडोम लेने में हिचके, अस्पताल में लगा दिए गए हैं कंडोम बाक्स

जालौन : कंडोम लेने में हिचके, अस्पताल में लगा दिए गए हैं कंडोम बाक्स

कंडोम बाक्स ---------

जालौन : मेडिकल स्टोर से लोगों के सामने कंडोम खरीदने में जिन लोगों को संकोच या हिचकिचाहट होती थी उनके लिए राहत की बात है। इसके लिए सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर कंडोम पेटिका (कंडोम बाक्स) की व्यवस्था की गयी है। यहां से 24 घंटे कभी भी निःशुल्क कंडोम प्राप्त किया जा सकता है। इस व्यवस्था से जहां एक ओर लोगों को शर्म और संकोच का सामना नहीं करना पड़ेगा वहीं उनकी जेब भी ढीली नहीं होगी और महिलाओं को अनचाहे गर्भ से छुटकारा भी मिलेगा।

 जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर लकड़ी से बने बॉक्स में कंडोम के पैकेट भरकर ऐसी जगह लगाये गए हैं, जहां सभी की पहुँच भी हो और उनकी गोपनीयता भी बनी रहे । यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध है और यहां से कभी भी निःशुल्क कंडोम प्राप्त किया जा सकता है। कंडोम बॉक्स खाली होने पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता पुनः इसे भर देते हैं और यह चक्र चलता रहता है ।

ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर गोविंद ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र .कदौरा  में कंडोम बॉक्स को अस्पताल के मुख्य गेट के बगल में लगाया गया है, जिससे यह आसानी से लोगों की पहुँच में हो। उन्होंने बताया  कि शुरुआत में लोगों को कम जानकारी थी लेकिन अब इसमें हर तीसरे दिन कंडोम के पैकेट भरने पड़ते हैं। उन्होने बताया कि ब्लॉक के सभी प्रसव केन्द्रों पर कंडोम बॉक्स उपलब्ध हैं ।

 मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनडी शर्मा का कहना है कि गर्भावस्था को रोकने के साथ ही संक्रमण को रोकना और यौन व प्रजनन स्वच्छता में सुधार करना पुरुष की भी जिम्मेदारी है। इसके लिए परिवार नियोजन का एक मात्र अस्थायी साधन “कंडोम” अधिकतर लोगों के लिए उपयुक्त है और इसका कोई दुष्प्रभाव भी नहीं है। इसकी उपलब्धता आमजन तक आसान हो, इसके लिए जनपद के 115 स्वास्थ्य केन्द्रों पर कंडोम पेटिका (कंडोम बाक्स) की व्यवस्था की गयी है। शेष 213 स्वास्थ्य केन्द्रों पर इसकी स्थापना के निर्देश दे दिये गए हैं । उन्होने बताया - जनपद में वित्तीय वर्ष 2019-20 में जहां 4.32  लाख कंडोम की खपत थी वहीं 2021 -22 में बढ़कर 4.70  लाख से अधिक हो गयी।    

कंडोम पेटिका को बताया उपयोगी –

नदीगांव  ब्लॉक के 31 वर्षीय दिनेश  की शादी पांच साल पहले हुई थी। उनका दो  साल का एक बच्चा है और अभी वह बच्चा नहीं चाहते हैं। इसके लिए वह पिछले तीन वर्षों से कंडोम का उपयोग कर रहे हैं। वह  कहते हैं कि कभी-कभी दुकान या मेडिकल स्टोर पर कंडोम खरीदने में हिचकिचाहट होती थी तो कभी पैसे न होने पर इसे खरीद नहीं पाता था। ऐसे में गर्भधारण का जोखिम बना रहता था। अस्पताल में कंडोम पेटिका लग जाने सेइसे 24 घंटे में कभी भी प्राप्त किया जा सकता है और गोपनीयता भी बनी रहती है।  


क्या है कंडोम -

परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ एसडी चौधरी ने बताया कि कंडोम परिवार नियोजन का अस्थायी साधन है। यह रबड़ का एक आवरण है जो शुक्राणुओं को महिला के गर्भाशय में प्रवेश करने से रोकता है। यह गर्भधारण को रोकने में 75 से 90 प्रतिशत तक कारगर है। इसके साथ ही यह यौन रोग व एड्स से भी बचाता है। उन्होने बताया कि अधिकतर कंडोम लेटेक्स से बने होते हैं। जिनको लेटेक्स से एलर्जी होती है वह पॉलीयूरेथीन से बने कंडोम का इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में परिवार नियोजन के अन्य साधनों की अपेक्षा कंडोम के उपयोगकर्ता अधिक हैं। इसके अलावा आशा कार्यकर्ता भी घर घर जाकर कंडोम वितरित करती हैं।


कंडोम के लाभ -

    बीस वर्ष से पहले यानि किशोर गर्भावस्था से बचाव

    अनचाहे गर्भ से बचाव

    दो बच्चों के जन्म के बीच तीन साल का अंतर रखने में सहायक

    उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था से बचाव

    मातृ एवं शिशु मृत्यु दर कम करने में सहायक

    यौन संचारित रोग से बचाव

    पुरुष की सहभागिता सुनिश्चित होती है


ऐसे करें उपयोग –

    हर बार नए कंडोम का इस्तेमाल करें

    पैकेट पर एक्स्पायरी डेट देख लें

    पैकेट से निकालते समय कंडोम फटना नहीं चाहिए

    इस्तेमाल के बाद कंडोम को गड्ढे में दबा दें या सुरक्षित निस्तारण करें

    यौन संबंध के दौरान यदि कंडोम फट जाए या फिसल जाय तो 24 घंटे के अंदर आपातकालीन गर्भ निरोधक का इस्तेमाल करें

    कंडोम ठंडे, शुष्क स्थान में, धूप से बचाकर रखें

    पुराने और फटे पैकेट में रखे कंडोम टूट सकते हैं

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS