प्रधानमंत्री मोदी ने ‘सहकार से समृद्धि’ सम्मेलन को संबोधित किया

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘सहकार से समृद्धि’ सम्मेलन को संबोधित किया

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज गुजरात की राजधानी गांधीनगर में ‘सहकार से समृद्धि’ सम्मेलन को संबोधित किया और इफ़्को की कलोल ईकाई में विश्व के पहले ‘नैनो यूरिया (तरल) संयंत्र’ का लोकार्पण भी किया

कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह भी शामिल हुए

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक क्रांतिकारी क़दम उठाते हुए भारत सरकार के पहले सहकारिता मंत्रालय की रचना की, ये क़दम आने वाले सौ साल तक सहकारिता आंदोलन को नया जीवन देने और प्राण फूंकने वाला है

देश की सहकारी चीनी मिलों की कई सालों से एक समस्या थी कि ज़्यादा मुनाफ़ा किसानों को अंतरित करने पर कर लगता था, इस बजट में मोदी जी ने उस व्यवस्था को समाप्त कर किसानों को 8,000 करोड़ रूपए से ज़्यादा का फ़ायदा पहुँचाया है

आज़ादी के समय से स्वदेशी और स्वावलंबन के दो स्तंभों के आधार पर सरदार पटेल और मोरारजी देसाई ने गांधीजी के नेतृत्व में सहकारिता आंदोलन की शुरूआत की

गुजरात का सहकारिता आंदोलन देशभर में सहकारिता के लिए सफल मॉडल माना जाता है और गुजरात ने सहकारिता की आत्मा को बचाए रखने का काम किया है

देश में बहुत कम राज्य ऐसे हैं जहां पैक्स से लेकर ऐपैक्स तक सहकारिता अच्छे तरीक़े, सिद्धांतो के अनुरूप और पारदर्शिता के साथ चलती हो,उनमें गुजरात भी शामिल है

देशभर के 65,000 से ज़्यादा पैक्स (PACS) के कम्प्यूटराईज़ेशन का काम भारत सरकार और नाबार्ड मिलकर करने वाले हैं

नई सहकार नीति बनाने के लिए भी भारत सरकार ने सुझाव मांगे हैं, सरकार पैक्स को बहुद्देशीय बनाने के लिए भी काम कर रही है

सहकारिता की सभी इकाईयों का एक बहुत बड़ा डेटा बैंक भी भारत सरकार बनाने जा रही है

श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा सहकारिता मंत्रालय बनाने की नई शुरूआत से जो बदलाव आएगा उससे हमारी भर्ती,ख़रीद,ऑडिट सिस्टम आदि में भी पारदर्शिता आएगी

इससे देश की जनता में सहकारिता आंदोलन की विश्वसनीयता बढ़ेगी और सहकारिता आंदोलन एक नए प्राण लेकर मोदी जी के 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के स्वप्न को साकार करने में योगदान देने के लिए तैयार होगा

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज गुजरात की राजधानी गांधीनगर में ‘सहकार से समृद्धि’ सम्मेलन को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इफ़्को की कलोल इकाई में विश्व के पहले ‘नैनो यूरिया (तरल) संयंत्र’ का लोकार्पण भी किया। कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह,केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मांडविया और गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति भी शामिल हुए।


इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि देश में लंबे समय से सहकारिता क्षेत्र से जुड़े लोगों की एक मांग थी कि केन्द्र सरकार में सहकारिता के लिए एक अलग मंत्रालय बनाया जाए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने एक क्रांतिकारी क़दम उठाते हुए पहले सहकारिता मंत्रालय की रचना की। ये क़दम आने वाले सौ साल तक सहकारिता आंदोलन को नया जीवन देने और प्राण फूंकने वाला है। मंत्रालय बनने के साथ ही इस साल के बजट में कई क़दम उठाए गए। देश की सहकारी चीनी मिलों की कई सालों से एक समस्या थी कि ज़्यादा मुनाफ़ा किसानों को अंतरित करने पर कर लगता था। इस बजट में मोदी जी ने उस व्यवस्था को समाप्त कर किसानों को 8,000 करोड़ रूपए से ज़्यादा का फ़ायदा पहुँचाया है। इसके अलावा सहकारिता की सभी इकाईयों पर लगने वाले सरचार्ज को 12 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया। क्रेडिट गारंटी फ़ंड ट्रस्ट के तहत सहकारी बैंकों को मान्यता नहीं थी, लेकिन भारत सरकार ने ये निर्णय लिया कि क्रेडिट गारंटी फ़ंड की जितनी भी योजनाएं हैं उन्हें सहकारी बैंकों के माध्यम से भी नीचे तक पहुंचाया जा सकेगा।


केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि भारत सरकार और नाबार्ड मिलकर देशभर के 65,000 से ज़्यादा पैक्स (PACS) के कम्प्यूटराईज़ेशन का काम करने वाले हैं। नई सहकार नीति बनाने के लिए भी भारत सरकार ने सुझाव मांगे हैं और सरकार पैक्स को बहुद्देशीय बनाने के लिए भी काम कर रही है। सहकारिता की सभी इकाईयों का एक बहुत बड़ा डेटा बैंक भी भारत सरकार बनाने जा रही है। ऑर्गेनिक कृषि उत्पादों की मार्केटिंग के लिए वर्तमान में कोई व्यवस्था नहीं है, लेकिन भारत सरकार ने अमूल के तत्वाधान में एक पहल की है। उन्होने  कहा कि सरकार मल्टी स्टेट कॉपरेटिव सोसाइटी एक्ट में भी सुधार करने जा रही है। श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा सहकारिता मंत्रालय बनाने के बाद इस नई शुरूआत से जो बदलाव आएगा उससे हमारी भर्ती, ख़रीद और ऑडिट सिस्टम आदि में भी पारदर्शिता आएगी। इससे देश की जनता में सहकारिता आंदोलन की विश्वसनीयता बढ़ेगी और सहकारिता आंदोलन एक नए प्राण लेकर मोदी जी के 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के स्वप्न को साकार करने में योगदान देने के लिए तैयार होगा।


श्री अमित शाह ने कहा कि आज शुरू हो रहे नैनो यूरिया तरल फॉर्म के बहुत सारे फायदे हैं। इससे हमारी भूमि, पानी और हवा प्रदूषित नहीं होगी, किसानों का स्वास्थ्य भी सुरक्षित रहेगा और इसे साथ ले जाना बहुत आसान होगा जिससे किसी प्रकार के ट्रांसपोर्टेशन की जरूरत भी नहीं होगी और बहुत सारा श्रम भी बचेगा। उन्होने कहा कि गुजरात का सहकारिता आंदोलन देशभर में सहकारिता के लिए सफल मॉडल माना जाता है और गुजरात ने सहकारिता की आत्मा को बचाए रखने का काम किया है। देश में बहुत कम राज्य ऐसे हैं जहां पैक्स से लेकर ऐपैक्स तक सहकारिता अच्छे तरीक़े, सिद्धांतो के अनुरूप और पारदर्शिता के साथ चलती हो, उनमें गुजरात शामिल है। आज़ादी के समय से स्वदेशी और स्वावलंबन के दो स्तंभों के आधार पर सरदार पटेल और मोरारजी देसाई ने गांधीजी के नेतृत्व में सहकारिता आंदोलन की शुरूआत की और बाद में त्रिभुवनदास पटेल और बैकुंठभाई मेहता से लेकर अनेक कार्यकर्ता इसके साथ जुड़ते गए। उन्होंने पूरा जीवन सहकारिता को मज़बूत बनाने में लगा दिया और उनके द्वारा बोया गया वो बीज आज एक वटवृक्ष बनकर देश और दुनिया के सामने खड़ा है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS