जालौन : हर्बल रंगों के साथ मनायें होली की खुशियां : सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा

 हर्बल रंगों के साथ मनायें होली की खुशियां : सीएमओ डॉ. एनडी शर्मा

खतरनाक हो सकता है होली में केमिकल युक्त रंगों का प्रयोग 

कोविड प्रोटोकाल का भी करें अवश्य पालन 

जालौन : होली में केमिकल युक्त रंगों का प्रयोग आप के लिए घातक हो सकता हैं। इससे त्वचा के झुलसने के साथ ही श्वांस व नेत्र रोग सम्बन्धित बीमारियां भी हो सकती है। लिहाजा होली पर केमिकल युक्त रंगों के प्रयोग से बचें और हर्बल रंगों के साथ होली की खुशियां मनायें। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एनडी शर्मा का।


डा. शर्मा ने कहा कि होली पर सभी को कोविड प्रोटोकाल का भी अवश्य पालन करना चाहिए । खास तौर पर उन लोगो को जो कोविड संक्रमण से गुजर चुके हैं।  ऐसे लोगो के लिए रसायन युक्त रंग काफी नुकसानदायक हो सकता है । 


डॉ शर्मा कहते हैं कि वर्तमान दौर में होली खेलने के लिए लोग जिन रंगों का अधिकांशतः प्रयोग करते है वह ऐसे रसायनों से तैयार किये जाते है जो लोगों के लिए बेहद ही हानिकारक होते हैं। होली पर जिन लोगों को इस तरह के रंग लगाये जाते है उन्हें त्वचा रोग होने का सर्वाधिक खतरा रहता हैं। रसायनों से युक्त रंग लगने के कुछ ही देर बाद त्वचा में तेज जलन, खुजली और दानों या फफोलों का निकलना शुरू हो जाता है। इन रंगों में कुछ ऐसे भी रसायन मिले होते है जिनके प्रयोग से त्वचा के झुलसने का खतरा होता है। अगर ये रंग आंखों में चले जाए तो इनसे आंखों को भी क्षति पहुंच सकती है। कई बार सांस के जरिये ये रंग फेफड़ों में भी जमा हो जाते है जिसके कारण वहां भी संक्रमण हो सकता है। इसलिए सभी को केमिकल युक्त रंगों से होली खेलने से बचना चाहिए। 


इस तरह करें बचाव - मुख्य चिकित्सा अधिकारी कहते है कि केमिकल युक्त रंगों से बचाव का बेहतर तरीका है कि होली वाले रोज घर निकलने से पहले पूरे शरीर में नारियल का तेल अवश्य लगाये। ऐसे कपड़े पहने जिससे शरीर का अधिकांश हिस्सा ढका रहे। इतना करने के बाद भी यदि किसी ने आपकों केमिकल युक्त रंग  लगा दिया है और आपके शरीर के किसी हिस्से में जलन अथवा किसी भी तरह की परेशानी हो तो चिकित्सक से तत्काल परामर्श लेना चाहिए।


हर्बल रंगों का करें प्रयोग - क्षेत्रीय आयुर्वेद अधिकारी डा. एमडी आर्या कहते  हैं कि पहले के जमाने में होली हर्बल रंगों से ही खेली जाती थी। लोग टेंसू या फिर अन्य फूलों को भिंगों कर होली खेलने खेलने के लिए रंग तैयार करते थे। इसके साथ ही चंदन, रोली का प्रयोग भी होली खेलने में होता था। ऐसे में होली पर लोगों को केमिकल रंगों से बचते हुए हर्बल  रंगों का प्रयोग करना चाहिए। 


फूलों की होली भी एक बेहतरीन विकल्प - डा. आर्या कहते हैं कि फूलों की होली एक बेहतरीन विकल्प है। इसका प्रचलन भी हाल के वर्षो में तेजी से बढ़ा है। गुलाब की पंखुड़ियों से होली खेलकर रासायनिक रंगों से बचा जा सकता है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS