धूम्रपान न करने की ली शपथ
जालौन : नो स्मोकिंग डे पर स्वास्थ्य केंद्रों पर आयोजित हुए जागरूकता कार्यक्रम
जालौन : धूम्रपान निषेध दिवस (नो स्मोकिंग डे) जिला अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर मनाया गया | इस दौरान हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। इसके साथ ही धूम्रपान न खुद करें और न दूसरों को करने दें की शपथ दिलाई गयी I मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित अचल प्रशिक्षण केंद्र में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. एन.डी शर्मा ने कहा कि धूम्रपान से न सिर्फ व्यक्ति की सेहत पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि आसपास रहने वालों पर भी उतना ही प्रभाव पड़ता है। धुआँयुक्त तंबाकू में लगभग चार हजार रासायनिक तत्व होते हैं , जो सांस के माध्यम से व्यक्ति के फेफड़ों तक पहुंचते हैं और कैंसर जैसी बीमारियों को उत्पन्न करते हैँ।
इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं गैर संचारी रोगों के नोडल अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि नो स्मोकिंग डे मार्च महीने के दूसरे बुधवार को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उ्ददेश्य लोगों को तंबाकू व ध्रूमपान से होने वाली समस्याओं के प्रति जागरूक करना है। यदि व्यक्ति तंबाकू उत्पादों का सेवन नहीं करता है तो उसकी सामाजिक और शारीरिक स्थिति मजबूत होती है। वह कई बीमारियों से बच सकता है।
जिला तंबाकू नियंत्रण इकाई की जनपदीय सलाहकार तृप्ति यादव ने कहा कि स्मोकिंग करने से ह्दय पर भी बुरा असर होता है। इसकी वजह से नसें ब्लाक हो जाती है और उसमें ब्लड फ्लो (रक्त प्रवाह) होने में दिक्कत होती है। इससे व्यक्ति का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। यही नहीं स्मोकिंग से नवजात शिशु पर भी घातक असर होता है।
जिला अस्पताल के तंबाकू नियंत्रण कक्ष के काउंसलर महेश कुमार ने बताया कि जिला अस्पताल के कमरा नंबर 14 में प्रत्येक कार्यदिवस में सुबह आठ बजे से दोपहर दो बजे तक तंबाकू उत्पादों के सेवन से होने वाली समस्याओं के बारे में काउंसलिंग की जाती है। काउंसलिंग से कई व्यक्ति गुटका व ध्रूमपान छोड़ भी चुके हैं। इस दौरान एसीएमओ डा. एसडी चौधरी, डा. संजीव प्रभाकर, एनएचएम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक डा. प्रेमप्रताप सिंह, डीसीपीएम डा. धर्मेंद्र कुमार, एआरओ आरपी विश्वकर्मा, एसके त्रिपाठी आदि मौजूद रहे। सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भी नो स्मोकिंग डे पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित हुए।