जालौन : खांसी की साउंड रिकॉर्डिंग से हो सकेगी टीबी मरीज की पहचान

जालौन : खांसी की साउंड रिकॉर्डिंग से हो सकेगी टीबी मरीज की पहचान  टीबी कफ कलेक्शन एप लांच, प्रयोग के तौर पर हो रही रिकार्डिंग    जालौन : अब खांसी की साउंड रिकार्डिंग से टीबी मरीज की पहचान की जा सकेगी | इसके लिए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत  टीबी कफ कलेक्शन  एप लांच किया गया है।    जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सुग्रीव बाबू ने बताया कि अब टीबी यानि  क्षय रोग की पहचान खांसी की आवाज से की जा सकेगी। इसमें रोगी या चिह्नित व्यक्ति की आवाज चार बार रिकार्ड की जाएगी। इस प्रक्रिया को रोगी की सहमति के बाद अपनाया जाएगा। आवाज अलग - अलग तरीके की  होती है । चिह्नित व्यक्ति से गितनी एक दो तीन आदि बुलवाई जाएगी। इसके अलावा  अ, आ, इ, ई भी बुलवाई जाएगी। मोबाइल पर एप चालू करके चार बार आवाज रिकार्ड होगी। इसके लिए टीमों को लगा दिया गया है। टीमें चिह्नित व्यक्ति के घर  मास्क पहनकर जाएंगी  और पूरी प्रक्रिया को करेंगी । इसमें व्यक्ति की सहमति भी ली जाएगी। उन्होंने बताया कि जितने भी मरीजों की जांच होगी, उनकी रिपोर्ट गोपनीय रखी जाएगी। यह किसी के साथ साझा नहीं होगी । यह प्रयोग सफल रहा तो बड़ी संख्या में मरीजों का तेजी से  चिन्हीकरण करने के साथ ही उनके इलाज में भी तेजी आएगी।    जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि इस एप के माध्यम से जिले में 36 संभावित मरीजों की जांच का लक्ष्य रखा गया था। इसमें टीबी मरीज, स्वस्थ लोग और टीबी मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों की जांच एप के माध्यम से की गई थी।  ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए गए अभियान में अभी तक 25  मरीजों की साउंड रिकार्डिंग कर एप के माध्यम से शासन को भेजी जा चुकी है।

जालौन : खांसी की साउंड रिकॉर्डिंग से हो सकेगी टीबी मरीज की पहचान

टीबी कफ कलेक्शन एप लांच, प्रयोग के तौर पर हो रही रिकार्डिंग

 

जालौन : अब खांसी की साउंड रिकार्डिंग से टीबी मरीज की पहचान की जा सकेगी | इसके लिए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत  टीबी कफ कलेक्शन  एप लांच किया गया है।


जिला क्षय रोग अधिकारी डा. सुग्रीव बाबू ने बताया कि अब टीबी यानि  क्षय रोग की पहचान खांसी की आवाज से की जा सकेगी। इसमें रोगी या चिह्नित व्यक्ति की आवाज चार बार रिकार्ड की जाएगी। इस प्रक्रिया को रोगी की सहमति के बाद अपनाया जाएगा। आवाज अलग - अलग तरीके की  होती है । चिह्नित व्यक्ति से गितनी एक दो तीन आदि बुलवाई जाएगी। इसके अलावा  अ, आ, इ, ई भी बुलवाई जाएगी। मोबाइल पर एप चालू करके चार बार आवाज रिकार्ड होगी। इसके लिए टीमों को लगा दिया गया है। टीमें चिह्नित व्यक्ति के घर  मास्क पहनकर जाएंगी  और पूरी प्रक्रिया को करेंगी । इसमें व्यक्ति की सहमति भी ली जाएगी। उन्होंने बताया कि जितने भी मरीजों की जांच होगी, उनकी रिपोर्ट गोपनीय रखी जाएगी। यह किसी के साथ साझा नहीं होगी । यह प्रयोग सफल रहा तो बड़ी संख्या में मरीजों का तेजी से  चिन्हीकरण करने के साथ ही उनके इलाज में भी तेजी आएगी।


जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि इस एप के माध्यम से जिले में 36 संभावित मरीजों की जांच का लक्ष्य रखा गया था। इसमें टीबी मरीज, स्वस्थ लोग और टीबी मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों की जांच एप के माध्यम से की गई थी।  ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए गए अभियान में अभी तक 25  मरीजों की साउंड रिकार्डिंग कर एप के माध्यम से शासन को भेजी जा चुकी है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS