सभी राज्यों और विश्वविद्यालयों के छात्रों को राष्ट्रीय समर स्मारक को देखने आना चाहिए : जी. किशन रेड्डी

केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी राष्ट्रीय समर स्मारक के रिट्रीट समारोह में शामिल हुए और शहीदों को श्रद्धांजलि दी


राष्ट्रीय समर स्मारक लोगों को देशभक्ति की भावना से भर देता है; सभी राज्यों और विश्वविद्यालयों के छात्रों को राष्ट्रीय समर स्मारक को देखने आना चाहिए : जी. किशन रेड्डी


केन्‍द्रीय पर्यटन, संस्‍कृति और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने आज नई दिल्‍ली में राष्‍ट्रीय समर स्‍मारक में समापन (रिट्रीट) समारोह में भाग लिया और युद्ध में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले तथा वीरता का विशिष्‍ट प्रदर्शन करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी। श्री रेड्डी ने स्मारक में निकटतम परिजन समारोह को भी देखा, जो हर शाम सूर्यास्त से पहले आयोजित किया जाता है।      


श्री जी. किशन रेड्डी ने स्मारक के पूरे परिसर का अवलोकन किया और देश की रक्षा के लिए भारतीय सशस्त्र बलों के ऐतिहासिक युद्धों और लड़ाईयों को दर्शाते हुए भित्ति चित्र भी देखे। श्री रेड्डी ने शहीदों को वर्चुअल रूप से श्रद्धांजलि दी।


समारोह के बाद मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री ने सभी से विशेष रूप से युवाओं से कर्तव्य के दौरान वीरगति को प्राप्त शहीदों की स्मृति में बने राष्ट्रीय समर स्मारक को आकर देखने की अपील की। जैसा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, श्री रेड्डी ने आग्रह किया कि सभी राज्यों और विश्वविद्यालयों के छात्रों को राष्ट्रीय समर स्मारक देखने आना चाहिए, जो हर किसी को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत कर देता है।


राष्ट्रीय समर संग्रहालय अपने सशस्त्र बलों के लिए एक राष्ट्र की कृतज्ञता का प्रतीक है। स्मारक हमारे नागरिकों में अपनत्व की भावना, उच्च नैतिक मूल्यों, बलिदान और राष्ट्रीय गौरव की भावना को सुदृढ़ करने में मदद करता है। यह स्मारक स्वतंत्रता के बाद से विभिन्न संघर्षों, संयुक्त राष्ट्र संचालन, मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियानों के दौरान हमारे सैनिकों द्वारा किए गए बलिदान का प्रमाण है। 2019 में अपने उद्घाटन के बाद से, एनडब्ल्यूएम दिल्ली आने वाले नागरिकों और पर्यटकों के बीच बहुत लोकप्रिय हो गया है।


प्रधानमंत्री ने 25 फरवरी, 2019 को राष्ट्रीय समर स्मारक का उद्घाटन और लोकार्पण किया था। मुख्य स्मारक के अलावा, 21 सैनिकों की आवक्ष प्रतिमाओं के लिए एक समर्पित क्षेत्र है, जिन्हें युद्ध में देश के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार 'परम वीर चक्र' से सम्मानित किया गया था। स्मारक परिसर, राजपथ और केन्द्रीय परिदृश्य योजना (विस्टा) के मौजूदा विन्यास (लेआउट) और आकार-प्रकार के अनुरूप है। भूनिर्माण और वास्तुकला की सादगी पर जोर देते हुए परिवेश की गंभीरता को बनाए रखा जाता है। मुख्य स्मारक का डिज़ाइन इस बात का उदाहरण है कि कर्तव्य पथ पर एक सैनिक का सर्वोच्च बलिदान न केवल उसे अमर बनाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि एक सैनिक की आत्मा शाश्वत रहती है।


युवा और दर्शकों की बड़ी संख्या तक राष्ट्रीय समर स्मारक की पहुंच बढ़ाने के लिए, राष्ट्रीय समर स्मारक वेबसाइट, मोबाइल ऐप और इंटरएक्टिव स्क्रीन लगाई गई हैं। इनके माध्यम से स्मारक की डिजिटल अपील को बढ़ाया गया है।


एनडब्ल्यूएम वेबसाइट/मोबाइल ऐप युद्ध में वीरगति को प्राप्त सैनिकों के इतिहास, महत्व, अवधारणा और विवरण को प्रदर्शित करता है। वेबसाइट/ऐप में शामिल सुविधाओं में 21 क्षेत्रीय भाषाओं में बहुभाषी बातचीत शामिल है, ताकि पूरे देश के आगंतुकों को इसे समझना आसान हो।


राष्ट्रीय समर स्मारक पर प्रतिदिन सूर्यास्त से पहले एक शहीद के परिजन द्वारा एक दैनिक रिट्रीट समारोह और एक दैनिक एनओके (निकटतम परिजन) समारोह आयोजित किया जाता है। स्मारक देखने के लिए सप्ताह के दिनों में लगभग 6000-8000 तथा सप्ताहांत पर लगभग 15000-20000 आगंतुक आते हैं।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS