जालौन : क्षय रोग के कलंक से मुक्ति की ली शपथ : जिला क्षय रोग अधिकारी बोले, क्षय रोग से मुक्ति में जनसमुदाय भी आगे आए
जालौन : क्षय रोग मुक्त भारत अभियान में जन समुदाय का जुड़ाव बढ़ाने के लिए अधिकारियों और समाजसेवी संस्थाओं ने क्षय रोग के कलंक से मुक्ति की शपथ ली। साथ ही क्षय रोगियों के साथ भेदभाव नहीं करने की भी बात कही। इस संबंध में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत अभियान को प्रभावी बनाने के लिए निदेशालय से एक पत्र जारी हुआ है। इसी क्रम में जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, स्वास्थ्य उपकेंद्रों के अलावा सरकारी कार्यालयों में क्षय रोग के कलंक के शमन के लिए शपथ ली जा रही है। साथ ही लायंस क्लब और रोटरी क्लब से भी इस अभियान में मदद की अपेक्षा की गई है। इसके अंतर्गत जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों और सरकारी कार्यालयों में क्षय रोग के कलंक से मुक्ति के जन अभियान में भागीदारी करने की शपथ दिलाई गई।
जिला क्षय रोग नियंत्रण केंद्र में क्षय रोग के कलंक से मुक्ति की शपथ दिलाई गई। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सुग्रीवबाबू ने कहा कि क्षय रोग लाइलाज नहीं है। यह दवाइयों से ठीक हो सकता है। इसमें लापरवाही बरतने पर जरूर यह रोग जानलेवा हो सकता है। इसलिए लगातार हफ्ते भर से ज्यादा खांसी आने, हल्का बुखार रहने या लगातार वजन कम होने पर टीबी की जांच करानी चाहिए। यह सभी सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि क्षय रोग से मुक्ति के लिए आम जन सामान्य का भी सहयोग जरूर है। टीबी रोगियों की खोज के लिए आने वाली टीमों का सहयोग करें, जिससे टीबी मरीजों को चिह्नित कर समय से इलाज मिल सके। उन्होंने बताया कि फिलहाल 2033 मरीज सरकारी अस्पतालों में इलाज ले रहे है। जबकि 636 मरीज प्राइवेट चिकित्सकों के लिए इलाज करा रहे है। सरकारी हो या प्राइवेट चिह्नित मरीजों को हर माह पांच सौ रुपये पोषण भत्ता उनके खाते में भेजा जा रहा है।