राष्ट्रपति ने नौसेना संचालन का प्रदर्शन देखा और स्वदेशी विमान वाहक पोत विक्रांत का दौरा किया

राष्ट्रपति ने नौसेना संचालन का प्रदर्शन देखा और स्वदेशी विमान वाहक पोत विक्रांत का दौरा किया

राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने 22 दिसंबर 2021 को एर्णाकुलम खाड़ी में नौसेना संचालन का प्रदर्शन देखा, जिसमें नौसैन्य कौशल और कार्य प्रणाली को दर्शाया गया। राष्ट्रपति के साथ केरल के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान और फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल एम.ए. हम्पीहोली, एवीएसएम, एनएम भी उपस्थित थे।

40 मिनट तक आयोजित हुए इस शानदार कार्यक्रम में नौसैनिक पोतों और विमानों की युद्ध क्षमता प्रदर्शित की गई, जिसमें कृत्रिम समुद्र तट टोही गतिविधि और घात लगाकर हमला, तेज इंटरसेप्टर छोटे विमानों द्वारा उच्च गति से उड़ना, तटीय बमबारी, हेलोबैटिक्स, सोनार डंक ऑपरेशन, बोर्डिंग संचालन और नौसेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा कार्गो स्लिंग ऑपरेशन आदि शामिल थे। आज दिन के मुख्य आकर्षण थे, नौसेना के जहाजों द्वारा स्टीम पास्ट के साथ-साथ सेल समुद्री प्रशिक्षण जहाज 'तरंगिनी' के यार्ड और हथियारों की मैनिंग, जो राष्ट्रपति के सम्मान में तीन बार जय का उद्घोष करते हुए एक कॉलम फॉर्मेशन में अपना कौशल प्रदर्शित कर रहे थे। कार्यक्रम का समापन नौसेना बैंड के बेहतरीन धुन प्रदर्शन और विमान द्वारा फ्लाई पास्ट के साथ हुआ।

राष्ट्रपति ने कोच्चि के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में निर्माणाधीन स्वदेशी विमान वाहक 'विक्रांत' का भी दौरा किया। यह राष्ट्रपति की इस पोत की पहली यात्रा थी। श्री कोविंद को जहाज क्रियान्वित करने की दिशा में परीक्षण की प्रगति के बारे में जानकारी प्रदान की गई।

स्वदेशी विमान वाहक पोत के निर्माण में स्वदेशी सामग्री 19341 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत का 76% के करीब है। आईएसी में भारतीय औद्योगिक घरानों और लगभग 100 एमएसएमई के द्वारा निर्मित उपकरणों के अलावा बड़ी संख्या में स्वदेशी सामग्री जैसे स्टील का इस्तेमाल किया गया है। पोत के स्वदेश में ही निर्माण होने से रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं और घरेलू अर्थव्यवस्था पर इसका मजबूत प्रभाव पड़ा है। विमान वाहक पोत के निर्माण कार्य के लिए प्रति वर्ष लगभग 2000 शिपयार्ड और 13000 गैर-यार्ड कर्मियों को रोजगार प्रदान किया गया है।

शक्तिशाली युद्धपोत के संक्षिप्त भ्रमण के बाद, राष्ट्रपति ने कार्य प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और स्वदेशी विमान वाहक पोत के निर्माण में स्वदेशी क्षमताओं के विकास की दिशा में भारतीय नौसेना तथा कोचीन शिपयार्ड के प्रयासों की सराहना की, जो 'आत्मनिर्भर भारत' के लिए देश की खोज का एक बेमिसाल उदाहरण है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS