गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परिवार की संयुक्त जिम्मेदारी हो : केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी

पोषण अभियान में केंद्र सरकार मुंबई के अल्पसंख्यक समुदायों की मदद को पहुंची

गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परिवार की संयुक्त जिम्मेदारी हो: केंद्रीय मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी

"हम एक नया भारत, एक स्वस्थ और रोग मुक्त भारत बनाना चाहते हैं": केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी और केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने “पोषण माह” के तहत आज मुंबई के विभिन्न स्थानों पर समाज के विभिन्न वर्गों के बीच पहुंच कर “पोषण जागरुकता अभियान” कार्यक्रमों में भाग लिया।

इन कार्यक्रमों का आयोजन केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से मुंबई के वंचित इलाकों में रहने वाले विभिन्न अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं के लाभ के लिए किया गया।

दिन भर के कार्यक्रमों के दौरान, केंद्रीय मंत्रियों ने मुस्लिम, बौद्ध, जैन, सिख, ईसाई और पारसी समुदायों के सदस्यों के साथ बातचीत की। मुस्लिम समुदाय के साथ बातचीत अंजुमन-ए-इस्लाम गर्ल्स स्कूल, बांद्रा में हुई; जैन, सिख और बौद्ध समुदायों के साथ, महात्मा गांधी सेवा मंदिर हॉल, बांद्रा में; ईसाई समुदाय के साथ, आवर लेडी ऑफ गुड काउंसल हाई स्कूल, सायन में, और पारसी समुदाय के साथ, दादर अथोर्नन इंस्टीट्यूट, दादर स्थित पारज़ोर फाउंडेशन में हुई।

"महिलाओं के मुद्दे अब मुख्यधारा का हिस्सा ,एक सामाजिक मुद्दा”

अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को संबोधित करते हुए, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने जोर देकर कहा कि प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं के मुद्दों को एक सामाजिक मुद्दे में बदल दिया है। उन्होंने कहा कि “मातृ स्वास्थ्य पर चर्चा अब केवल महिलाओं तक ही सीमित नहीं है। आजकल पुरुष भी महिलाओं की सेहत के बारे में सोचने लगे हैं। गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परिवार की संयुक्त जिम्मेदारी होनी चाहिए"।

अच्छे पोषण के महत्व पर बोलते हुए मंत्री महोदया ने कहा कि पोषण अभियान एक सामाजिक आंदोलन है। “अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के साथ, हम आज इसे अल्पसंख्यक समुदायों के बीच आगे ले जाने की कोशिश कर रहे हैं”। प्रत्येक नागरिक को इसे अपने जीवन में उचित महत्व देने का संकल्प लेना चाहिए। यदि हम दुनिया को यह बताना चाहते हैं कि भारत में एक भी बच्चा कुपोषण से पीड़ित नहीं है, तो सभी समुदायों के सदस्यों का आगे आना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पोषण के लिए स्वच्छता भी बहुत जरूरी है।

श्रीमती ईरानी ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत, गरीब गर्भवती महिलाओं के बैंक खातों में उनके पोषण, टीके, संस्थागत प्रसव और वेतन हानि की भरपाई के लिए एकमुश्त राशि प्रदान की जाती है। “अब तक प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत भारत सरकार ने 2 करोड़ लाभार्थियों के बैंक खातों में 8,800 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए हैं।” मंत्री महोदया ने जनप्रतिनिधियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि इस योजना का लाभ उनके निर्वाचन क्षेत्रों में जरूरतमंद गर्भवती महिलाओं तक पहुंचे।

महिला एवं बाल विकास मंत्री ने यह भी बताया कि सभी कोविड -19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए वर्ष 2020 में समुदाय आधारित 13 करोड़ कार्यक्रम चलाए गए। “पोषण अभियान के तहत 10 लाख आंगनबाड़ियों को विकास निगरानी उपकरण प्रदान किए गए हैं। देश में 9 लाख आंगनबाडी केंद्रों को मोबाइल फोन मुहैया कराए गए हैं। आज केंद्र और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारें पोशण ट्रैकर की मदद से 9 करोड़ गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और बच्चों की निगरानी कर रही हैं।

"हम एक नया भारत, एक स्वस्थ और रोग मुक्त भारत बनाना चाहते हैं"

केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने स्वच्छता और स्वास्थ्य को अत्यधिक महत्व दिया है। “पहली बार कोई सरकार पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने की कोशिश कर रही है। लोगों को जागरूक किया जाए कि हम जो नया भारत बनाना चाहते हैं वह भी स्वस्थ और रोग मुक्त भारत हो। हम सभी को इस भारत के निर्माण का प्रण लेना चाहिए।

श्री नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की "डिसीजन विद डिलीवरी" की प्रतिबद्धता रही है। “सरकार ने लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया है। सरकार ने समाज के सभी वर्गों के लोगों, विशेषकर बच्चों और महिलाओं, के स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पोषण अभियान देश में विशेष रूप से बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में  कुपोषण मिटाने के लिए एक प्रभावी जन आंदोलन बन गया है।

विभिन्न धार्मिक नेता; संसद सदस्य श्रीमती पूनम महाजन, श्री गोपाल शेट्टी, श्री मनोज कोटक और श्री राहुल राजेश शेवाले, विधायक श्री मंगल प्रभात लोढ़ा और श्री आशीष शेलार; श्री इंदेवर पांडे (सचिव, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय); श्रीमती रेणुका कुमार (सचिव, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय); श्री एस के देव वर्मन (सचिव, एनसीएम और सीएमडी एनएमडीएफसी); सुश्री रूबल अग्रवाल (आयुक्त, एकीकृत बाल विकास योजना, महाराष्ट्र सरकार); और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा अंजुमन-ए-इस्लाम के अध्यक्ष डॉ ज़हीर काज़ी; बॉम्बे पारसी पंचायत की अध्यक्षा सुश्री अर्माती तीरंदाज और सामाजिक और शिक्षा क्षेत्र के अन्य प्रमुख लोगों ने मुंबई में विभिन्न स्थानों पर "पोषण अभियान" जागरूकता अभियान में भाग लिया।

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति ईरानी ने धारावी का दौरा किया; महिलाओं के साथ बातचीत और पोषण किट बांटे

दिन में इससे पहले श्रीमती ईरानी ने मुंबई के धारावी में एक एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) योजना केंद्र का दौरा किया। मंत्री महोदया ने वहां गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और गंभीर तथा तीव्र कुपोषण के शिकार बच्चों को पोषण किट और फलों की टोकरियां वितरित कीं। उन्होंने योजना के तहत लाभ प्राप्त करने वाले विभिन्न नागरिकों के साथ बातचीत की और उनके घरों का भी दौरा किया। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री ने आईसीडीएस परिसर में डिजिटल गुड्डी गुड्डा बोर्ड का भी उद्घाटन किया। बोर्ड का उपयोग बेटी बचाओ बेटी पढाओ पहल के तहत जन्म के आंकड़ों को अद्यतन और निगरानी रखने और उसे दिखने के लिए किया जाता है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS