विद्युत मंत्रालय ने विद्युत उत्पादन लागत घटाने के लिए घरेलू कोयले के उपयोग में लचीलापन की अनुमति दी

विद्युत मंत्रालय ने विद्युत उत्पादन लागत घटाने के लिए घरेलू कोयले के उपयोग में लचीलापन की अनुमति दी

 विद्युत मंत्रालय ने विद्युत उत्पादन लागत घटाने के लिए घरेलू कोयले के उपयोग में लचीलापन की अनुमति दी

बिजली उपभोक्ताओं के लाभ के लिए सरकार की उपभोक्ता अनुकूल पहल

कोयला आयात में कमी और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम

भारत सरकार ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को बिजली उत्पादक स्टेशनों में घरेलू कोयले के उपयोग में लचीलापन की अनुमति देकर उन्हें सक्षम बनाया है ताकि विद्युत उत्पादन की लागत में कमी आए। राज्य अपने लिंकेज घरेलू कोयले का उपयोग कोयले के लचीले उपयोग के तहत केस-2 परिदृश्य-4 बिजली संयंत्रों में कर सकते हैं, जिससे बिजली की लागत में कमी आएगी। पूरी बचत बिजली उपभोक्ताओं को दी जाएगी।

इससे पंजाब, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश के वर्तमान उपभोक्ताओं को लाभ होगा। इससे केवल पंजाब में प्रति वर्ष लगभग 300 करोड़ रुपए की बचत होने की आशा है।

इससे कोयला आयात में कमी करने में मदद मिलेगी और यह आत्मानिर्भर भारत पहल के अनुरूप है। यह कार्बन उत्सर्जन को भी कम करेगा क्योंकि कोयले का उपयोग कम स्टेशन ताप दर वाले अधिक कुशल बिजली संयंत्रों में किया जाएगा।

घरेलू कोयले के इस्तेमाल में लचीलापन के अंतर्गत राज्य अपने समग्र लिंकेज कोयले यानी एग्रीगेटेड एनुअल कॉन्ट्रैक्ट क्वांटिटी (एएसीक्यू) का उपयोग उन बिजली संयंत्रों में भी कर सकते हैं, जिन्हें केस-परिदृश्य-4 के तहत स्पर्धी बोली के माध्यम से स्थापित किया गया है।

केस-2, परिदृश्य-4 बिजली संयंत्र वह बिजली संयंत्र हैं जिनकी बोली कुल ताप दर के आधार पर लगाई गई है और ऐसे संयंत्रों से उत्पादित बिजली की आपूर्ति राज्य को ही की जाती है। इन बिजली संयंत्रों की स्थापना विद्युत मंत्रालय द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 के सेक्शन 63 के अंतर्गत जारी दिशा-निर्देशों के तहत बोली प्रक्रिया के माध्यम से की गई है। 

राज्य द्वारा लिंकेज कोयले का अंतरण करते समय यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि ये संयंत्र राज्य के स्वामित्व वाले संयंत्रों की तुलना में अधिक लागत कुशल हैं जिससे बिजली खरीद की लागत में बचत होती है। राज्य के ऐसे लिंकेज घरेलू कोयले के उपयोग के कारण होने वाली पूरी बचत स्वतः डिस्कॉम और अंततः उपभोक्ताओं को दी जाएगी। ये बिजली संयंत्र अंतरित कोयले का उपयोग राज्य में आपूर्ति के लिए ही बिजली उत्पादन में कर सकेंगे।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS