अंतर्राष्ट्रीय राहत सहायता के तहत देश को 3000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मिले

भारतीय सीमा शुल्क के पास ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कोई खेप लंबित नहीं अंतर्राष्ट्रीय राहत सहायता के तहत देश को 3000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मिले, सभी को वितरित/ भेजा गया सीमा शुल्क आधिकारी विदेशों से आने वाले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खेप को क्लियर करने के लिए 24 घंटे और हफ्ते के सातों दिन (24×7) काम कर रहे कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी खबरे आई हैं कि सीमा शुल्क आधिकारियों से मंजूरी के इंतजार में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (सांद्रक) सीमा शुल्क विभाग के गोदाम में लंबित हैं। यह समाचार पूरी तरह से गलत है और तथ्यों पर आधारित नहीं है।

 भारतीय सीमा शुल्क के पास ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कोई खेप लंबित नहीं

अंतर्राष्ट्रीय राहत सहायता के तहत देश को 3000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मिले, सभी को वितरित/ भेजा गया

सीमा शुल्क आधिकारी विदेशों से आने वाले ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की खेप को क्लियर करने के लिए 24 घंटे और हफ्ते के सातों दिन (24×7) काम कर रहे

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी खबरे आई हैं कि सीमा शुल्क आधिकारियों से मंजूरी के इंतजार में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (सांद्रक) सीमा शुल्क विभाग के गोदाम में लंबित हैं

यह समाचार पूरी तरह से गलत है और तथ्यों पर आधारित नहीं है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने स्पष्ट किया है कि भारतीय सीमा शुल्क के पास ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कोई खेप लंबित नहीं है। भारतीय सीमा शुल्क तेजी से सभी खेपों को क्लियरिंग कर रहा है और किसी भी बंदरगाह पर कोई कंसाइनमेंट लंबित होने की जानकारी नहीं हैं।

अंतर्राष्ट्रीय राहत सहायता के तहत विभिन्न देशों से 3000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भारत सरकार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सामूहिक रूप से वैश्विक महामारी कोराना से लड़ने के लिए अभी तक मिले हैं। इनमें से मॉरीशस ने 200, रूस ने (20), ब्रिटेन ने चार खेप (95 + 120 + 280 + 174), रोमानिया से 80, आयरलैंड से 700, थाईलैंड (30), चीन (1000) और उज्बेकिस्तान ने 151 ऑक्सीजन कंसंट्रेट भेजे हैं। इसके अलावा, ताइवान ने 150 भेजे हैं। ये ऑक्सीजन कंसंट्रेटर या तो पहचने किए गए अस्पतालों को वितरित किए जा चुके हैं, या डिलीवरी के लिए भेजे दिए गए हैं। राहत सामग्री सड़क और हवाई मार्ग से भी भेजी गई है। सीमा शुल्क विभाग के गोदाम में कोई ऑक्सीजन कंसंट्रेटर लंबित नहीं हैं, यह स्पष्ट किया गया है।

भारतीय सीमा शुल्क विभाग ऑक्सीजन और ऑक्सीजन से संबंधित उपकरणों आदि सहित कोविड के इलाज संबंधित समानों की आयात की के प्रति संवेदनशील है, और हफ्ते के सातों दिन और 24 घंटे काम कर आयातित समानों की क्लियरिंग करने का काम कर रही है। बंदरगाह पर किसी सामान के पहुंचने के एक घंटे के अंदर निकासी की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। कोविड से जुड़े राहत सामग्री की क्लियरिंग पर सीमा शुल्क विभाग खास जोर दे रहा है और दूसरे सामान के मुकाबले कोविड समाग्री को उच्च प्राथमिकता दिया जा रहा है। वहीं, नोडल अधिकारी को निगरानी और निकासी के लिए ईमेल पर अलर्ट मिल रहा है। कोविड संबंधित आयातित सामानों की क्लियरेंस के लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निगरानी भी की जा रही है।

हाल ही में सीमा शुल्क अधिकारियों के पास 3,000 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की एक खेप फंसे होने का झूठा मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में आया था और सरकारी वकील ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में कस्टम अधिकारियों के पास ऐसी कोई खेप लंबित नहीं है। वित्त मंत्रालय ने 3 मई को साफ किया था कि सीमा शुल्क कस्टम्स अधिकारियों के पास 3,000 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का कोई खेप नहीं रुका हुआ है। दरअसल, सोशल मीडिया पर इस तरह की खबरें वायरल हो रही थीं कि सीमा शुल्क के पास 3,000 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर का खेप रुका है। मंत्रालय ने कहा, हमने अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों से पता किया है और पाया कि सीमा शुल्क के पास ऐसी कोई खेप नहीं है। हालांकि, चूंकि इस संबंध में ट्विटर पर तस्वीरें भी चल रही हैं, तो हम चाहेंगे कि अगर किसी के पास यह जानकारी है कि कंसाइनमेंट किस जगह पर रुका है, तो हमें बताए। हम तत्काल कदम उठाएंगे।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS