प्रधानमंत्री मोदी ने नाइट्रोजन संयंत्रों को ऑक्सीजन संयंत्रों में बदलने के काम की प्रगति की समीक्षा की

प्रधानमंत्री मोदी ने नाइट्रोजन संयंत्रों को ऑक्सीजन संयंत्रों में बदलने के काम की प्रगति की समीक्षा की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नाइट्रोजन संयंत्रों को ऑक्सीजन संयंत्रों में बदलने के काम की प्रगति की समीक्षा की

कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बीच चिकित्सा ऑक्सीजन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने ऑक्सीजन उत्पादन के लिए मौजूदा नाइट्रोजन संयंत्रों को ऑक्सीजन संयंत्रों में बदलने की व्यवहार्यता का पता लगाया है। ऐसे विभिन्न संभावित उद्योगों की पहचान की गई है जिनमें मौजूदा नाइट्रोजन संयंत्रों को ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए परिवर्तित किया जा सकता है।

मौजूदा प्रेशर स्विंग एड्सॉर्प्शन (पीएसए) नाइट्रोजन संयंत्रों को ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए परिवर्तित करने की प्रक्रिया पर चर्चा की गई। नाइट्रोजन संयंत्रों में कार्बन मॉलिक्यूलर सीव (सीएमएस) का उपयोग किया जाता है जबकि ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए ज़ियोलाइट मॉलीक्युलर सीव (ज़ेडएमएस) की आवश्यकता होती है। इसलिए, सीएमएस को ज़ेडएमएस के साथ बदलकर और कुछ अन्य परिवर्तनों जैसे ऑक्सीजन एनालाइज़र, कंट्रोल पैनल प्रणाली, प्रवाह वाल्व आदि के साथ मौजूदा नाइट्रोजन संयंत्रों में ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए परिवर्तित किया जा सकता है।

उद्योगों के साथ विचार-विमर्श के बाद अब तक 14 उद्योगों की पहचान की गई है, जहां नाइट्रोजन संयंत्रों के रूपांतरण का काम प्रगति पर है। इसके अलावा, उद्योग संघों की मदद से 37 नाइट्रोजन संयंत्रों की इस कार्य के लिए पहचान की गई है।

ऑक्सीजन के उत्पादन के लिए संशोधित नाइट्रोजन संयंत्र को या तो पास के अस्पताल में स्थानांतरित किया जा सकता है, और अगर इस संयंत्र को स्थानांतरित करना संभव नहीं है, तो इसका उपयोग ऑक्सीजन के ऑन-साइट उत्पादन के लिए किया जा सकता है, जिसे विशेष पोत / सिलेंडर से अस्पताल में पहुंचाया जा सकता है।

बैठक में प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS