स्वच्छता ही सेवा—2025
स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस—2025) पर न्याय विभाग में 17 सितंबर से 02 अक्तूबर 2025 के दौरान अभियान आयोजित किया गया। इसका विषय था,'स्वच्छोत्सव' जो त्योहारों के इस मौसम की भावना से मिलता—जुलता है।
अभियान 17 सितंबर, 2025 को न्याय विभाग के सचिव द्वारा विभाग के सभी अफसरों एवं कर्मचारियों को दिलाई गई स्वच्छता की शपथ के साथ शुरू हुआ।
अभियान का जोर ऐसे क्षेत्रों की गहन सफाई पर केंद्रित रहा जो कार्यालय की रोजमर्रा सफाई/रखरखाव के दौरान उपेक्षित रह जाते हैं। इन क्षेत्रों में छतों, छतों पर रखी पानी की टंकियों, विभिन्न कमरों के पर्दों की धुलाई/सफाई और उन्हें बदलने पर ध्यान दिया गया। विभागीय कैंटीन,गलियारों,सीढ़ियों, दीवार पर लगे पत्थरों, टाइलों, आदि की स्वच्छता एवं माहौल को चमकाने के लिए विशेष प्रयास किए गए। भीतर रखे पौधों के गमलों की पुताईभी की गई। इसके अलावा लटके हुए तार, टूटे—फूटे फर्नीचर एवं कंप्यूटर—प्रिंटर एवं सर्विस मांग रहे उपकरणों की तत्काल सर्विस की गई अथवा उन्हें बदल दिया गया। जहां भी संभव हुआ वहां कमरों, गलियारों आदि की पुताई भी करवाई गई।
न्याय विभाग के सचिव के कुशल नेतृत्व में सारे अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने देशव्यापी ऐच्छिक श्रमदान'एक दिन,एक घंटा एक साथ' में 25 सितंबर 2025 को भागीदारी की।
तीन सिद्धांतों— घटाओ, पुन: प्रयोग एवं पुर्नचक्रण के बारे में जानकारी सत्र विभाग में आयोजित किया गया। उसमें इन सिद्धांतों को रोजमर्रा जीवन में अपनाने एवं इन पर आधारित कचरा प्रबंधन गतिविधियों पर दुबारा ध्यान/प्राथमिकता देने की बात समझाई गई।
इसके अलावा अभियान अवधि में एवं स्वच्छ/हरेभरे उत्सव के दौरान जैसलमेर हाउस के सामने वाले बागीचे में पौधरोपण भी किया गया। यह उत्सव एसएचएस2025 का महत्वपूर्ण अंग है। उसका उद्देश्य अपने आसपास के पर्यावरण में सुधार के लिए हमारे सामूहिक प्रयास और वहनीय विकास की दृष्टि से जिम्मेदारी को जोड़ने पर जोर देना है।
स्वच्छोत्सव अभियान के ही अंतर्गत जैसलमेर हाउस स्थित विभाग के कार्यालय में उपेक्षित स्थानों (कूड़ा डालने वाले स्थान जिनसे पर्यावरण, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता को खतरा होता है)की गहन सफाई की गई। साथ ही रद्दी सामान को अलग करके उसके अंतिम निस्तारण के लिए छांटा गया।
अभियान का 02 अक्तूबर को स्वच्छ भारत दिवस के रूप में मना कर सफल समापन किया गया। उसमें न्याय विभाग के सचिव की अगुआई में श्रमदान किया गया जिसमें सभी अधिकारियों एवं कर्मचारी शामिल हुए। कल्याणकारी उपाय के रूप में विभाग के सफाई मित्रों को उनके कार्य की सराहना के प्रतीक रूप में उपहार एवं केट दिए गए जिनमें टी शर्ट, टोपी, दस्ताने आदि शामिल थे।
