केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने असम के नागांव में लखपति दीदियों से संवाद किया

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने असम के नागांव में लखपति दीदियों से संवाद किया

अब लखपति दीदियां उद्यमी बनेंगी, उद्योगपति बनेंगी - श्री शिवराज सिंह चौहान

किसी बहन को गरीब नहीं रहने देंगे, देशभर में लखपति दीदियों की संख्या बढ़ाने के लिए महाभियान जारी – श्री चौहान

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बल मिला है- श्री चौहान

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ‘लोकल फॉर वोकल’ विजन तेजी से बढ़ रहा है- श्री चौहान

केंद्रीय ग्रामीण विकास व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने पूर्वोत्तर दौरे के तीसरे और अंतिम दिन असम, नागांव जिले के भेलुगुड़ी में स्वयं सहायता समूहों की लखपति दीदियों से मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने लखपति दीदियों से संवाद किया, अनुभव साझा किए और सशक्तिकरण की प्रेरक कहानियाँ सुनीं।

श्री चौहान ने कहा कि नारी सशक्तिकरण का प्रतीक है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बल मिला है। मैं प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद दूंगा, असम के मुख्यमंत्री श्री हिमंत जी को भी धन्यवाद दूंगा कि उनके मार्गदर्शन में असम में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन का काम बहुत अच्छा चल रहा।

श्री चौहान ने कहा कि आगे हमारा संकल्प है कि हर गरीब परिवार की बहन स्वयं सहायता समूह से जुड़े। अलग-अलग व्यवसाय के जरिए जीविकोपार्जन करें। असम में तो असीम क्षमता है। यहां के लोकल उत्पाद, हल्दी से लेकर मिर्ची तक हर उत्पाद को प्रोसेसिंग और पैकेजिंग के जरिए बढ़ाकर स्वावलंबन की दिशा में महत्वपूर्ण उपलब्धि अर्जित की जा सकती है। यहां कि महिलाएं इस दिशा में तेजी से बढ़ भी रही हैं, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी का ‘लोकल फॉल वोकल’ विजन सार्थक हो रहा है।

श्री चौहान ने कहा कि कल मैं काजीरंगा में था। वहाँ अदरक की प्रोसेसिंग का काम देखा, फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी देखी। मुख्यमंत्री श्री हिमंत बिस्वा के कामकाज की सराहना करते हुए कहा कि प्रसन्नता कि बात है कि कई लखपति दीदियों की आमदनी यहां 10 लाख रुपये सालाना तक पहुंच गई है। मैं आपको हृदय से धन्यवाद देना चाहता हूँ। यहां मिलियन दीदी मिल गई जो एक साल में 10 लाख रुपए कमा रही हैं।

अंत में श्री चौहान ने कहा कि उचित प्रशिक्षण और बैंक लिंकेज के कारण 8 लाख 50 हजार दीदियाँ असम में लखपति दीदी बन गई हैं और जो अन्य 33 लाख बहनें, स्वयं सहायता समूहों में काम कर रही हैं, उन्हें भी जल्द ही लखपति दीदी बनाने की दिशा में युद्धस्तर पर प्रयास जारी है।

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Journalist Anil Prabhakar

Editor UPVIRAL24 NEWS